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Author name: Vinod Jha

nayavichar.com पर संपादक हैं। पटना स्थित स्वतंत्र पत्रकार और लेखक व एक दशक से अधिक का व्यापक अनुभव है। पत्रकारिता, प्रकाशन और विज्ञापन में अनुभव सभी प्रकार की सामग्री के साथ काम करने में सक्षम बनाता है: ब्लॉग पोस्ट, सोशल मीडिया सामग्री अच्छी तरह से शोध किए गए लेख और साथ ही प्रेस विज्ञप्तियाँ। यदि आप उच्च-गुणवत्ता वाली सामग्री की तलाश में हैं, तो nayavicharnews@gmail.com पर संपर्क करें। विशेषताएँ: रिपोर्टिंग, पत्रकारिता, लेखन और संचार, सोशल मीडिया

समस्तीपुर

अवैध वसूली को ले डीईओ ने मांगा स्पष्टीकरण 

नया विचार सरायरंजन : प्रखंड अंतर्गत केएसआर इंटर कॉलेज, सरायरंजन में इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा 2025 के नाम पर छात्र –छात्राओं से अवैध वसूली की मिल रही शिकायत को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कॉलेज के प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा है। प्रेषित स्पष्टीकरण में कहा गया है कि प्राचार्य के द्वारा इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा 2025 में छात्र –छात्राओं से अवैध राशि की वसूली की शिकायत मिली है। प्राचार्य के द्वारा किन परिस्थिति में छात्र-छात्राओं से अवैध रसूली की जा रही है,इसके संदर्भ में पत्र प्राप्ति के साथ ही अपना स्पष्टीकरण अपने मंतव्य के साथ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इस संबंध में कॉलेज के कर्मियों ने बताया कि उनके कॉलेज का बैंक खाता कतिपय कारणों से बंद है। कॉलेज की तरफ से प्रायोगिक परीक्षा में आंतरिक एवं बाह्य परीक्षकों के पारिश्रमिक का भुगतान करना पड़ता है। इसलिए रसीद काट कर पूर्व में छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया गया , जिसे बाद में बंद कर दिया गया। वहीं प्राचार्य बद्री नारायण झा ने बताया कि कॉलेज के कुछ शिक्षकों के अनुदान का भुगतान न्यायालय के आदेश से विगत 8 माह से लंबित है। इसलिए साजिश के तहत वे लोग कॉलेज प्रशासन को बदनाम कर रहे हैं, लेकिन वे अपनी साजिश में सफल नहीं हो पाएंगे।

बिहार

बिहार के 12 शहरों में बनेगा रिवर फ्रंट, इन गंगा घाटों पर मनोरंजन का मिलेगा पूरा इंतजाम…

