बक्सर
. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त हिंदुस्तान अभियान के तहत जिले के सभी पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में जिला यक्ष्मा केंद्र प्रयासरत है। इस क्रम में टीबी मुक्त पंचायत अभियान को गति देने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में स्थित प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ साथ सदर अस्पताल, बक्सर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सरेजा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ट्रू-नॉट लगाए जा चुके हैं. ताकि, टीबी के लक्षण वाले मरीजों को जल्द और सुलभ तरीके से बलगम की रिपोर्ट दी जा सके. जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि जिले में अब तक 57 पंचायतों को टीबी मुक्त किया गया. इनमें 54 पंचायत को कांस्य पदक और तीन पंचायतों को रजत पदक के लिए नॉमिनेट किया गया है. लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश पर आगामी वर्ष जिले के सभी 136 पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए सभी प्रखंडों में जांच सुविधा को और भी सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य के केंद्रों में ट्रू-नॉट मशीन लगाया गया है. साथ ही, जिला यक्ष्मा केंद्र में मरीजों की जांच के लिए सीबी-नॉट मशीन उपलब्ध हैमरीजों को पोषण के लिए हर माह दी जाती है एक हजार की राशि :डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया कि अब मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज की अवधि के दौरान प्रतिमाह एक हजार रुपये राशि दी जा रही है. मरीजों को यह राशि तीन किश्तों में उनके खाते में भेजी जाती है. इसमें सबसे पहले टीबी के नए मरीजों को नोटिफिकेशन के साथ पहली किश्त में एक हजार और उसके बाद दूसरी किश्त 84 दिनों के भीतर दो हजार रुपये की राशि भेजी जाती है. उसके बाद 84 दिनों के लिए उन्हें तीसरी किश्त में तीन हजार रुपये की राशि भेजी जा रही है. यानि की अब टीबी मरीजों के पोषण को और सुधारने और उन्हें जल्द ठीक करने के लिए इलाज की अवधि (छह माह) के दौरान छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं. जांच में पुष्टि हो के बाद निःशुल्क मिलती है दवा :जिला यक्ष्मा केंद्र के डीपीसी कुमार गौरव ने बताया कि टीबी का लक्षण वाले मरीज अनिवार्य रूप से जांच कराएं. टीबी का हल्का-सा भी लक्षण दिखे तो जांच कराने स्वास्थ्य केंद्र जाएं. जांच में पुष्टि हो जाने के बाद आपको निःशुल्क दवा मिलती है. साथ में निक्षय मित्र योजना के तहत टीबी के इलाजरत मरीजों को गोद लिया जा रहा है, जिनके माध्यम से मरीजों इलाज की अवधि के दौरान पोषण किट उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी प्रशासनी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज की व्यवस्था है. इसलिए अगर लक्षण दिखे तो तत्काल जांच कराएं. मरीजों को निःशुल्क दवा उपलब्ध कराई जाती है. साधारण टीबी और एमडीआर टीबी दोनों में से किसी भी तरह के मरीज हों, अपनी दवाओं का नियमित सेवन करें. साधारण टीबी मरीजों की दवा छह महीने तथा एमडीआर की छह से 20 महीने तक चलती है.
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