प्रतिनिधि, मेदिनीनगर पलामू जिला स्वास्थ्य समिति ने शनिवार को विश्व रेबीज जागरूकता सप्ताह मनाया. इस अवसर पर सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में कार्यशाला का आयोजन हुआ. महामारी विशेषज्ञ डा अनूप सिंह ने विषय प्रवेश कराया. रेबीज बीमारी के कारण व उससे बचाव के बारे में जानकारी दिया. सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पालतू व आवारा जानवरों के काटने से रेबीज नामक बीमारी होती है. रेबीज जानलेवा बीमारी है, जो पूर्णतः ठीक हो सकता है. इसके लिए समय पर उचित उपचार जरूरी है. उन्होंने कहा कि गर्म खून वाले जानवरों के काटने से होने वाली इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है. क्योंकि इस बीमारी के लक्षण मरीजों में अंतिम चरण में दिखाई पड़ता है.जिसका उपचार नहीं किया जा सकता है. इसलिए इस बीमारी से बचने के उपाय को ही अपनाना चाहिए. आवारा जानवरों के काटने के बाद मरीज को तत्काल अस्पताल में इलाज कराना चाहिए. जिले के सभी अस्पताल और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में एंटी रेबीज वैक्सीन उपलब्ध है. संपूर्ण टीकाकरण द्वारा ही रेबीज बीमारी से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि रेबीज बीमारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक किया जाना आवश्यक है. जब लोग जागरूक होंगे, तब आवारा जानवरों के काटने के बाद उचित उपचार करायेंगे. अन्यथा जानकारी के अभाव में लोग मरीज का झाड़ फूंक कराने में समय व्यतीत कर देंगे. ऐसी स्थिति में बीमारी बढ़ने की संभावना रहती है. मौके पर डीआरसीएचओ डॉ अवधेश कुमार, जिला महामारी, डीपीएम देवेंद्र भूषण श्रीवास्तव, सुखराम बाबू, डीडीएम राजीव कुमार, अभिषेक आनंद, संतोष कुमार, बीटीटी अरुण तिवारी के अलावा स्वास्थ्य सहिया विद्या देवी, राजकुमारी, सरिता, कविता,इंद्राणी,गीता, शशि, आरती मौजूद थे.
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