एचएमपीवी का कोरोना जैसा लक्षण, एक-दूसरे से फैलता है संक्रमण, बरतें सावधानी
एचएमपीवी वायरस को लेकर एडवाइजरी जारी… अस्पताल व्यवस्था को दुरुस्त रखे
नया विचार पटना |
एचएमपीवी सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस है। इसका लक्षण कोरोना के समान है। कई दिनों से चीन के कुछ शहरों में रेस्पिरेटरी लक्षण वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखा जा रहा है। चीन द्वारा इसे सीजनल इनफ्लुएंजा माना जा रहा है। वर्ष 2024 में मलेशिया में 327 केस मिले थे। हिंदुस्तान में 2024 में एसएआरआई के 714 केस मिले थे। इसमें नौ मामले लैब टेस्ट में एचएमपीवी पॉजिटिव मिले थे। हालांकि इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह सतर्कता बरतने और अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए सभी जिला पदाधिकारी को एचएमपीवी से संबंधित एडवाइजरी जारी किया है।
क्या है एचएमपीवी का लक्षण
एचएमपीवी रेस्पिरेटरी वायरस है जो सबसे पहले 2001 में नीदरलैंड में पाया गया था। इसके लक्षण कोरोना जैसा ही है। इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, कफ, नसल कंजेशन (नाक जाम), गले में खरास (शोर थ्रोट), निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, शार्टनेस आफ ब्रीथ (सांस लेने में दिक्कत) आदि है।
केस बढ़े तो अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर की व्यवस्था करें
• कैसे फैलता है एचएमपीवी
एचएमपीवी का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने अथवा छींकने से फैलता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति को छूने, एंव संक्रमित वस्तुओं के मुंह, आंख अथवा नाक के संपर्क में आने से फैल सकता है।
• इनक्यूबेशन पीरियड इसका इनक्यूबेशन पीरियड तीन से छह दिन का है। इसका प्रकोप जाड़े के मौसम या बसंत के शुरू में देखने को मिलता है।
• क्या है बचाव : एचएमपीवी संक्रमण से बचाव कोविड-19 के समान ही है। हाथों को साबुन एवं पानी से लगातार धोना। गंदे हाथों से आंख, नाक अथवा मुंह को नही छूना है। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना। खांसते एवं छींकते वक्त मुंह को रूमाल से ढकना। संक्रमण की अवधि में खुद को घर में ही आइसोलेट करना है।
क्या है इलाज : एचएमपीवी के संक्रमण से बचाव के लिए कोई विशेष एंटीवायरल इलाज या वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं है। इससे बचाव के लिए सिम्टोमेटिक इलाज चलता है। जैसे खूब पानी पीना, आराम करना, दर्द अथवा रेस्पिरेटरी सिमटम को कम करने के लिए दवा लेना एवं गंभीर मामलों में ऑक्सीजन सपोर्ट देना है।
• क्या है जांच: आरटी
-पीसीआर जांच से इसे कनफर्म किया जाता है। राज्य में एचएमपीवी के किसी भी तरह के आउट ब्रेक को रोकने के लिए निम्न निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा इनफ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) व सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी निमोनिया (एसएआरआई) का सर्विलेंस सुनिश्चित करते हुए इसको आईएचआईपी पोर्टल पर प्रतिदिन प्रतिवेदित किया जाय।
सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा एनआईवी पुणे
कोविड़ 19 से संबंधित दवा, किट, ऑक्सीजन मास्क, वेंटिलेंटर, मास्क आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। आईएलआई और सारी के ट्रेंड पर लगातार ध्यान रखा जाय और केस बढ़ने की स्थिति में सभी स्वास्थ्य संस्थानों में फ्लू कार्नर को एक्टिवेट किया जाय। सभी हेल्थ वर्कर्स को एचएमपीवी से बचाव के बारे मे प्रशिक्षित किया जाय। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में इनफेक्शन कंट्रोल प्रैक्टिस की सघन मॉनिटरिंग की जाय। अस्पताल में गंभीर रुप से भर्ती एसएआरआई मामले के सैंपल एनआईवी पुणे भेजा जाए ताकि एचएमपीवी का लैब कनफर्मेशन हो सके। निर्देश है कि श्वसन तंत्र एवं बुखार के मरीज के उपचार के लिए अस्पताल को अधिक से अधिक सुव्यवस्थित किया जाए। एचएमपीवी रोगियों के भर्ती होने की स्थिति में वार्ड / बेड के मार्क करने के लिए अलग से आदेश निर्गत किया जाएगा।