International Potato Centre Agra : केंद्र में हिंदुस्तानीय जनता पार्टी (BJP) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की प्रशासन ने उत्तर प्रदेश को एक और बड़ा तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में ऐतिहासिक निर्णय लिया गया. उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में अब अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (International Potato Center – CIP) का दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र स्थापित किया जाएगा. इस परियोजना पर कुल 111 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह केंद्र 10 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा. जमीन की व्यवस्था राज्य प्रशासन ने निःशुल्क की है.
हिंदुस्तान में आलू उत्पादन को मिलेगा वैश्विक मान्यता
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक में लिए गए इस निर्णय की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह केंद्र हिंदुस्तान को वैश्विक कृषि नवाचार की दिशा में आगे ले जाने वाला कदम है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान आलू उत्पादन में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है और उत्तर प्रदेश इसमें सबसे आगे है. इस स्थिति को और बेहतर बनाने, किसानों को तकनीकी सहायता देने और उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
क्या होगा इस आलू केंद्र का उद्देश्य?
इस अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र का मुख्य उद्देश्य केवल आलू उत्पादन बढ़ाना ही नहीं, बल्कि इससे जुड़े बीज उत्पादन, कीट प्रबंधन, टिकाऊ खेती और किसान प्रशिक्षण जैसे पहलुओं को मजबूत करना है. यह केंद्र आलू की उन्नत किस्मों पर शोध करेगा, किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने के लिए प्रशिक्षित करेगा और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं (Best Global Practices) को अपनाने में सहायता करेगा.
इसके साथ ही यह केंद्र हिंदुस्तान प्रशासन, उत्तर प्रदेश प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय निकायों के समन्वय से संचालित होगा. परियोजना में केंद्र प्रशासन 111.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. यह कदम कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और किसानों की समृद्धि की दिशा में बड़ा परिवर्तन ला सकता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया आभार
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य में इस केंद्र की स्थापना खेती को तकनीक से, अन्न को अनुसंधान से और किसान को नवाचार से जोड़ने वाली सिद्ध होगी. योगी ने इसे खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, कृषि आधारित रोजगार और कृषक समृद्धि को नया आयाम देने वाला ऐतिहासिक निर्णय बताया. उन्होंने यह भी कहा कि यह केंद्र राज्य के लाखों किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
आपातकाल के 50 वर्ष पर भी आया प्रस्ताव
कैबिनेट बैठक में एक अन्य ऐतिहासिक विषय पर भी चर्चा हुई. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पास किया है. इस प्रस्ताव के जरिए उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि दी गई जिन्होंने आपातकाल के दौरान संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए बलिदान दिया.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दो मिनट का मौन रखकर उन नागरिकों को सम्मान दिया गया जिनके संवैधानिक अधिकार छीन लिए गए थे और जिन्हें भयावह यातनाओं का सामना करना पड़ा था. यह प्रस्ताव लोकतंत्र की मजबूती और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
किसानों के लिए खुलेंगे वैश्विक बाजारों के दरवाजे
विशेषज्ञों की मानें तो आगरा में स्थापित होने जा रहा अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र किसानों को सिर्फ प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता ही नहीं देगा, बल्कि हिंदुस्तानीय आलू को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने का कार्य भी करेगा. इसका असर किसानों की आमदनी पर सीधे तौर पर पड़ेगा और हिंदुस्तान आलू निर्यात में भी बड़ी भूमिका निभा सकेगा.
कृषि नवाचार की ओर यूपी का नया कदम
कुल मिलाकर, आगरा में अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र की स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की किसान-केंद्रित सोच और तकनीक आधारित कृषि सुधार नीति का एक ठोस उदाहरण है. इससे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे हिंदुस्तान के किसान लाभान्वित होंगे. यह परियोजना कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है और आने वाले वर्षों में किसानों के जीवन को नई दिशा दे सकती है.
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