मोहिउद्दीननगर . पुनर्स्थापन,पुनरुत्पादन और आक्रामक और संरक्षण प्रयासों से जैव विविधता को बल मिलेगा.इसमें जीवन को बनाए रखने वाली विकासवादी,पारिस्थितिक और सांस्कृतिक प्रक्रियाएं शामिल हो सकती है. यह बातें गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय फकीर तकिया में जैवविविधता संरक्षण पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बीइओ डॉ. मधुकर प्रसाद सिंह ने कही.अध्यक्षता एचएम आफताब आलम ने की. संचालन शिक्षक मेराज रजा ने किया. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लोगों और प्रकृति के बीच अंतरसंबधों को स्वीकार करके, अपने मौजूदा ज्ञान का आकलन करके और अपने संरक्षण निर्णय में सभी जीवन के लिए संरक्षण और स्थिरता के प्रभावी दृष्टिकोण विकसित कर जैवविविधता को संरक्षित कर सकते हैं.यह धारणा है कि सामाजिक और जैविक आयाम परस्पर जुड़े हुए हैं,जो मानव उपयोग, ज्ञान व विश्व भर की पारिस्थितिक प्रणालियों को प्रभावित करते हैं .
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