Premanand Maharaj AI Photo: वृंदावन के पूज्य संत प्रेमानंद महाराज की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसने भक्तों और संत समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है. यह फोटो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई बताई जा रही है, जिसमें संत प्रेमानंद महाराज को श्री राधारानी के साथ एक अत्यंत आपत्तिजनक और अनुचित स्थिति में दर्शाया गया है. इस तस्वीर का उद्देश्य न केवल महाराज की छवि को धूमिल करना है, बल्कि ब्रज की संस्कृति और परंपरा पर भी सीधा प्रहार करना है.
शिष्य ने की शिकायत, साइबर थाना में FIR दर्ज
इस मामले में संत प्रेमानंद महाराज के करीबी शिष्य और केली कुंज आश्रम के सेवायत गौतम चिलाना ने वृंदावन साइबर क्राइम थाना में तहरीर दी है. तहरीर में कहा गया है कि यह फोटो पूरी तरह से फर्जी है और इसे डिजिटल तरीके से छेड़छाड़ कर बनाया गया है. यह न केवल महाराज की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला कृत्य है, बल्कि समस्त वैष्णव भक्तों की धार्मिक भावना का भी अपमान है. शिष्य ने मांग की है कि जिसने भी इस हरकत को अंजाम दिया है, उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए.
पुलिस जांच में जुटी
वृंदावन थाना प्रभारी प्रशांत कपिल ने बताया कि शिकायत के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह फोटो सबसे पहले कहां से वायरल हुई और इसे किसने तैयार किया. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं यह किसी साजिश का हिस्सा तो नहीं है जो ब्रज की धार्मिक आस्था और संत परंपरा को नुकसान पहुंचाने के लिए रची गई हो.
संत समाज में आक्रोश, फर्जी फोटो बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग
वृंदावन में इस घटना को लेकर संत समाज में भारी आक्रोश फैल गया है. चतु संप्रदाय विरक्त वैष्णव परिषद के तत्वावधान में पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित गौतम ऋषि आश्रम में आपात बैठक बुलाई गई, जिसमें सैकड़ों संत-महंतों ने भाग लिया. बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि इस तरह की घटना ब्रज की सांस्कृतिक गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता. संतों ने यह भी कहा कि ऐसे कृत्य केवल किसी व्यक्ति विशेष के नहीं, बल्कि सम्पूर्ण संत समाज की मर्यादा को ठेस पहुंचाने का कुप्रयास हैं.
संतों की चेतावनी: नहीं हुई कार्रवाई तो मोर्चा संभालेगा संत समाज
बैठक में संतों ने एकजुट होकर चेतावनी दी कि यदि पुलिस प्रशासन इस मामले में शीघ्र कार्रवाई नहीं करता और दोषी को सामने नहीं लाया गया तो संत समाज स्वयं सड़कों पर उतरकर न्याय की लड़ाई लड़ेगा. संतों ने यह भी कहा कि ब्रज की भूमि संतों की तपोभूमि है, जहां इस प्रकार की डिजिटल अश्लीलता या अपमानजनक सामग्री को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि प्रशासन और प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह आंदोलन का रूप भी ले सकता है.
बांके बिहारी मंदिर न्यास गठन का भी संतों ने किया विरोध
इसी बैठक में बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित प्रशासनी न्यास के गठन का भी कड़ा विरोध किया गया. संतों ने कहा कि यह न्यास, सेवायतों के पारंपरिक अधिकारों और मंदिर की आस्था पर आक्रमण है. महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज ने कहा कि यह निर्णय केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि धार्मिक हस्तक्षेप का उदाहरण है, जो मंदिर की आत्मा और भक्तों की भावना के खिलाफ है. उन्होंने चेताया कि यदि प्रशासन ने इस पर पुनर्विचार नहीं किया तो संत समाज व्यापक विरोध प्रदर्शन करेगा.
कई प्रमुख संत-महंत हुए शामिल
गंभीर मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में ब्रज के प्रमुख संत-महंत उपस्थित रहे. महंत लाड़ली शरण दास महाराज, महंत फूलडोल बिहारी दास महाराज, महंत हेमकांत शरण देवाचार्य, घमंड पीठाधीश्वर वेणु गोपाल दास महाराज, वंशीवट पीठाधीश्वर जयराम दास महाराज सहित कई अन्य प्रतिष्ठित संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. सभी ने एकमत से निर्णय लिया कि ब्रज की अस्मिता और संत समाज की गरिमा की रक्षा के लिए वह एकजुट होकर संघर्ष करेंगे.
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