Jaya Kishori: जया किशोरी जी कहती है कि आज की दुनिया मायाजाल से भरी हुई है. इंसान बाहरी चमक-धमक में इतना खो जाता है कि वह अपने जीवन के असली मूल्यों, लक्ष्यों और आत्मिक शांति को भूल जाता है. सोशल मीडिया, दिखावे और भौतिक सुखों की इस दौड़ में हम अपने असली ‘स्व’(रियल लाइफ) से दूर हो रहे हैं.
ऐसे में जरूरी है कि हम खुद को इस माया यानि ना-ना प्रकार के प्रलोभनों आकर्षणों से बचाकर आत्म-संतुलन बनाकर रखें. आइए जानते हैं जया किशोरी जी के बताए कुछ उपाय, जिनसे आप इस मायाजाल से खुद को दूर रख सकते हैं.
Jaya Kishori – How to Control Over Mind: इन 5 तरीकों से रखें मन को अपने वश में

1. आत्मचिंतन करें – अपने मन से पूछें मन की बात
हर दिन कुछ समय खुद के लिए निकालें. ध्यान, प्रार्थना या आत्ममंथन ( सेल्फ अनैलिसिस) करें. अपने मन से सवाल करें कि क्या आप जो कर रहे हैं, वह सही दिशा में है? आत्मचिंतन से व्यक्ति खुद को बेहतर समझ पाता है और मायाजाल से निकलने की शक्ति प्राप्त करता है.
2. दूसरों से तुलना करना छोड़ें और संतोष अपनाएं
दुनिया की सबसे बड़ी उलझन तुलना है. जब हम दूसरों की सफलता, धन या सुंदरता से खुद की तुलना करते हैं, तो हमारे मन में असंतोष बढ़ता है. जया किशोरी जी कहती हैं – संतोष ही असली सुख है.इसलिए जो है, उसी में खुश रहना सीखें. जों नहीं है उसके पीछे भागोगे तो जो है वो भी खो दोगे.
3. सोशल मीडिया से सीमित जुड़ाव रखें
आज सोशल मीडिया ने दिखावे की संस्कृति को और बढ़ा दिया है. फेक लाइफ देखकर लोग अपने वास्तविक जीवन को छोटा समझने लगते हैं. डेली सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें और उसे सिर्फ प्रेरणा का साधन बनाएं, प्रतिस्पर्धा का नहीं.
4. साधना और भक्ति में मन लगाएं
भक्ति और साधना वह शक्ति देती हैं जो इंसान को भीतर से मजबूत बनाती है. रोजाना भगवान का स्मरण करें, भजन सुनें या कोई आध्यात्मिक पुस्तक पढ़ें. यह अभ्यास मन को शांत और स्थिर रखता है.
5. सेवा का भाव रखें
जया किशोरी जी हमेशा कहती हैं कि सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं. जब हम दूसरों के लिए कुछ करते हैं वो भी निस्वार्थ भाव से, तो अहंकार और दिखावे की भावना अपने आप ही मिट जाती है. सेवा का भाव इंसान को विनम्र बनाता है और सच्ची खुशी देता है.
दुनिया की चमक-धमक और दिखावे में उलझना आसान है, लेकिन उससे बाहर निकलना ही सच्चा जीवन है. जया किशोरी जी के ये संदेश हमें याद दिलाते हैं कि असली सफलता भीतर की शांति और संतुलन में है, न कि बाहरी मायाजाल में.
जब मन शांत न हो तो क्या करना चाहिए?
जब मन शांत न हो, तो सबसे पहले खुद को एकांत में बैठाकर गहरी सांसे लें. ध्यान, प्राणायाम या छोटे ध्यान अभ्यास से मन को स्थिर किया जा सकता है. इससे विचारों का भ्रम कम होता है और मानसिक शांति बढ़ती है.
मन भटके तो क्या करें?
मन भटकने पर उसे दबाने की बजाय धीरे-धीरे केंद्रित करें. किसी एक काम, विचार या ध्यान का सहारा लें. जर्नलिंग करें या ध्यान केंद्रित करने वाले मंत्र का जाप करें, इससे मन फिर से संतुलित हो जाता है.
खुद पर नियंत्रण कैसे करें?
खुद पर नियंत्रण पाने के लिए रोजाना आत्म-चिंतन और अनुशासन अपनाएं.अपनी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को समझें और तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय सोच-समझकर निर्णय लें.
अपने मन-दिमाग पर कंट्रोल कैसे पाएं?
मन और दिमाग पर नियंत्रण पाने के लिए नियमित ध्यान, योग और सकारात्मक सोच का अभ्यास करें। सोशल मीडिया और बाहरी प्रभावों को सीमित करें. जब आप अपने विचारों को अवलोकन करते हैं, तो आप उनमें से अनावश्यक और नकारात्मक चीज़ों को पहचान कर छोड़ सकते हैं.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. नया विचार इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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