औरंगाबाद शहर.
जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाओं को प्रभावी और सुचारू बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने अपने कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक की. बैठक में आंगनबाड़ी (आईसीडीएस) से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए निर्देश दिये. समीक्षा के क्रम में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना की प्रगति की समीक्षा की गयी. डीएम ने सभी बाल परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले दो दिनों के भीतर सेविकाओं के माध्यम से विशेष कैंप आयोजित कर पात्र गर्भवती एवं धात्री स्त्रीओं के आवेदन सुनिश्चित कराये जाये. इसके लिए सभी केंद्रों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे लाभार्थियों की पहचान कर जल्द से जल्द ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी करें. उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य गर्भवती स्त्रीओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाना है. इसलिए इसके क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. वहीं उन्होंने कहा कि स्त्रीओं और बच्चों के कल्याण के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से संचालित योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाना चाहिए, ताकि सही लाभुकों को अधिकतम लाभ मिल सके. बैठक में आइसीडीएस डीपीओ सहित कई सीडीपीओ शामिल हुईं.
केंद्रों में आधारभूत सुविधाओं की समीक्षा
बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों की आधारभूत सुविधाओं को लेकर भी चर्चा की गई. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में विद्युत कनेक्शन, शौचालय एवं स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये. उन्होंने कहा कि ये बुनियादी सुविधाएं बच्चों एवं स्त्रीओं के लिए अत्यंत आवश्यक हैं. इसलिए इनकी समुचित व्यवस्था करना प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने बाल परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि वहां स्वच्छ वातावरण और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों.
बाल पोषण और सेवाओं की गुणवत्ता पर बल
जिलाधिकारी ने बैठक में यह भी कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाये. बच्चों और गर्भवती स्त्रीओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए सेविकाओं को प्रशिक्षित करें और नियमित रूप से खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच की जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी करें और कुपोषित बच्चों की विशेष देखभाल की जाए. बैठक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस) सहित सभी बाल परियोजना पदाधिकारी उपस्थित रहीं. जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सतत निगरानी करें और आंगनबाड़ी केंद्रों की सेवाओं में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास करें.
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