बिंद. स्थानीय प्रखंड में धन्वन्तरी की जयंती शनिवार को मनाया जाएगा. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को लोग धनतेरस पर्व के रूप मे मनाया जाता है. धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी व कुबेर के साथ भगवान धनवतंरी की पूजा की जाती है. इस दिन धन्वन्तरी की पूजा अर्चना करने से धन संबंधी सभी समस्याएं दूर होती हैं. अचार्य धर्मेन्द्र पाण्डेय् ने कहा कि आयुर्वेद के जनक माने जाने वाले भगवान धन्वन्तरी देवताओं के वैद है. समुद्र मंथन के दौरान इन्होने अवतार लिया था. धन्वन्तरी की पूजा-अर्चना करने से सुख- समृद्धि मिलती है. धनतेरस के दिन लोग बर्तन, सोने ,चांदी आदि की बड़े पैमाने पर खरीदारी करते है. बाजार में बर्तन की दूकान सजकर तैयार है. किराना, कासा, पीतल के बर्तन, मोमवती व पटाके की दूकानो से लेकर सोने, चांदी आदि की दूकान ग्राहको के लिए सज धजकर तैयार है. किराना दूकानदार संजय कुमार ने कहा कि इस दिन लोग अपने सामर्थ के अनुसार हर घर के लोग झाड़ू से लेकर वर्तन व सोने, चांदी की खरीदारी करने बाजार पहुंचते है. बाजार में इस दिन बाजार मे लाखों रूपये का कारोवार होता है.
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