Hot News

AAP: मुफ्त के वादों पर अत्यधिक निर्भरता बनी आप के हार का कारण

AAP: मुफ्त की योजनाओं के सहारे चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने का आम आदमी पार्टी का सपना टूट गया. आप की मुफ्त योजनाओं की घोषणा पर भाजपा की रेवड़ी भारी पड़ गयी. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल सहित तमाम दिग्गज चुनाव हार गए. पिछले दो चुनाव में 50 फीसदी से अधिक मत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के लिए इस बार मुफ्त की योजना, मुफ्त के वादे और केजरीवाल की छवि काम नहीं आ सकी. वहीं भाजपा आम प्रशासन के भ्रष्टाचार, दिल्ली की बदहाल स्थिति, भ्रष्टाचार और मुफ्त के वादे कर 27 साल बाद बड़े बहुमत से चुनाव जीतने में कामयाब रही. आम आदमी पार्टी को उम्मीद थी कि मुफ्त के वादों के सहारे एक बार फिर वह दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब होगी.

चुनाव से ऐन पहले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर सहानुभूति वोट हासिल करने की कोशिश की, लेकिन इस बार केजरीवाल का हर दांव फेल हो गया. आखिर दो बार एकतरफा जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के हारने की वजह पर गौर करना जरूरी है. पिछले 11 साल से दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी काबिज थी. शिक्षा, स्वास्थ्य और स्त्रीओं को मुफ्त बस यात्रा का लाभ देकर आम आदमी पार्टी एक बड़े तबके में अपनी पैठ को मजबूत कर चुकी थी. केजरीवाल की ईमानदारी वाली नेतृत्व के कारण मध्य वर्ग के बड़े तबके का झुकाव भी आम आदमी पार्टी की ओर था.

लेकिन शराब घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोप से मध्य वर्ग का केजरीवाल से मोहभंग हो गया. साथ ही कांग्रेस और अन्य दलों के साथ खड़ा होने की आम आदमी पार्टी रणनीति से भी एक बड़े वर्ग में यह संदेश गया कि दूसरे दलों की तरह ही आम आदमी पार्टी भी है, जो सत्ता के लिए हर तरह के समझौते कर सकती है. 

सत्ता विरोधी लहर काे भांपने में नाकामी

आम आदमी पार्टी पिछले 11 साल से सत्ता पर काबिज थी. पिछले दो चुनाव में साफ-सफाई के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी भाजपा शासित नगर निगम पर काम नहीं करने का आरोप लगाकर जिम्मेदारी से बच जाती थी. लेकिन वर्ष 2022 में नगर निगम पर भी आम आदमी पार्टी का कब्जा हो गया. लेकिन दिल्ली में साफ-सफाई की स्थिति पहले से बदतर हो गयी. इसके अलावा कई इलाकों में पानी की कमी से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. आम आदमी पार्टी की प्रशासन दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं कर सकी. पार्टी मुफ्त की योजनाओं से आगे नहीं बढ़ सकी. आम आदमी पार्टी सत्ता विरोधी लहर का आकलन करने में चूक गयी और इसके खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ा.  

इसके अलावा केजरीवाल जिस कट्टर इमानदार की छवि से दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुए, खुद उनके और वरिष्ठ नेताओं के दामन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. भले ही केजरीवाल खुद को कट्टर इमानदार बताते रहे, लेकिन लोगों ने इसे लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में भी खारिज कर दिया. जेल जाने के बाद भी मुख्यमंत्री के इस्तीफा नहीं देने से यह संदेश गया कि वे हर कीमत पर सत्ता में बने रहना चाहते हैं. ऐसे में इस्तीफा देने के बावजूद केजरीवाल लोगों की सहानुभूति हासिल करने में नाकाम रहे.

इस बार केजरीवाल के मुफ्त वादों को भाजपा और कांग्रेस की ओर से कड़ी टक्कर मिली. भाजपा ने बजट में 12 लाख तक की आय को करमुक्त करने की घोषणा और प्रशासनी कर्मचारियों के लिए 8 वें वेतन आयोग की घोषणा से भी मध्य वर्ग का झुकाव भाजपा की ओर हुआ. इसके अलावा केजरीवाल का कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने का फैसला भी हार का प्रमुख कारण बना. केजरीवाल की कांग्रेस के दूरी, उन्हें दिल्ली की सत्ता से दूर करने में कामयाब हुई. 

The post AAP: मुफ्त के वादों पर अत्यधिक निर्भरता बनी आप के हार का कारण appeared first on Naya Vichar.

Spread the love

विनोद झा
संपादक नया विचार

You have been successfully Subscribed! Ops! Something went wrong, please try again.

About Us

नयाविचार एक आधुनिक न्यूज़ पोर्टल है, जो निष्पक्ष, सटीक और प्रासंगिक समाचारों को प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है। यहां राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, तकनीक, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण खबर को विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाता है। नयाविचार का उद्देश्य पाठकों को विश्वसनीय और गहन जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे सही निर्णय ले सकें और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

Quick Links

Who Are We

Our Mission

Awards

Experience

Success Story

© 2025 Developed By Socify

Scroll to Top