नया विचार पटना- बिहार के कई जिलों में रिवर फ्रंट बनने वाला है. पटना के आसपास भी अब रिवर फ्रंट बनने वाला है. जबकि पटना के अलावा भागलपुर और कटिहार समेत कई अन्य जिलों में भी रिवर फ्रंट बनाने की तैयारी है. गंगा किनारे रिवर फ्रंट का डीपीआर बनाने के लिए निविदा के जरिए एजेंसी का सेलेक्शन किया जाना है. फरवरी में इसका टेंडर खुल जाएगा. डीपीआर बनने के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. पटना में भी होगा विस्तार पटना में दीघा में पाटीपुल घाट से मीनार घाट होते हुए जनार्दन घाट तक और पटना सिटी में झावगंज घाट से कंगन घाट होते हुए कच्ची घाट तक रिवर फ्रंट बनेगा. गंगा किनारे सौंदर्यीकरण का भी काम होगा ताकि लोग पैदल चल सकेंगे और मनोरंजन के लिए एक से बेहतर एक स्पॉट भी यहां लोगों को मिलेंगे. भागलपुर में 14 गंगा घाट आपस में जुड़ेंगे… पटना के अलावे भागलपुर में भी रीवर ड्राइव बनेगा. चंपा पुल घाट से बरारी तक लोग गंगा किनारे पैदल यात्रा कर सकेंगे. बुडको का दावा है कि अप्रैल तक डीपीआर बन जाएगी और एजेंसी का चयन करके निर्माण शुरू कर दिया जाएगा. भागलपुर में 14 गंगा घाट आपस में जुड़ जाएंगे. इन जिलों में भी बनेंगे रिवर फ्रंट… बक्सर: अहिल्या घाट से जेल घाट तक कुल 18 घाट मुजफ्फरपुर: नवनिर्मित सिद्धि घाट, मुक्ति धाम घाट और आश्रम घाट विस्तार वैशाली: नारायणी नदी के तट पर घाट और श्मशान आरा: मुहाली और सिन्हा घाट कटिहार: खरहा गोला और कुरसेला घाट लखीसराय; बड़हिया घाट बेगूसराय: मघुरापुर गंगा घाट छपरा: रिविलगंज घाट मुंगेर: कंकर घाट और मकसुसपुर घाट रिवर फ्रंट से क्या फायदे होंगे… पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. नदी किनारे लोग आएंगे. पानी से जुड़ी गतिविधियों का लाभ मिलेगा. तैरना, नौका विहार, मछली पकड़ना, लंबी पैदल यात्रा आदि कर सकेंगे. बोले प्रोजेक्ट डायरेक्टर… गंगा किनारे रिवर फ्रंट बनना है. डीपीआर बनाने के लिए कंसल्टेंट एजेंसी निविदा के जरिये चयनीत की जा रही है. फरवरी में टेंडर खुलेगा. डीपीआर बन जाने के बाद कार्य एजेंसी बहाल करके निर्माण शुरू कराया जाएगा. मनीष कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बुडको पटना

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BPSC के जरिए चिराग पासवान की SEAT टैक्टिस? इस बार विधानसभा में एंट्री की तैयारी के लिए नया ‘मॉडल’?

