कार्यक्रम का उद्देश्य सिकल सेल जैसी गंभीर अनुवांशिक बीमारी के प्रति आम लोगों में जागरूकता फैलाना, रोग की समय रहते पहचान करना और उचित इलाज को जन-जन तक पहुंचाना रहा. सिविल सर्जन ने कहा कि सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है, जो संक्रमित माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित होता है. उन्होंने बताया कि इस रोग से बचाव और इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता और भागीदारी जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन इस दिशा में मुफ्त जांच, परामर्श, उपचार और दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है.
2047 तक उन्मूलन का लक्ष्य
सिविल सर्जन ने जानकारी दी कि झारखंड राज्य में जुलाई 2023 से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरुआत की गई है. इस मिशन के तहत 0-40 वर्ष आयु वर्ग के सभी लोगों की स्क्रीनिंग कर उन्हें आवश्यक परामर्श और उपचार प्रदान किया जा रहा है. मिशन का लक्ष्य है कि वर्ष 2047 तक राज्य में सिकल सेल रोग पूरी तरह समाप्त हो जाए, ताकि अगली पीढ़ी इस बीमारी से मुक्त हो सके. उन्होंने बताया कि यह बीमारी हीमोग्लोबिन की संरचना से जुड़ी होती है, जिससे शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं विकृत हो जाती हैं. इससे न केवल एनीमिया होता है, बल्कि शरीर के विभिन्न अंगों को भी क्षति पहुंचती है. रोग के वाहक व्यक्ति में भले ही लक्षण न दिखें, लेकिन वे अगली पीढ़ी में जीन ट्रांसफर कर सकते हैं. अतः विवाह पूर्व या गर्भधारण से पहले जांच और परामर्श अति आवश्यक है.
पखवाड़े के अंतर्गत होंगे कई कार्यक्रम
इस पखवाड़े के दौरान जिले के सभी प्रखंडों, स्वास्थ्य केंद्रों, विद्यालयों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में जांच शिविर, प्रचार-प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. लोगों को हाइड्रॉक्सी यूरिया जैसी आवश्यक दवाएं निःशुल्क उपलब्ध करायी जाएंगी. साथ ही, रोगियों और वाहक व्यक्तियों के लिए परामर्श एवं नियमित फॉलो-अप की भी व्यवस्था की गयी है. कार्यक्रम के समापन पर सभी लोगों से अपील की गयी कि वे इस सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं और अपने आस-पास के लोगों को सिकल सेल जांच कराने के लिए प्रेरित करें.
डिस्क्लेमर: यह नया विचार समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे नया विचार डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
The post Giridih News: सिकल सेल को लेकर सदर अस्पताल में जागरूकता पखवाड़ा शुरू appeared first on Naya Vichar.