UP News: उत्तर प्रदेश प्रशासन ने अटल आवासीय विद्यालयों में पढ़ने वाले वंचित बच्चों के लिए एक ऐतिहासिक और संवेदनशील निर्णय लिया है. अब तक “निराश्रित या अनाथ” कहे जाने वाले विद्यार्थी भविष्य में “राज्याश्रित” कहलाएंगे. यह निर्णय लखनऊ स्थित बीओसीडब्ल्यू कार्यालय में आयोजित अटल आवासीय विद्यालय समिति की बैठक में लिया गया.
बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग डॉ. एमके शन्मुगा सुन्दरम् ने की. बैठक में श्रमायुक्त मार्कण्डेय शाही, महानिदेशक अटल आवासीय विद्यालय पूजा यादव, नवोदय विद्यालय समिति के बी.के. सिन्हा, तथा शिक्षा, वित्त और कार्मिक विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
मुख्य निर्णय और लाभ
- “राज्याश्रित” शब्द का उपयोग: अब कोविड-19 काल में निराश्रित हुए या मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अंतर्गत आने वाले विद्यार्थी सम्मानजनक पहचान पाएंगे.
- केन्द्रीय प्रवेश परीक्षा (CBSE): अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से सभी अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश CBSE के माध्यम से केंद्रीकृत चयन प्रक्रिया के तहत होगा.
- इनोवेशन लैब: प्रत्येक विद्यालय में स्थापित की जाएगी, ताकि विद्यार्थियों में नवाचार, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकी दक्षता का विकास हो.
- स्वास्थ्य बीमा: सभी छात्रों को हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
- सर्वांगीण विकास: हॉस्टल, पोषण, स्पोर्ट्सकूद और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में सुधार कर
- अटल आवासीय विद्यालय को देश के मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा.
प्रमुख सचिव का संदेश
डॉ. शन्मुगा सुंदरम ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि अटल आवासीय विद्यालयों में सम्मान,
सुरक्षा और आत्मविश्वास सुनिश्चित करते हुए बच्चों का सर्वागीण विकास किया जाए.
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