संवाददाता, कोलकाता
जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धैर्य बनाये रखने को कहा है, इसलिए वह चुप हैं. लेकिन यह धैर्य जल्द ही टूट सकता है. विधायक मित्रा ने कहा कि जादवपुर में एक बड़ी सभा का आह्वान किया जाना चाहिए. उक्त सभा से यह घोषणा की जाये कि यह हमारा आखिरी अनुरोध है. हमलोग शांति चाहते हैं. फिलहाल जो चल रहा है, वह ठीक नहीं है. विश्वविद्यालय को तो बंद नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा : हमें जो चुनौती दी जा रही है. उसे हम अभी ही स्वीकार कर सकते हैं. पूरे बंगाल में चुनाव कराये जायें. देखेंगे कि वे लोग कितनी जगह नामांकन जमा कर पाते हैं. उनका कहना था कि एक बूथ पर तो नामांकन नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की ओर देख कर पूरी पार्टी चुप है. धैर्य दिखा रहे हैं. केवल तृणमूल छात्र परिषद को समझ लेने को कहा जाये, तो हम समझ लेंगे. अरूप विश्वास ने एक मिनट कहा है, मैं 30 सेकेंड कह रहा हूं. जेयू की घटना को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट ने बांग्लादेश का स्मरण कराया. इस पर मदन मित्रा ने कहा कि जो लोग बांग्लादेश की राह पर चलने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ अदालत को फैसला लेना चाहिए. कोई बांग्लादेश जैसा बनाने की कोशिश करेगा और हम चुप बैठेंगे, ऐसा नहीं हो सकता. मित्रा ने कहा कि वह शिक्षण संस्थानों में पुलिस भेजने के पक्ष में नहीं हैं. भाजपा, माकपा व कांग्रेस के बीच एक समझौता हुआ है. विधानसभा चुनाव से पहले राज्य को अशांति की ओर ढकेलने की कोशिश हो रही है.
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