Kartik Amavasya 2025: सनातन धर्म में कार्तिक अमावस्या का बहुत खास महत्व माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन स्नान, दान और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर ही दीपावली का पर्व मनाया जाता है, जब घर-घर में दीप जलाकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इस साल कार्तिक अमावस्या का व्रत 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को रखा जाएगा. यह दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है.
अमावस्या की तिथि और ग्रह स्थिति
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक अमावस्या की शुरुआत 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से होगी और इसका समापन 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे पर होगा. इस दौरान सूर्य तुला राशि में और चंद्रमा सुबह 9:36 बजे तक कन्या राशि में रहेंगे, उसके बाद तुला राशि में प्रवेश करेंगे. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 से दोपहर 12:28 बजे तक रहेगा, जबकि राहुकाल दोपहर 2:55 से शाम 4:20 बजे तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य डॉ. एन. के. बेरा के अनुसार, दिवाली 20 अक्टूबर की रात को मनाई जाएगी और स्नान-दान का पुण्य कर्म अगले दिन यानी 21 अक्टूबर की सुबह किया जाएगा.
कार्तिक अमावस्या का धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन पितरों की तृप्ति के लिए दान, भोजन और वस्त्र अर्पित करना अत्यंत शुभ होता है. ऐसा करने से पूर्वजों की कृपा परिवार पर बनी रहती है और घर में शांति आती है. कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन किए गए शुभ कर्मों का फल कई गुना बढ़ जाता है. इसलिए इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है.
स्नान और दान का महत्व
कार्तिक अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी या घर पर गंगाजल मिले जल से स्नान करना शुभ माना गया है. स्नान के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें. माना जाता है कि इस दिन किए गए स्नान और दान से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि मनुष्य का भाग्य भी चमक उठता है. आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए तुलसी की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करने की भी परंपरा है.
अमावस्या का व्रत और पूजा विधि
कई लोग इस दिन व्रत रखते हैं. व्रत करने वाले सुबह स्नान और दान के बाद भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करें. पूजा में फल, फूल, वस्त्र, दीपक और मिठाई अर्पित करें. दिन में विष्णु पुराण का पाठ करना शुभ होता है और शाम को दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए. पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और सुख-समृद्धि की कामना के साथ व्रत का पारण करें.
दीपक जलाने का विशेष महत्व
क्योंकि इस बार अमावस्या दिवाली के साथ पड़ रही है, इसलिए दीपक जलाने का विशेष महत्व है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि लक्ष्मी पूजन के बाद दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है. दीपक जलाने से अंधकार दूर होता है और जीवन में नई रोशनी, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है.
कार्तिक अमावस्या का दिन आत्मशुद्धि, दान और भक्ति का प्रतीक है. इस दिन किए गए अच्छे कर्म, पूजा-पाठ और दीपदान जीवन में खुशहाली और शांति लाते हैं. इसलिए 21 अक्टूबर 2025 को कार्तिक अमावस्या के शुभ दिन पर स्नान, दान और दीप प्रज्वलन जरूर करें — यह आपके जीवन को सकारात्मकता और समृद्धि से भर देगा.
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