नया विचार पटना– बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर का अनशन समाप्त हो गया है। मामला हाईकोर्ट में है। 30 जनवरी को अगली सुनवाई है। आश्चर्यजनक ढंग से प्रशासन और प्रतिपक्ष तकरीबन साढ़े तीन लाख अभ्यर्थियों के भविष्य से जुड़े इस मसले पर चुप हैं। दोनों की अब तक की कोशिश यही दिखती है कि बीपीएससी को बचाया जाए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुरू में रुचि तो दिखाई, लेकिन प्रशांत किशोर की इस मामले में एंट्री से उन्होंने भी कदम खींच लिए। एनडीए में अपवाद स्वरूप चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर ही है, जिसने अभ्यर्थियों को नैतिक समर्थन दिया है। इसकी क्या वजह है, यह तो चिराग ही बेहतर बता सकते हैं। चिराग को धांधली का शक चिराग पासवान कहते हैं- ‘मैं और मेरी पार्टी पूरी तरह से छात्रों के साथ हैं। मैं मानता हूं कि कहीं ना कहीं इस परीक्षा में धांधली हुई है। कुछ तो अनियमितता बरती गई, जिसकी वजह से कुछ केंद्रों पर दोबारा परीक्षा की नौबत आई। मामले की गंभीरता इससे ही पता चलती है कि एक ही परीक्षा दो बार कराई गई। जिन 22 केंद्रों पर दोबारा परीक्षा हुई, वहां गड़बड़ी की पुष्टि जरूर हुई होगी। BPSC की जिम्मेदारी बनती है कि सभी बच्चों को समान मौके मिलें। किसी को एडवांटेज न मिले। इसलिए पूरी परीक्षा को फिर से करानी चाहिए।’ राज्य प्रशासन ने पल्ला झाड़ा राज्य प्रशासन ने बीपीएससी को स्वशासी संस्था मानते हुए अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्री समझ ली। आयोग अपनी जिद पर अड़ा है। अभ्यर्थी आंदोलन की राह पर हैं। प्रशासन अभ्यर्थियों की बात मानने की कौन कहे, सुनने तक को तैयार नहीं है। अभ्यर्थी प्रशासन से बात कराने के लिए राज्यपाल से मिले। राज्यपाल ने उनकी मांगों पर गौर करने का आश्वासन भी दिया। पर, यह सबको पता है कि राज्यपाल की अपनी सीमाएं हैं। वे प्रशासन या आयोग के मामले में सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते। अभ्यर्थियों के साथ आए चिराग सवाल उठता है कि प्रशासन चुप है, प्रशासन में सहयोगी भाजपा चुप है और एनडीए के अन्य घटक भी नहीं बोल रहे तो चिराग पासवान ने अलग स्टैंड कैसे ले लिया! कहीं वे राज्य प्रशासन के मुखिया नीतीश कुमार से 2020 की तरह पंगा लेने की भूमिका तो नहीं तैयार कर रहे! या कि विधानसभा चुनाव में सीटों के लिए प्रेशर बनाने की उनकी यह टैक्टिस है। एलजेपीआर पहले ही 70 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी है। एनडीए में समझौता हुए बगैर चिराग ने कुछ सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी है। इसमें शेखपुरा की सीट भी शामिल है। चिराग ने वहां से पार्टी जिला अध्यक्ष इमाम गजाली को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है। नीतीश से चिराग की दोस्ती न के बराबर? जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। प्रशासन बनाने के लिए भी वे किसी से तालमेल नहीं करेंगे। ऐसे में एनडीए से सिर्फ चिराग के दोबारा बीपीएससी परीक्षा कराने के लिए अभ्यर्थियों के साथ खड़े होने के क्या मायने हो सकते हैं। अतीत में नीतीश से उनके रिश्ते कैसे रहे हैं, यह सबको पता है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने नीतीश को ऐसी चोट पहुंचाई, जिसका दर्द पांच साल बाद भी उन्हें सालता है। चिराग को बिहार में संभावनाएं दिख रही हैं। नेतृत्व में नीतीश कुमार की यह आखिरी पारी हो सकती है। भाजपा के पास भी कोई दमदार युवा चेहरा नहीं है। यानी आगे भी गठबंधन प्रशासन की ही संभावनाएं हैं। ऐसे में चिराग के पास बिहार की नेतृत्व के लिए कुछ विधायक तो होने ही चाहिए। सीटों की बारगेनिंग की टैक्टिस! चिराग को यह भी पता है अपने दम पर चुनाव में उनकी सफलता संभव नहीं। लोकसभा चुनाव में पांच सीटें एलजेपीआर को मिलीं तो उसमें एनडीए की साझा ताकत थी। अपने दम पर तो वे 2020 में 134 उम्मीदवार उतार कर देख चुके हैं। एक भी नहीं जीता। हां, किसी को हराने का माद्दा जरूर उनमें है। विधानसभा चुनाव में जेडीयू को तकरीबन तीन दर्जन सीटों पर हार का कारण चिराग ही बने थे। चिराग अपनी ताकत बढ़ाना चाहते हैं, ताकि वे एनडीए में सीटों की बारगेनिंग कर सकें।

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चिराग पासवान और प्रशांत किशोर में हो रही ‘अंडर टेबल डील’, BJP को किनारे कर हथियाएंगे नीतीश की कुर्सी?

