Infrastructure: केंद्र प्रशासन ने झारखंड, सिक्किम, नागालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों में महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की. उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्र प्रशासन के संबंधित मंत्रालय, राज्य प्रशासन और परियोजना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) द्वारा अंतर-मंत्रालयी और राज्य समन्वय के जरिये परियोजना को तय समय में पूरा करने के उपायों पर चर्चा की गयी.
बैठक में झारखंड में 34213 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 11 महत्वपूर्ण परियोजनाओं के 18 मुद्दों, सिक्किम में कुल 943.04 करोड़ रुपये की लागत वाली 2 परियोजनाओं, नागालैंड में कुल 544.65 करोड़ रुपये की लागत वाली 2 परियोजनाओं, असम में कुल 6,700 करोड़ रुपये की लागत वाली 1 परियोजना और अरुणाचल प्रदेश में कुल 33469 करोड़ रुपये की लागत वाली 1 निजी परियोजना सहित 3 परियोजनाओं की समीक्षा की गयी.
डीपीआईआईटी सचिव ने परियोजना निगरानी के लिए संस्थागत ढांचे को मजबूत करने पर जोर देते हुए संबंधित अधिकारियों को लंबित मुद्दों के समाधान तत्काल करने का निर्देश दिया. परियोजना क्रियान्वयन में तेजी लाने और केंद्र प्रशासन, राज्य प्राधिकरणों तथा निजी हितधारकों के बीच सहयोग के जरिये मुद्दों का तय समय में समाधान सुनिश्चित करने के लिए परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) की विशेष प्रणाली का लाभ उठाने को कहा.
झारखंड में विद्युत परियोजना पर हुई चर्चा
झारखंड राज्य से संबंधित पतरातू थर्मल पावर स्टेशन विस्तार परियोजना के पहले चरण के विस्तार से समीक्षा की गयी. यह परियोजना राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी), पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीयूवीएनएल) के माध्यम से विद्युत मंत्रालय के तहत क्रियान्वित की जा रही है. परियोजना के तहत कुल 4000 मेगावाट की क्षमता स्थापित करना है, जिसमें प्रथम चरण में 800 मेगावाट की तीन इकाइयों को विकसित करना है. यह ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना मौजूदा पतरातू थर्मल पावर स्टेशन स्थल पर स्थापित की जा रही है और यह सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है, जो बेहतर दक्षता और कम उत्सर्जन करेगी. संयंत्र के लिए पानी पास के नलकारी बांध से लिया जाएगा, जबकि कोयले की आपूर्ति एनटीपीसी के कैप्टिव कोल ब्लॉकों के माध्यम से सुनिश्चित होगी.
अरुणाचल प्रदेश में 2880 मेगावाट की दिबांग जलविद्युत परियोजना की समीक्षा की गयी. इसे विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाली एनएचपीसी द्वारा विकसित किया जा रहा है. यह हिंदुस्तान में सबसे ऊंचा बांध होगा और हर साल 11223 मिलियन यूनिट स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगा. फरवरी 2032 तक शुरू होने वाली यह परियोजना बाढ़ नियंत्रण में भी मदद करेगी और राज्य को 13 फीसदी मुफ्त बिजली मुहैया कराएगी. इसके अलावा नागालैंड में कोहिमा बाईपास रोड और असम की योजना की समीक्षा की गयी.
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