सुपौल हिंदुस्तानीय जनसंघ के संस्थापक, महान राष्ट्रभक्त एवं बलिदानी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सोमवार को भाजपा जिला कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओं और नेताओं ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर वक्ताओं ने उनके राष्ट्रनिर्माण में दिए गए योगदान को याद करते हुए कहा कि डॉ मुखर्जी न केवल पश्चिम बंगाल के बल्कि पूरे हिंदुस्तानवर्ष के गौरव थे. स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वतंत्र हिंदुस्तान की नेतृत्व तक, उन्होंने सदैव राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पंडित नेहरू के मंत्रिमंडल में उद्योग, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहते हुए भी डॉ मुखर्जी की आत्मा इस बात को लेकर व्यथित थी कि देश में एक राष्ट्र, एक विधान, एक निशान की भावना लागू नहीं हो पाई. विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा और वहां लागू अलग संविधान व झंडे के विरुद्ध वे मुखर रूप से खड़े हुए. उन्होंने नेहरू प्रशासन से विशेष राज्य के प्रावधानों को समाप्त करने की मांग की, लेकिन मतभेद के चलते उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए के खिलाफ जन आंदोलन का नेतृत्व किया. दुर्भाग्यवश, आंदोलन के दौरान उन्हें जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किया गया और वहीं रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई. वक्ताओं ने भावुक होते हुए कहा कि डॉ मुखर्जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में 05 अगस्त 2019 को संसद के माध्यम से अनुच्छेद 370 और 35 ए को समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से हिंदुस्तान का अभिन्न अंग बना दिया गया. यह ऐतिहासिक कदम डॉ मुखर्जी के सपनों को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर है. श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ विजय शंकर चौधरी, सुरेंद्र नारायण पाठक, नलिन जायसवाल, अशोक शर्मा, विमलेंदु ठाकुर, मनोज पाठक सहित अन्य कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे.
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