डुमरांव. डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एनएच 922 के किनारे नया भोजपुर थाना का भवन जर्जर हो गया है. प्रशासन जहां एक तरफ सुरक्षाकर्मियों के लिए मॉडल थाना बनाने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ नया भोजपुर थाने का भवन इतने जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है कि जान जोखिम में डालकर पुलिसकर्मी यहां पर ड्यूटी के साथ रह रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि कई बार विभागीय अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया फिर भी मामला अभी अधर में लटका है. कमरे मात्र तीन हैं जिसमें एक कमरे में थाने का काम होता है एवं दो कमरे में करीब 21 के संख्या में पुलिसकर्मी रहते हैं. बरामदे व घर का प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. हैरानी की बात यह है कि इस थाने पर विभागीय अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रहा है. सभी कमरे जर्जर, कहीं सुरक्षित नहीं : इसमें कमरे तीन हैं और एक बरामदा भी हैं लेकिन तीनों कमरे व बरामदा का हाल अति दयनीय हो चुका हैं. एक कमरे में थाने का काम चलता है, दूसरे कमरे में लगभग 21 की संख्या में पुलिसकर्मी रहते हैं. तीसरे कमरे को मालखान बनाया गया है. इस थाने में हाजत नहीं है थाने में हाजत नहीं होने के कारण कैदी भी पुलिस कर्मी के साथ रहता है हालांकि सुरक्षा को देखते हुए रात में यहां पर कैदी नहीं रखा जाता है. हादसे की आशंका से रात में पुलिसकर्मी सही ढ़ंग से सो भी नहीं पाते हैं. सीलिंग का प्लास्टर टूट कर गिरता रहता हैं. आधे से अधिक भवन का प्लास्टर टूट कर गिर चुका है. कहीं-कहीं छत भी दब गया है हर तरफ छत का सरिया दिख रहा है. कभी-कभी प्लास्टर पुलिसकर्मियों के ऊपर भी गीर जाता है. भय से पुलिसकर्मी सहमें रहते है. पेपर मील के मकान में वर्षों से चल रहा थाना: नया भोजपुर स्थित थाने का अपना मकान नहीं होने से किराए के मकान में संचालित होता है. करीब 23 वर्षों से यह सिलसिला चल रहा है. यह पेपर मिल का जर्जर भवन है जिसे किराये पर लिया गया है. बताया जाता है कि यह भवन बहुत पुराना पेपर मिल का है जो अब जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है. थाने के अंदर नहीं है बुनियादी व्यवस्थाएं: थाने के अंदर हाजत, सरिस्ता, मालखाना, बैरेक, आगंतुक कक्ष जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं. थाना के आवश्यक कागजात रखने की भी सुविधाएं नहीं हैं. बरसात के मौसम में सभी कमरों में टपकता है पानी: मानसून आने से बरसात शुरू हो गया है. थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि बरसात के मौसम में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि बरसात के मौसम में सभी कमरे से पानी टपकने लगता है, जिस कारण से थाने की फाइलें व अन्य आवश्यक कागजात बचाने के लिए प्लास्टिक टांगना पड़ता है. पुलिस कर्मीयों को भी प्लास्टिक टांग कर रहना पड़ता है. बरसात के मौसम में हर तरफ भवन में रिसाव होते रहता है. रिसाव के कारण दिवालों में करेंट भी फैल जाता है, जिस कारण से अनहोनी की आशांका हर समय बनी रहती है. दिन हो या रात हो, थाने परिसर के अंदर हर समय सांप, बिच्छू जैसे जहरीले कीड़े- मकोड़े निकलते रहते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि भवन के नवीनीकरण के लिए मिट्टी जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. ऐसे में अब देखना यह है कि कब तक पुलिस कर्मियों की नया भवन विभाग की तरफ से उपलब्ध कराया जा रहा है.
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