Diwali 2025: दीवाली हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है. इसे लक्ष्मी पूजा और घर में सुख-शांति, धन-समृद्धि लाने के लिए मनाया जाता है. त्योहार से पहले घर की सफाई करना बहुत जरूरी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि स्वच्छ और व्यवस्थित घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है. लेकिन सफाई करते समय कुछ चीजों को बाहर फेंकते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
कौन सी चीजें बाहर नहीं फेंकें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीवाली पर पुराने सिक्के, सोना, चांदी, पूजा में इस्तेमाल की गई सामग्री और धार्मिक प्रतीक बाहर फेंकना अशुभ होता है. इन चीजों को बाहर फेंकने से देवी लक्ष्मी की कृपा कम हो सकती है और घर में धन-संपत्ति की कमी आ सकती है.
धार्मिक कारण
माना जाता है कि देवी लक्ष्मी साफ-सुथरे और सुरक्षित घर में रहती हैं. अगर पूजा में इस्तेमाल किए गए धन, आभूषण या चांदी बाहर फेंक दिए जाएं तो देवी संतुष्ट नहीं होतीं. घर से सिर्फ अपशिष्ट और टूटे-फटे सामान बाहर फेंकना चाहिए. ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मकता दूर रहती है.
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दीवाली की परंपरा कहती है कि धन और पूजा सामग्री को बाहर फेंकना अशुभ होता है. इससे न सिर्फ आर्थिक हानि का डर रहता है, बल्कि घर की समृद्धि और खुशहाली पर भी असर पड़ सकता है.
सुझाव
दीवाली पर घर की सफाई करते समय केवल पुराने कागज़, टूटे बर्तन और गैर-धार्मिक सामान बाहर फेंकें. पूजा में इस्तेमाल की गई सामग्री, सिक्के, सोना-चांदी और धार्मिक प्रतीक हमेशा सुरक्षित स्थान पर रखें. ऐसा करने से देवी लक्ष्मी का वास बना रहता है और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. यह परंपरा घर में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा लाने का माध्यम है.
इस साल 2025 में दीपावली कब है?
दीपावली 2025 इस साल 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
दीपावली 2025 का शुभ मुहूर्त क्या है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर की रात 9 बजकर 03 मिनट पर होगा. दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन का सबसे शुभ समय शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा.
राम मंदिर में दीपावली कब है?
राम मंदिर में दीपावली उसी दिन मनाई जाती है, जब पूरे देश में दिवाली का त्योहार आता है, यानी 21 अक्टूबर 2025 को.
दीपावली का राम से क्या संबंध है?
दीपावली का संबंध भगवान राम के अयोध्या लौटने और रावण पर विजय के उपलक्ष्य में नगरवासियों द्वारा किए गए दीप जलाने की परंपरा से है.
दिवाली में राम जी की पूजा क्यों नहीं होती है?
दिवाली में आमतौर पर लक्ष्मी पूजा और धन-समृद्धि के लिए पूजा होती है, इसलिए राम जी की पूजा मुख्य रूप से अयोध्या लौटने की कथा से संबंधित नहीं बल्कि अष्टमी, नवमी या राम नवमी जैसी अन्य अवसरों पर की जाती है.
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