Shahbaz Sharif Warning: पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर हाल के दिनों में सुरक्षा तनाव बढ़ गया है. हर बार की तरह इस बार भी आरोप-प्रत्यारोप, गोलीबारी और जवाबी कार्रवाई का सिलसिला देखने को मिला. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अफगानिस्तान की “उकसावे वाली” हर गतिविधि की कड़ी निंदा की और स्पष्ट किया कि हर आक्रामक कदम का “कड़ा और प्रभावी” जवाब दिया जाएगा.
Shahbaz Sharif Warning: पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री ने अपने सशस्त्र बलों की “पेशेवर उत्कृष्टता” की जमकर सराहना की. उनका कहना था कि फील्ड मार्शल सैयद असीम मुनीर के साहसिक नेतृत्व में पाकिस्तानी सेना ने न केवल अफगानिस्तान की आक्रमकता का कड़ा जवाब दिया, बल्कि कई चौकियों को नष्ट कर दिया, जिससे अफ़ग़ान बल पीछे हटने पर मजबूर हुए. शहबाज शरीफ ने दोहराया कि पाकिस्तान की रक्षा में कोई समझौता नहीं होगा और देश अपने भूभाग के एक-एक इंच की रक्षा करने में सक्षम है.
Shahbaz Sharif Warning: सीमा पार आतंकवाद- पाकिस्तानी चिंता
प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की भूमि पर मौजूद आतंकवादी समूहों का जिक्र किया, जिनमें ‘फितना-तुल-खवारिज’ और ‘फितना-तुल-हिंदुस्तान’ शामिल हैं. उनका कहना था कि ये संगठन पाकिस्तान के खिलाफ हमले करने के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरिम अफगान प्रशासन यह सुनिश्चित करेगी कि उनका क्षेत्र आतंकवादियों के हमले का अड्डा न बने.
अफगानिस्तान का दावा- 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
अफगानिस्तान ने दावा किया कि रविवार को सीमा पर चलाए गए अभियानों में 58 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. तालिबान प्रशासन के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगान बलों ने 25 पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा किया, 58 सैनिक मारे गए और 30 घायल हुए. मुजाहिद ने बताया कि अफगानिस्तान की सभी सीमाओं पर स्थिति नियंत्रण में है और अवैध गतिविधियों को काफी हद तक रोका गया है. इससे पहले अफगान अधिकारियों ने पाकिस्तान पर काबुल और पूर्वी अफगानिस्तान के बाजारों पर बमबारी का आरोप लगाया था. पाकिस्तान ने इन हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली.
अफगान सेना हाई अलर्ट पर
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मावलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने कहा कि अफगान सेना पूरी तरह तैयार है और पाकिस्तान के “बार-बार किए गए उल्लंघनों” का जवाब कड़ी कार्रवाई के रूप में दिया जाएगा. हेलमंद, कंधार, पक्तिका, खोस्त, पक्तिया, जाबुल, नंगरहार और कुनार में सैन्य और मिलिशिया चौकियों को निशाना बनाया गया. उन्होंने “इस्लामिक आर्मी” को डूरंड रेखा पर हाई अलर्ट रहने का आदेश दिया.
हुर्रियत रेडियो के अनुसार, अफगान सैनिकों ने तीन पाकिस्तानी सुरक्षा चौकियों पर कब्जा किया. अफगान अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि किसी भी हमले का जवाब बिना किए नहीं छोड़ा जाएगा.
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और सीमाओं की बंदिश
शनिवार रात की झड़पों के बाद पाकिस्तान ने रविवार को अफगानिस्तान से लगी मुख्य सीमाएं बंद कर दी. रॉयटर्स के अनुसार, तोरखम और चमन के अलावा खारलाची, अंगूर अड्डा और गुलाम खान के छोटे रास्ते भी बंद किए गए. सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई का उद्देश्य टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के आतंकियों को अवैध रूप से देश में प्रवेश करने से रोकना था. जवाबी कार्रवाई में कई अफगान चौकियां नष्ट हुई और दर्जनों अफगान सैनिक मारे गए. गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इसे “अकारण” बताया और कहा कि अफगान बलों द्वारा नागरिक आबादी पर गोलीबारी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.
टीटीपी- विवाद का नया मोड़
पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान से आग्रह कर रहा है कि वह टीटीपी को अपनी जमीन पर पनाह न दे. टीटीपी अफगान तालिबान की विचारधारा साझा करता है. पाकिस्तान का दावा है कि 2021 से उसने इसके कई आतंकियों को मार गिराया है. यह तनाव ऐसे समय में बढ़ा है जब अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी हिंदुस्तान की एक सप्ताह की यात्रा पर हैं. यह उनके लिए तालिबान सत्ता में आने के बाद काबुल से पहली उच्च-स्तरीय विदेश यात्रा है.
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