बाद में लक्खी पूजा व मेला महेशमुंडा स्टेशन परिसर में स्थानांतरित कर दिया गया. कालांतर में स्टेशन प्रबंधक व स्थानीय कमेटी द्वारा आयोजित लक्खी पूजा सह मेला में दोनों समुदाय की सहभागिता से यह सांप्रदायिक एकता का प्रतीक बन गया. यहां गिरिडीह, मधुपुर, देवघर, जामताड़ा के लोग भी जुटने लगे. धीरे-धारे इसका विस्तार होता चला गया.
कोडरमा रेल लाइन बनने के बाद हुआ स्थल परिवर्तन
पूजा समिति के अध्यक्ष धनंजय राणा व सचिव विजय गोस्वामी ने बताया कि वर्ष 2018-19 में कोडरमा रेल लाइन बनने से स्टेशन परिसर में पूजा व मेला पर रोक लग गयी. इसके बाद बाद पूजा समिति ने पुनः रघेडीह में पूजा शुरू की. वर्तमान में यहां तीन दिवसीय लक्खी पूजा सह मेला का आयोजन होता है. इसके सफल आयोजन में दोनों समुदाय की भागीदारी होती है.
आज स्थापित होगी प्रतिमा, चार दिनों तक पूजा अर्चना व मेला का आयोजन
पूजा समिति ने बताया कि सोमवार को यहां प्रतिमा स्थापित कर पूजा की शुरुआत की जायेगी. पूजा व मेले को ले व्यापक तैयारी की जा रही है. भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. मेले में स्पोर्ट्स तमाशे, मनिहारी, मिठाई समेत अन्य दुकान सजने लगीं हैं.
पूजा कमेटी का हुआ विस्तार : वर्तमान में पूजा कमेटी के अध्यक्ष धनंजय राणा, सचिव विजय गोस्वामी, उपाध्यक्ष तुलसी तुरी व हेमराज साव, कोषाध्यक्ष किशुन गोप, पैसेंजर महतो व रामकुमार राणा, उप सचिव गोपाल राणा, जितेंद्र सिंह व जनार्दन दास बनाये गये हैं. वहीं एक दर्जन से अधिक सदस्य व वॉलंटियर चुने गये हैं.
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