Arvind Kejriwal and Bhagwant Mann Meeting: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की करारी हार के बाद पंजाब में नेतृत्वक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को हटाकर खुद अरविंद केजरीवाल राज्य की बागडोर संभाल सकते हैं. इस पृष्ठभूमि में, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के सभी विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. इस बैठक को लेकर पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर तंज कसा है.
सुनील जाखड़ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि दिल्ली में AAP को करारी हार मिली है और अब पंजाब में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि बैठक के बाद भी भगवंत मान की बेचैनी कम नहीं हुई. जाखड़ ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जो व्यक्ति चुटकुले सुनाने के लिए जाना जाता था, आज वह बोलते समय भी असहज महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि भगवंत मान की स्थिति ऐसी हो गई है कि उनकी आवाज भी ठीक से नहीं निकल रही और उनकी ताल बिगड़ गई है.
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सुनील जाखड़ के इस बयान पर आम आदमी पार्टी ने भी पलटवार किया. AAP के पंजाब प्रवक्ता नील गर्ग ने कहा कि सुनील जाखड़ को भगवंत मान की चिंता छोड़कर अपनी स्थिति पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जाखड़ का भविष्य खुद ही संकट में है, क्योंकि भाजपा में उनकी ज्यादा पूछ नहीं है. उन्होंने कटाक्ष किया कि जाखड़ का हाल ‘न घर का, न घाट का’ हो गया है. गर्ग ने यह भी कहा कि सुनील जाखड़ को पार्टी की बैठकों में भी अधिक महत्व नहीं दिया जाता, जिससे वह बेचैन हो गए हैं. उन्होंने याद दिलाया कि जाखड़ ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, जिसे बाद में मंजूर कर लिया गया था, लेकिन काफी प्रयासों के बाद उनका इस्तीफा वापस लिया गया.
After AAP’s humiliating defeat in Delhi, while all sorts of political kite-flying about fate of Punjab Chief Minister is going on,at least one thing can be said with certainty that whatever transpired in Kapurthala house today, it did nothing to soothe the frayed nerves of CM…
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) February 11, 2025
गर्ग ने आगे कहा कि सुनील जाखड़ का मुख्यमंत्री बनने का सपना कभी पूरा नहीं होगा, चाहे वह किसी भी पार्टी में क्यों न चले जाएं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए भी जाखड़ को यह मौका नहीं मिला और भाजपा में भी उनके लिए यह संभव नहीं है.
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इस बीच, भगवंत मान ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद स्पष्ट किया कि पंजाब की आम आदमी पार्टी इकाई में किसी भी तरह का असंतोष नहीं है. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह से संगठन के प्रति समर्पित हैं. भगवंत मान ने यह भी कहा कि उनकी प्रशासन जनता के हित में काम कर रही है और AAP को हमेशा विकास कार्यों के लिए जाना जाता है.
विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भगवंत मान ने कहा कि पिछले पौने तीन साल से यही अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि कांग्रेस के विधायक AAP में शामिल हो रहे हैं या केजरीवाल खुद पंजाब के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की रणनीति का हिस्सा है, लेकिन हमारी पार्टी में इस तरह की नेतृत्व की कोई जगह नहीं है. भगवंत मान ने दावा किया कि उनकी पार्टी विचारधारा और मेहनत के बल पर आगे बढ़ी है, जबकि विपक्षी दलों में दल-बदल की संस्कृति पनपी हुई है. इस पूरी घटना ने पंजाब की नेतृत्व को एक नया मोड़ दे दिया है. अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में AAP में कोई बड़ा बदलाव होता है या फिर यह सिर्फ अटकलों तक ही सीमित रह जाता है.
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