Mohan Bhagwat: सुपौल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने बिहार और देश की सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह देश विश्व का मार्गदर्शन कर सकता है. उन्होंने बिहार के लोगों की मेहनत और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि यहां के लोगों में पुरुषार्थ की कोई कमी नहीं है. दसरथ मांझी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि रास्ता बनाने के लिए उन्होंने पहाड़ को तोड़ दिया. दम रखने वाले लोग हम हैं. मोहन भागवत सुपौल के बीरपुर में विद्या हिंदुस्तानी के नए स्कूल के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मिथिला से रहा है पुराना रिश्ता
मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग और शाल से स्वागत किये जाने पर आरएसएस प्रमुख ने बताया कि उनका मिथिला से गहरा नाता है और वे यहां 6 साल तक क्षेत्रीय प्रचारक के रूप में कार्य कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब भी बिहार आता हूं, तो कई जगह जाने का मन करता है, लेकिन समय की कमी के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि आज मेरे लिए यह छठ जैसा पवित्र दिन है. भागवत ने विद्या हिंदुस्तानी से बच्चों को जोड़ने की अपील करते हुए इसे शिक्षा और संस्कार के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया. छातापुर से स्थानीय विधायक सह पीएचडी मंत्री बिहार नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि संघ प्रमुख के सुपौल के वीरपुर की धरती पर आगमन इलाके के लिए सौभाग्य की बात है.
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