नया विचार – बिहार को नेतृत्व की प्रयोगशाला कहा जाता रहा है। यहां अक्सर अप्रत्याशित नेतृत्वक गठजोड़ और समीकरण देखने को मिलते रहे हैं। खासकर मकर संक्रांति के बाद बिहार की नेतृत्व में कुछ ना कुछ फेरबदल होते रहे हैं। इस बार भी इसके संकेत मिल रहे हैं। पहला नेतृत्वक बदलाव तो सार्वजनिक है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस का हाथ थामने की तैयारी में हैं। दही चूड़ा भोज के बहाने दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद इनके बीच गठबंधन होने के संकेत मिल रहे हैं। असली नेतृत्वक फेरबदल दूसरी है, जिसपर हमारा मकसद आपका ध्यान दिलाना है। मकर संक्रांति के बाद यानी खरमास खत्म होते ही लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक निजी टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में चिराग की ओर से कही गई बातों पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि उनके और नये-नये नेतृत्व में आए प्रशांत किशोर के बीच कोई अंडर टेबल डील हो रही है। चिराग ने पढ़े प्रशांत के लिए कसीदे जन सुराज पार्टी और प्रशांत किशोर को लेकर पूछे गए सवाल पर चिराग पासवान ने बेहद सधे हुए अंदाज में जवाब दिया। चिराग ने कहा- ‘चुनावी नेतृत्व में किसकी कितनी ताकत है इसका अंदाजा इसी से लगता है कि आपके पास कितने विधायक या सांसद हैं। नेतृत्वक स्तर पर और चुनावी रणक्षेत्र में अभी भी उनको (प्रशांत किशोर) प्रूफ करना है। मुझे नहीं पता कि वह उसमें कितना खरा उतरेंगे। उपचुनाव में उन्होंने जरूर प्रयास किया। वो सफलता उनको नहीं मिली।’ चिराग ने आगे कहा कि प्रशांत जी मेरे पुराने मित्र हैं। इतना मैं जरूर मानता हूं कि वो भी एक नई सोच के साथ बिहार को एक बदलाव की दिशा में लेकर जाना चाहते हैं, जिसका मैं जरूर सम्मान करता हूं। भविष्य के गर्भ में उनके लिए क्या है, क्या नहीं ये मुझे नहीं पता। लेकिन ये जरूर है कि वह एक नई सोच के साथ आए हैं। कम से कम वह जात-पात, धर्म-मजहब से उठकर कोई सामने आता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। MY समीकरण ने दशकों तक हमारे प्रदेश को जातीयता और सांप्रदायिकता में बांटने का काम किया। मैं भी अपने MY समीकरण की बात करता हूं, जिसमें M का मतलब स्त्री और Y का अर्थ युवा है। मैंने लोकसभा चुनाव में उसे प्रमाणित करके भी दिखाया है। पांच लोकसभा सीटों में 4 युवा (एक स्त्री युवा) और दो स्त्रीओं को टिकट दिया। मोदी का हनुमान वाले बयान को बताया फिल्मी डायलॉग पिछले 10 साल की नेतृत्व देखें तो चिराग पासवान हमेशा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति समर्पण को दर्शाने के प्रयास में होते हैं। यही वजह है कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होने के बाद भी चिराग पासवान ने खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान बता दिया था। मोदी के हनुमान वाले बयान पर उनसे सवाल पूछा गया तो पहली बार ऐसा लगा कि वह इससे बाहर निकलना चाहते हैं। चिराग ने कहा, ‘2020 का बिहार विधानसभा चुनाव मैं अकेले लड़ रहा था। मतभेद की वजह से मैंने जेडीयू के सामने अपने प्रत्याशी उतारे थे। हालांकि बीजेपी का मैं समर्थन कर रहा था। उस वक्त कहा गया था कि मैं प्रधानमंत्री की तस्वीर का इस्तेमाल कहीं भी प्रचार में नहीं कर सकता हूं। जब दो तीन बार यही बात पूछी गई तो उस वक्त आया तो फिल्मों के बैकग्राउंड से ही तो कहीं ना कहीं वो डायलॉगबाजी चलती है मन में। उस वक्त बोलते बोलते थोड़ा नाटकीय होते हुए बोल दिया था कि मुझे प्रधानमंत्री की तस्वीर होर्डिंग्स पर लगाने की जरूरत नहीं है, वो मेरे दिल में बसते हैं। जरूरत हुई तो दिल चीर कर दिखा दूंगा। उसी बात को लोगों ने हनुमान से जोड़ा।’ कई मुद्दों पर चिराग की बीजेपी से अलग राय 1. जातीय जनगणना और आरक्षण: इस मुद्दे पर चिराग बीजेपी से इतर राय रखते हैं। चिराग कहते हैं कि जातीय जनगणना होनी चाहिए। साथ 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण देने के कांग्रेस के दावे पर वह कहते हैं- ‘मैं मानता हूं कि जितने भी प्रावधान हैं, जो भी इस व्यवस्था को और भी सशक्त करने की सोच को मजबूती दे सकते हैं वह किया जाना चाहिए।’ वह कहते हैं कि आज भी कई योजनाएं हैं जिसके लिए जातीय अनुपात के आंकड़े होना जरूरी है। 2. वक्फ संशोधन बिल: बीजेपी जहां इस बिल को लाने पर आमदा है, वहीं चिराग इसके खिलाफ हैं। चिराग कहते हैं कि हम और बीजेपी अलग-अलग पार्टी हैं, इसलिए कई मुद्दों पर हमारी अलग-अलग राय है। वक्फ बिल जब कैबिनेट में आया, उस वक्त हमारी पार्टी की सोच थी कि जितने भी स्टेक होल्डर हैं उनको अपनी बातें रखने का मौका मिलना चाहिए। हम लोगों का मत था कि इसको एक कमेटी में भेजा जाना चाहिए। इसके लिए जेपीसी का गठन किया गया है, जो भी कमेटी का फैसला होगा वह पार्टी को स्वीकार होगा। 3. संभल जैसी घटना: बीजेपी से इतर चिराग कहते हैं कि ऐसी कोई भी घटना आपको परेशान कर सकती है। लेकिन वहीं पर आपको अपनी प्रशासन पर विश्वास रखना होता है। कोर्ट को माध्यम बनाकर मस्जिद मस्जिद मंदिर ढूंढने के सवाल पर चिराग कहते हैं कि उनकी प्राथमिकताओं में ये है ही नहीं। ये आस्था का सवाल है। इसपर किसी के लिए भी कॉमेंट करना ठीक नहीं है। मैं कतई इस बात का पक्षधर नहीं हूं कि आप जगह जगह जाकर खुदाई करें। 4. यूनिफॉर्म सिविल कोड: गृहमंत्री अमित शाह खुद कह चुके हैं कि वह इसे देशभर में लागू करके रहेंगे। वहीं चिराग पासवान इसके खिलाफ में हैं। वह इसपर कुछ भी खुलकर बोलने से बचते रहें हैं। 5. तेजस्वी की शिक्षा: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की शिक्षा को लेकर बीजेपी, जेडीयू और प्रशांत किशोर लगातार आक्रामक है, लेकिन चिराग की इसपर अलग राय है। चिराग कहते हैं कि एजुकेशन जरूर मायने रखती है, लेकिन आपकी नीति, आपकी सोच आपके विचार, आपके फैसले आपके व्यक्तित्व को प्रस्तुत करते हैं। मैं कतई किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी का पक्षधर नहीं हूं। कौन कितना पढ़ा-लिखा है इसपर उनका मूल्यांकन करने के बजाय

