Electric Shock Death Gonda: गुरुवार की रात गोंडा जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के खैरा गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ. बिजली के करंट की चपेट में आकर एक ही परिवार के तीन सदस्य झुलस गए. सबसे पहले करंट ने पिता लक्ष्मीदत्त को अपनी चपेट में लिया. उन्हें बचाने दौड़ी बेटी डाली भी उसी तार से चिपक गई, जिसमें करंट था. मां नीलम ने जब दोनों की चीखें सुनीं तो वह भी दौड़ पड़ीं, लेकिन उन्हें भी करंट ने नहीं छोड़ा. तीनों मौके पर ही बेहोश होकर गिर पड़े.
कपड़े सुखाने के लिए इस्तेमाल हो रहे तार में दौड़ रहा था करंट
बताया गया कि 55 वर्षीय लक्ष्मीदत्त राजगीर का काम करते थे. गुरुवार रात काम से लौटकर उन्होंने नहाने के बाद कपड़े सुखाने के लिए तार का सहारा लिया. लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि जिस तार में वे कपड़े फैला रहे हैं, उसमें बिजली दौड़ रही है. जैसे ही उन्होंने तार को छुआ, उन्हें जोरदार झटका लगा और वे वहीं चिपक गए. उसी वक्त उनकी 22 वर्षीय बेटी डाली ने जब ये देखा, तो वह घबरा गई और तुरंत उन्हें बचाने के लिए दौड़ी. लेकिन जैसे ही उसने पिता को छुआ, वह भी करंट की चपेट में आ गई.
मां ने भी दिखाई हिम्मत, लेकिन किस्मत ने नहीं दिया साथ
लक्ष्मीदत्त और डाली की चीखें सुनकर 52 वर्षीय पत्नी नीलम बदहवास सी हालत में वहां पहुंचीं. उन्होंने जब दोनों को तार से चिपका देखा तो बचाने के लिए लपकीं. लेकिन उसी तार को छूते ही वे भी झुलस गईं और वहीं गिर पड़ीं. घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई. पड़ोसी दौड़कर पहुंचे और किसी तरह तीनों को तार से अलग कर तुरंत मेडिकल कॉलेज लेकर भागे.
डॉक्टरों ने पिता और बेटी को मृत घोषित किया, मां की हालत बेहद गंभीर
मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने लक्ष्मीदत्त और डाली को मृत घोषित कर दिया. वहीं, नीलम की हालत नाजुक बनी हुई है, उन्हें तुरंत ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी हालत पर नजर बनाए हुए है. हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.
डाली पांच महीने की गर्भवती थी, दो साल पहले हुई थी शादी
सबसे दुखद पहलू यह रहा कि डाली पांच महीने की गर्भवती थी. उसकी शादी दो साल पहले देहात कोतवाली क्षेत्र के उकेरा गांव निवासी अजीत से हुई थी. डाली मायके आई हुई थी और परिजनों के साथ समय बिता रही थी. परिजनों का कहना है कि वह बहुत खुश थी और आने वाले शिशु के लिए तैयारियां कर रही थी. इस हादसे ने न केवल एक बेटी की जान ले ली, बल्कि एक अजन्मे शिशु की भी जिंदगी छीन ली.
सेना में तैनात बेटा छुट्टी पर नहीं था, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
लक्ष्मीदत्त के परिवार में चार बेटियां और दो बेटे हैं. छोटा बेटा संदीप हिंदुस्तानीय सेना में तैनात है और हादसे के वक्त घर पर मौजूद नहीं था. बड़ा बेटा प्रदीप एक निजी चिकित्सक के पास काम करता है और उसी के साथ रहता है. बड़ी बेटी नैंसी की शादी हो चुकी है, जबकि दो छोटी बेटियां रूबी और शुभी अभी पढ़ाई कर रही हैं. इस हादसे के बाद पूरा परिवार सदमे में है और गांव में भी मातम पसरा हुआ है.
कोतवाली पुलिस कर रही जांच, गांव में शोक का माहौल
कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है. वहीं गांव वालों ने प्रशासन से बिजली व्यवस्था की जांच की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हो. पूरे गांव में गम और आक्रोश का माहौल है.
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