औरंगाबाद/कुटुंबा. उत्तर कोयल परियोजना के तहत मुख्य नहर में स्थित क्रॉस रेगुलेटर (सीआर) गेट के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए जल संसाधन विभाग ने भीम बराज के दाहिने (राइट) गेट को डाउन कर टेस्टिंग अस्थायी रूप से रोक दी है. इससे पहले 26 जून, गुरुवार को 271 क्यूसेक पानी बराज से टेस्टिंग के उद्देश्य से छोड़ा गया था. जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, नवीनगर डिवीजन के अधीन आने वाले मुख्य नहर के 107 आरडी और 124 आरडी के निकट स्थित क्रॉस रेगुलेटर गेट का रिमॉडलिंग कार्य तेज़ी से चल रहा है. पहले जल प्रवाह के कारण कार्य बाधित हो रहा था, जिसे देखते हुए अधिकारियों ने फिलहाल नहर का संचालन स्थगित कर दिया है. वहीं, मोहम्मदगंज स्थित भीम बराज जल से लबालब भर चुका है. बराज का वाटर पाउंड स्तर 2.3 मीटर तक पहुंच गया है, जिसके बाद करीब 6000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नदी के निचले हिस्से में बहाया जा रहा है.
कोयल नदी में जलस्तर में वृद्धि, बढ़ सकती है जल आमद
बराज के कार्यपालक अभियंता विनीत प्रकाश ने बताया कि कोयल नदी के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही वर्षा के कारण जल स्तर में वृद्धि हो रही है. शनिवार शाम डाल्टेनगंज में कोयल नदी का जलस्तर 90 सेंटीमीटर बढ़ा है. अनुमान है कि रविवार सुबह तक बराज में पानी की आमद और भी तेज़ हो जायेगी, जिससे 40 हजार क्यूसेक तक पानी नदी की ओर बहाया जा सकता है.
टेस्टिंग से पहले जरूरी है तटबंधों की जांच
अधिकारियों के अनुसार, नहर के सुचारु संचालन से पूर्व तटबंध और नहर की बेड टेस्टिंग अत्यंत आवश्यक है, जिससे किसी भी प्रकार के लिकेज की पहचान कर समय रहते मरम्मत की जा सके. किसानों से अपील की गयी है कि वे धैर्य रखें, इस बार धान की खेती के लिए सिंचाई जल की कोई कमी नहीं होगी.
भीम बराज की खस्ताहाल स्थिति बनी चिंता का विषय
मेदिनीनगर डिवीजन के अंतर्गत आने वाले भीम बराज की स्थिति संतोषजनक नहीं है. बराज में कुल 40 गेट हैं, जिनमें से 19 नंबर गेट में वर्ष 2016 से स्टॉप लॉग लगा हुआ है, जबकि 36 नंबर गेट का कंट्रोल पैनल खराब है. कई गेटों में जंग लग चुका है और रबर सीलें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे बाढ़ की स्थिति में खतरा उत्पन्न हो सकता है. जल संसाधन विभाग की लापरवाही बराज की संवेदनशीलता को उजागर करती है.
क्रॉस रेगुलेटर गेट कार्य 30 जून तक पूरा करने का लक्ष्य
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता अर्जुन प्रसाद सिंह ने बताया कि एक जुलाई से उत्तर कोयल नहर का नियमित संचालन सुनिश्चित करने के लिए 30 जून तक क्रॉस रेगुलेटर गेट का कार्य हर हाल में पूरा किया जायेगा. लगातार हो रही बारिश के कारण वेल्डिंग कार्य में परेशानी आ रही है, फिर भी वाप्कोस की टीम युद्ध स्तर पर कार्य में जुटी हुई है. पहले यहां बोल्डर मशीनरी से बने दो गेट थे, अब आरसीसी और कंक्रीट से तीन गेट बनाये जा रहे हैं, जिससे जल प्रवाह बेहतर होगा और अंतिम छोर के किसानों तक सिंचाई का पानी पहुंचेगा.
धान की नर्सरी की स्थिति
जिला कृषि कार्यालय के अनुसार, फिलहाल जिले में कुल 68% धान की नर्सरी तैयार की गयी है. बिचड़ा गिराने की प्रक्रिया जारी है. डीएओ रामईश्वर प्रसाद ने बताया कि जिले में 1.72 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होनी है, जिसमें से 17,200 हेक्टेयर में बिचड़ा गिराया जाना प्रस्तावित है.
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