संवाददाता, कोलकाता
केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन ठेकेदारों और तीसरे पक्ष की निरीक्षण एजेंसियों का विवरण साझा करने का निर्देश दिया है, जिनके खिलाफ जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत जुर्माना लगाया गया है. आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि यह निर्देश जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के व्यापक निर्देश का हिस्सा है, जिसमें मुख्य सचिवों से व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जिन ठेकेदारों और निरीक्षण एजेंसियों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है, काली सूची में डालने के आदेश जारी किए गये हैं या जेजेएम के तहत अनियमितताओं के लिए जुर्माना लगाया गया है, उन्हें सूची में शामिल किया जायेगा. डीडीडब्ल्यूएस ने सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचइडी) के अधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है, जिसमें घटिया काम या धन के दुरुपयोग की शिकायतों के संबंध में निलंबन, निष्कासन और प्राथमिकी दर्ज करना शामिल है. राज्यों से कहा गया है कि वे प्रत्येक मामले का एक पृष्ठ का सारांश उपलब्ध कराएं जिनमें प्राथमिकी दर्ज की गयी है. अधिकारियों के अनुसार यह निर्देश मिशन की शीर्ष स्तरीय समीक्षा के बाद जारी किया गया है, जिसके दौरान प्रशासन ने योजना की समय सीमा को 2028 तक बढ़ाने पर चर्चा की थी. देश के अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह यह निर्देश पश्चिम बंगाल प्रशासन के सार्वजनिक स्वास्थ्य और तकनीकी विभाग तक भी पहुंचा है. विभाग के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी. हालांकि जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन को लेकर राज्य प्रशासन के साथ ठेकेदारों का बकाया को लेकर विवाद चल रहा है.
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