Bihar News: मनीष राज सिंघम/ औरंगाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टर एक बार फिर से अपनी करतूत को लेकर चर्चा में हैं. इस बार मरीज के साथ इलाज में लापरवाही बरतने का मामला नहीं है, बल्कि झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से स्त्री की मौत मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट हेराफेरी को लेकर है. परिजनों में सदर अस्पताल के एक डॉक्टर पर आरोप लगाए है. झोलाछाप डॉक्टर से लगभग 50 हजार रुपये लेकर रिपोर्ट बदलने की बात हुई है. सोमवार को मृतका के परिजन सदर अस्पताल पहुंचे और नाराजगी जताई. वहीं वरीय अधिकारियों को शिकायत करने की भी बात कही है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल मामला यह है कि 22 फरवरी यानी शनिवार की रात मदनपुर बाजार में एक झोलाछाप डॉक्टर ब्रजेश कुमार ने ऑपरेशन के दौरान स्त्री की नस काट दिया था. इसके बाद मदनपुर बाजार स्थित बिचला गली निवासी मो वसीम अहमद की पत्नी नजमा खातून की मौत हो गई थी. परिजनों का आरोप है कि स्त्री को नॉर्मल डिलीवरी के लिए डॉक्टर ब्रजेश कुमार के निजी अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था. इसके बाद डॉक्टर ब्रजेश ने परिजनों पर दबाव बनाते हुए जबरदस्ती उसका ऑपरेशन कर रहा था. इसी दौरान डॉक्टर ने उसका नस काट दिया. स्त्री की मौत हो जाने के बाद झोलाछाप डॉक्टर ब्रजेश परिजनों को बिना सूचना दिए उसे गया के एक निजी अस्पताल लेकर चला गया. जब परिजन गया पहुंचे तो वह पटना के एक निजी अस्पताल में स्त्री को मृत छोड़कर फरार हो गया. इसके बाद परिजन पटना पहुंचे और निजी अस्पताल से स्त्री के शव लेकर मदनपुर थाना पहुंचे, जहां मदनपुर थाना की पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया.
स्त्री की मौत के बाद से फरार है झोलाछाप डॉक्टर
इधर जानकारी मिली कि स्त्री की मौत के बाद से झोलाछाप डॉक्टर ब्रजेश कुमार फरार चल रहा है. कई बार उससे संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पाया. अक्सर उसका फोन बंद बताता है. हालांकि मौत के बाद परिजनों ने निजी अस्पताल में हंगामा व तोड़फोड़ भी किया था. डॉक्टर ब्रजेश के खिलाफ मदनपुर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज है. पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी भी कर रही है, लेकिन वह हत्थे नही चढ़ रहा.
50 हजार में पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने का सेट हुआ मामला
सोमवार को सदर अस्पताल में मृतका नजमा खातून के पति मो वसीम अहमद का बड़ा भाई मो तस्लीम ने बताया कि प्राथमिकी होने के बाद डॉक्टर ब्रजेश फरार चल रहा है, लेकिन वह सदर अस्पताल में डॉक्टर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए लेन देन करने आया था. परिजनों का आरोप है कि ब्रजेश द्वारा सदर अस्पताल के एक डॉक्टर को पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए 50 हजार रुपये दिए है. कम पड़ने पर और भी पैसा देने की बात कही है. उन्होंने बताया कि डॉक्टर भगवान का रूप होते है. इधर इनलोग द्वारा भी पैसा लेकर रिपोर्ट हेरफेर किया जा रहा है. अगर ऐसा होगा तो लोगों को विभाग से विश्वास उठ जाएगा. आखिर लोग किसका दरवाजा खटखटाने जाएगा. उन्होंने सिविल सर्जन को एक आवेदन देकर जांच करने का आदेश भी दिया है. आवेदन में निष्पक्ष जांच की बात कही गयी है.
पैसे को बात से सदर अस्पताल में मची खलबली
इधर जैसे ही परिजनों ने मृतका नजमा खातून के पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर पर पैसा लेकर रिपोर्ट हेराफेरी करने का आरोप लगाया. इसके बाद से सदर अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई है. सभी डॉक्टरों व कर्मियों के कान खड़े हो गए है. सिविल सर्जन द्वारा इसका गहनता से जांच भी कराया जा सकता है. ऐसी स्थिति में कई डॉक्टर इसके चपेटे में आ सकते है. क्योंकि पूर्व में भी कई बार रिपोर्ट बदलने का मामला सामने आया था.
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