समस्तीपुर

जनता दरबार में भूमि विवाद के पांच मामले की हुई सुनवाई, एक मामले का निष्पादन

नया विचार सरायरंजन । प्रखंड के मुसरीघरारी थाना परिसर में शनिवार को भूमि विवाद के निपटारे को लेकर जनता दरबार का आयोजन हुआ। जनता दरबार में राजस्व अधिकारी प्रीति कुमारी मिश्रा ने पांच मामले का सुनवाई किया।इसमें पूर्व के 4मामले समेत कुल 5 मामले की सुनवाई हुई, । जमीनी विवाद केमामले में कुछ लोगों के कागजात अपूर्ण रहने एवं कुछ लोगों के अनुपस्थित रहने के कारण उन्हें अगली तिथि पर आने को कहा गया। वही एक मामले में दोनों पक्ष के सहमति से मामले का निष्पादन किया गया। वहीं इनमें दूसरे पक्ष के लोगों के अनुपस्थित रहने के कारण उन लोगों को अगली तिथि पर आने के लिए नोटिस भेजा गया। मौके पर राजस्व अधिकारी प्रीति कुमारी मिश्रा, एस आई ब्यूटी रानी, राजस्व कर्मचारी विपिन कुमार, आदि मौजूद रहे।

ताजा ख़बर, बिहार

बिहार में कुर्की के डर से मंत्री के भाई ने किया सरेंडर, अपहरण मामले के बाद नेपाल में छिपा था पिन्नू

