Digital India | Aadhaar In News: लाभार्थियों के 200 करोड़ से ज्यादा रिकॉर्ड हुए प्रॉसेस | प्रशासन की बड़ी पहल | श्रम मंत्रालय ने किया बड़ा खुलासा, एन्क्रिप्टेड आधार से हुई रिकॉर्ड प्रॉसेसिंग | केंद्र प्रशासन ने मनरेगा, ईपीएफओ और ईएसआईसी जैसी 34 प्रमुख योजनाओं में एन्क्रिप्टेड आधार का उपयोग करके लाभार्थियों के 200 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड प्रॉसेस किये हैं. इस पहल से हिंदुस्तान की 65% आबादी (92 करोड़ लोग) कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ के अंतर्गत आ गई है.
क्या है यह योजना और क्यों है खास?
श्रम और रोजगार मंत्रालय के मुताबिक, हिंदुस्तान के सामाजिक सुरक्षा आंकड़ों को एक जगह लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के सहयोग से इस डेटा संग्रह प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है, जिससे प्रशासन को कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
किन योजनाओं में हुआ एन्क्रिप्टेड आधार का इस्तेमाल?
प्रशासन ने 34 प्रमुख योजनाओं में एन्क्रिप्टेड आधार को लाभार्थियों की पहचान के लिए इस्तेमाल किया है, जिनमें शामिल हैं:
ईपीएफओ (EPFO) – भविष्य निधि योजना | मनरेगा (MGNREGA) | ईएसआईसी (ESIC) – कर्मचारी राज्य बीमा | अटल पेंशन योजना (APY) | पीएम-पोषण (PM Poshan)
हिंदुस्तान की 65% आबादी को मिल रहा सामाजिक सुरक्षा लाभ
इस प्रक्रिया के बाद पता चला कि हिंदुस्तान की 65% जनसंख्या को किसी न किसी रूप में सामाजिक सुरक्षा लाभ मिल रहा है. इनमें से 48.8% लोगों को नकद लाभ दिया जाता है, जबकि अन्य को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सुविधाएं मिलती हैं.
किन राज्यों में शुरू हुआ डेटा एकत्रीकरण?
श्रम मंत्रालय के अनुसार, प्रथम चरण में 10 राज्यों को इस पहल में शामिल किया गया है:उत्तर प्रदेश
राजस्थान
महाराष्ट्र
मध्य प्रदेश
तमिलनाडु
ओडिशा
आंध्र प्रदेश
तेलंगाना
कर्नाटक
गुजरात
हिंदुस्तान का सामाजिक सुरक्षा दायरा बढ़ेगा!
ILO के आकलन के मुताबिक, हिंदुस्तान का वर्तमान सामाजिक सुरक्षा दायरा 48.8% बताया गया है, लेकिन इसमें वस्तु लाभ (राशन, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि) को शामिल नहीं किया गया है. जब सभी लाभों को जोड़कर देखा जाएगा, तो हिंदुस्तान का वास्तविक सामाजिक सुरक्षा दायरा बहुत अधिक होगा.
इस पहल से क्या होगा फायदा?
डिजिटल प्रॉसेसिंग से योजनाओं में पारदर्शितायोजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन में तेजी
लाभार्थियों को सीधे प्रशासनी योजनाओं का लाभ
भ्रष्टाचार और फर्जी लाभार्थियों पर रोक
हिंदुस्तान प्रशासन की यह पहल सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि है. आने वाले समय में यह डेटा कल्याणकारी योजनाओं के लिए गाइडलाइन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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