नया विचार बेतिया – बिहार के बेतिया में एक राइस मील से मजदूर को पिस्तौल का भय दिखाकर अगवा करने और जबरन उससे जमीन लिखवाने के मामले में पुलिस को मंत्री रेणु देवी के भाई की तलाश थी. ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही थी लेकिन मुख्य अभियुक्त रवि कुमार उर्फ पन्नू फरार था. इस बीच कुर्की की तैयारी तेज हो गयी. पुलिस ने पन्नू के घर पर इश्तेहार चिपकाया. जिसके बाद उसने सरेंडर कर दिया. वह नेपाल में छिपा था. कुर्की के डर से उसने शनिवार को सरेंडर कर दिया. कुर्की के डर से पिन्नू ने किया सरेंडर एसपी डॉ शौर्य सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि अपहरण मामले के मुख्य अभियुक्त रवि कुमार उर्फ पिन्नू ने सरेंडर कर दिया है. पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में उसने सरेंडर किया. एसपी ने कहा कि लगातार कुछ दिनों से छापेमारी चल रही थी. कोर्ट में हल्की चूक पुलिस से हुई थी और इसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. उसके बाद वारंट लेकर अब कुर्की की तैयारी चल रही थी. कुर्की के डर से पिन्नू ने सरेंडर कर दिया. नेपाल में छिपा था पिन्नू एसपी ने बताया कि पिन्नू नेपाल में छिपा था. बेतिया पुलिस नेपाल भी गयी थी. अब कुर्की की कार्रवाई शुरू होने वाली थी. इश्तेहार आज ही चिपकाया गया था. कुर्की के डर से पिन्नू ने सरेंडर कर दिया. एसपी ने बताया कि जिस पिस्टल का इस्तेमाल अपहरण के लिए हुआ था, उसे जब्त करने की तैयारी हो रही है. एसपी ने दी कड़ी चेतावनी एसपी ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि बेतिया में ये साफ हिदायत देना चाहता हूं कि इस तरह के अपराध जो भी करते हैं या जो करने की मंशा रखते हैं, वो किसी भी तबके से आते हैं, वो क्राइम करने के बाद केवल अपराधी हैं. उसपर सख्त कार्रवाई होगी.

ताजा ख़बर, बिहार

RJD की बैठक के बीच तेजस्वी से मिलने पहुंचे राहुल गांधी, होटल मौर्या में मुलाकात, सियासी चर्चा…

नय विचार पटना– कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक दिन के बिहार दौरे पर शनिवार को पटना पहुंचे। राहुल का कार्यक्रम सबसे पहले बापू सभागार में विधान सुरक्षा सम्मेलन संवाद का था, फिर कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करना था। लेकिन पटना पहुंचने के बाद राहुल सीधे होटल मौर्या पहुंचे। जहां आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक चल रही है। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद से उन्होने मुलाकात की। तेजस्वी ने उनका स्वागत किया। हालांकि दोनों के बीच क्या चर्चा हुई ये अभी तक साफ नहीं हो सका है। इस मुलाकाक को इसलिए भी अहम समझा जा रहा है। क्योंकि महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अभी तक राजद और कांग्रेस के बीच खींचतान शुरू हो गई है। तय कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी पटना में 6 घंटे रहेंगे। इस दौरान ग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। कांग्रेस सदाकत आश्रम में भी वे करीब दो घंटे रहेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी यह पहली बिहार यात्रा है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि सदाकत आश्रम के कर्मचारियों के लिए नवनिर्मित इंदिरा भवन का राहुल गांधी उद्घाटन कर कर्मचारियों को आवास की चाबी सौपेंगे।

ताजा ख़बर, बिहार

राहुल गांधी आ रहे बिहार, पटना में बिताएंगे 6 घंटे, विधानसभा चुनाव पर कार्यकर्ताओं को देंगे टिप्स

नया विचार पटना– कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी शनिवार को बिहार आ रहे हैं। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर पार्टी के बड़े नेता के स्वागत के लिए खास तैयारी की गयी है। राहुल गांधी एक दिन के दौरे पर बिहार आ रहे हैं जिसमें वे कई कार्यक्रमों में भाग लेने वाले हैं। सियासी हलके में राहुल गांधी के बिहार दौरे को विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। पटना में लगभग 6 घंटे रहेंगे। दिल्ली से 12 बजे पटना एयरपोर्ट पर आने के बाद वे सीधे बापू सभागार जाएंगे। यहां विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में विभिन्न वर्गों के लोगों से संवाद करेंगे। बापू सभागार में वे दो घंटे रहेंगे। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। कांग्रेस सदाकत आश्रम में भी वे करीब दो घंटे रहेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी यह पहली बिहार यात्रा है। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि सदाकत आश्रम में नवनिर्मित इंदिरा भवन का उद्घाटन कर कर्मियों को चाबी सौपेंगे। राहुल गांधी का बिहार आगमन ऐसे समय मे हो रहा है जब महागठबंधन में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर रस्साकशी चल रही है। कांग्रेस की ओर से आगामी चुनाव को लेकर कम से कम 70 सीटों की मांग की जा रही है। उधर राजद 150 से कम सीट लेने को तैयार नहीं है। लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बयानबाजी भी शुरू हो गयी है। माना जा रहा है कि सदाकत आश्रम में राहुल गांधी जब कार्यकर्ताओं के साथ 2 घंटे बिताएंगे उस दौरान विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के स्टैंड पर चर्चा होगी। राहुल गांधी अपने नेताओं को चुनाव को लेकर गाइड करेंगे और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत के लिए टिप्स देंगे।

ताजा ख़बर, बिहार

बिहार के किसानों को अब मिलेगी सस्ती बिजली और मुफ्त कनेक्शन, इस तारीख तक करें आवेदन

नया विचार पटना– बिहार प्रशासन ने राज्य के सभी किसानों के हित में एक बड़ी पहल करते हुए सिंचाई के लिए खेतों तक मुफ्त कृषि बिजली कनेक्शन देने की योजना शुरू की है. मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत प्रशासन ने किसानों को उनके खेतों तक मुफ्त बिजली कनेक्शन देने की व्यवस्था की है. इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसान 28 फरवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं. सितंबर 2026 तक 8 लाख से अधिक किसानों को कनेक्शन देने का लक्ष्य राज्य में सिंचाई के लिए बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से ऊर्जा विभाग ने कई बड़े कदम उठाए हैं. जिसमें चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत सितंबर 2026 तक राज्य के कुल 8 लाख 40 हजार किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक 5 लाख 42 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री कृषि विद्युत योजना के मुख्य बिंदु •ऊर्जा विभाग खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर कृषि पावर सबस्टेशन का निर्माण कर रहा है. •इस योजना के तहत किसानों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. अगले तीन महीने के अंदर सभी इच्छुक किसानों को कृषि विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य है. •राज्य प्रशासन द्वारा निर्धारित कृषि विद्युत दर 6.74 रुपए प्रति यूनिट में से 6.19 रुपए प्रति यूनिट अनुदान के रूप में दी जा रही है. जिससे किसानों को मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है. •योजना के तहत स्थानीय बिजली कार्यालय या ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. आवेदन कैसे करें किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए बिजली विभाग के सुविधा ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा बिजली कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट nbpdcl.co.in या sbpdcl.co.in पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं. ऑफलाइन आवेदन करने के लिए बिजली विभाग के नजदीकी कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है. किसानों को होगा फायदा प्रशासन का कहना है कि इस योजना से किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं का समाधान होगा और उनकी कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ेगी. किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए बिजली की दरें भी कम रखी गई हैं.

समस्तीपुर

विद्युत ऊर्जा की चोरी की प्राथमिकी 

नया विचार सरायरंजन : मुसरीघरारी थाना क्षेत्र के हरपुर एलौथ में की जा रही विद्युत ऊर्जा की चोरी को लेकर मुसरीघरारी थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। विद्युत आपूर्ति प्रशाखा मोहनपुर में पदस्थापित कनीय विद्युत अभियंता संतोष कुमार ने कांड सं .5/25 के तहत दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के आदेश अनुसार हरपुर एलौथ निवासी अमला देवी, पति नरेश चौधरी के घर में छापेमारी की गई तो पता चला की मैन सर्विस तार के इनपुट टर्मिनल से टैपिंग करके विद्युत ऊर्जा की चोरी की जा रही है। इस विद्युत ऊर्जा की चोरी से कंपनी को 11766 रुपए के राजस्व की क्षति हुई है । वहीं उनके यहां पूर्व का बकाया राशि 11775 का भुगतान लंबित है।

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