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Author name: Vinod Jha

nayavichar.com पर संपादक हैं। पटना स्थित स्वतंत्र पत्रकार और लेखक व एक दशक से अधिक का व्यापक अनुभव है। पत्रकारिता, प्रकाशन और विज्ञापन में अनुभव सभी प्रकार की सामग्री के साथ काम करने में सक्षम बनाता है: ब्लॉग पोस्ट, सोशल मीडिया सामग्री अच्छी तरह से शोध किए गए लेख और साथ ही प्रेस विज्ञप्तियाँ। यदि आप उच्च-गुणवत्ता वाली सामग्री की तलाश में हैं, तो nayavicharnews@gmail.com पर संपर्क करें। विशेषताएँ: रिपोर्टिंग, पत्रकारिता, लेखन और संचार, सोशल मीडिया

ताजा ख़बर, समस्तीपुर

ताजपुर,मुसरीघरारी,सातनपुर व दलसिंहसराय में बनेगा फ्लाई ओवर

  नया विचार समस्तीपुर -उजियारपुर लोकसभा के लोकप्रिय सांसद सह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री माननीय श्री Nityanand Rai जी के प्रयास से उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत NH 28 पर सातनपुर में 1600 मीटर में फ्लाइ ओवर के लिए 25.47 करोड़, ताजपुर में 1390 मीटर,मुसरीघरारी में 1340 मीटर और दलसिंहसराय में 1200 मीटर में फ्लाइ ओवर बनाने के लिए 105 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है। चारों फ्लाइ ओवर का टेंडर कराया जा चुका है। जल्द ही सभी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सातनपुर में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है आरओबी व अंडरपास बनने से हादसों पर लगेगी रोक ताजपुर,मुसरीघरारी,सातनपुर व दलसिंहसराय में फ्लाई ओवर और अंडरपास बनने से मुजफ्फरपुर से बरौनी की ओर जाने वाले और आने वाले वाहनों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी। फ्लाइ ओवर होकर सीधे अपने गंतव्य की ओर निकल जाएंगे। फ्लाई ओवर के नीचे अंडरपास बनने से बाइक चालक या छोटे वाहन भी जाम में नहीं फसेंगे। साथ ही आए दिन होने वाले हादसों से भी लोगों को निजात मिलेगा।

समस्तीपुर

आधुनिक काल के महान नाटककार थे मोहन राकेश 

नया विचार सरायरंजन: आधुनिक काल के महान नाटककार थे मोहन राकेश। उक्त बातें केएसआर कॉलेज सरायरंजन के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित मोहन राकेश के शताब्दी जयंती समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहीं। प्राचार्य डॉ .विपिन कुमार झा के निर्देशन एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. अवधेश कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने मोहन राकेश को एक श्रेष्ठ नाटक कार, कहानीकार और उपन्यासकार बताया। अध्यक्षता करते हुए प्रो .अवधेश कुमार झा ने स्पष्ट किया कि हिन्दी साहित्य में जयशंकर प्रसाद के बाद,मोहन राकेश एक उत्कृष्ट नाटककार के रूप में सुख्यात हुए। अंधेरे बंद कमरे आदि अनेक अच्छी कृतियां हैं, तथापि लहरों के राजहंस मोहन राकेश की अत्यंत उत्कृष्ट नाट्य कृति है, जिसमें उन्होंने कहा है कि,नारी का आकर्षण जहां पुरुष को पुरुष बनाता है,वहीं नारी का विकर्षण उसे महात्मा बुद्ध बना देता है। मोहन राकेश हिन्दी साहित्य में नई कहानी आंदोलन के भी सूत्रधार थे। प्रो .हरेकृष्ण चौधरी,प्रो. मनोज कुमार झा,प्रो .शेखर प्रसाद चौधरी,प्रो .चन्द्रशेखर झा, प्रो .पवन कुमार चौधरी आदि ने जयंती समारोह को सम्बोधित किया। मौके पर अधिकांश महाविद्यालय कर्मी मौजूद थे।

अपराध, बिहार, समस्तीपुर

समस्तीपुर : पुलिस ने कुख्यात अपराधी को किया गिरफ्तार

नया विचार : समस्तीपुर पुलिस द्वारा गंभीर घटना के योजना को किया गया निष्फल, घटना के पूर्व बिहार एस०टी०एफ० के सहयोग से कुख्यात अपराधकर्मी विरेन्द्र सदा उर्फ बिरेन सदा को किया गया गिरफ्तार। मंगलवार को करीब 09:00 बजे सुचना प्राप्त हुआ कि कुख्यात अपराधकमी विरेन सदा तर्फ विरेन्द्र सदा पिता-या रामाशीष सदा राम्रा खेतापुर चर्मपुर थाना-सरायरंजन जिला-समस्तीपुर अपने घर आया हुआ है एवं कुख्यात अपराधकर्मी विकास आ के संपर्क में है तथा अपने गैंग को सक्रिय कर बठी घटना को अंजाम देने के फिराक में है। सत्यापन के क्रम में बिहार एस०टी०एफ० के टीम से सहयोग प्राप्त कर सूचना को सूचना के सत्यापित करते हुए तत्काल कार्रवाई की गयी एवं विरेन सदा सदा को एक मैगजीन सहित लोडेड देशी पिस्तौल, 05 जिंदा गोली, एक खाली मैगजीन एवं 01 रेडमी कंपनी के मोबाईल के साथ गिरफ्तार किया गया है। जिस संबंध में सरायरंजन थाना कांड स०-03/25. दि०-07.01.2025, धारा 25 (1-बी) ए/20/35 शस्त्र अधि० दर्ज है। अपराधकर्मी जिरेन सदा उर्फ विरेन्द्र सदा लूट एवं डकैती गिरोह को संचालित करते है. जिनके द्वारा समस्तीपुर जिला के अन्य समीवर्ती जिला में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। अन्य जिला से इनका अपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है। ये सक्रिय एवं पेशेवर अपराधकर्मी है। ये जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद जेल में बंद अपराधकर्मी के संपर्क में आकर अपने संगठन को पुनः संगठित कर रहे थे। लेकिन इनके प्रयास को विफल कर दिया गया।

बिहार, राजनीति, समस्तीपुर

प्रशांत किशोर और BPSC अभ्यर्थियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई निंदनीय, जन सुराज बिहार के युवाओं के लिए सत्याग्रह जारी रखेगा – चंद्रमणि

नया विचार   : जन सुराज पार्टी के समस्तीपुर जिला अध्यक्ष चंद्रमणि सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पटना में पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के खिलाफ हुई कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। चंद्रमणि सिंह ने बताया कि प्रशांत किशोर BPSC छात्रों के समर्थन में उनकी मांगों को लेकर गांधी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से 2 जनवरी से अनशन पर बैठे थे। 6 जनवरी की सुबह करीब 4 बजे पुलिस ने अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर, BPSC छात्रों और अन्य समर्थकों को बलपूर्वक अनशन स्थल से हटाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। गांधी मूर्ति के नीचे अगर बैठ कर कोई सत्याग्रह कर रहा है तो इसमें क्या गुनाह है? प्रशासन को इस बात का जवाब देना चाहिए।   *प्रशांत किशोर ने सत्याग्रह करने का आह्वान 30 दिसंबर को किया था, छात्रों की मांग मानने के लिए प्रशासन को दिए थे 2 दिन* जिला अध्यक्ष चंद्रमणि सिंह ने आगे बताया कि जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर जी 2 जनवरी 2025 से लगातार आमरण अनशन पर हैं। बिहार में BPSC परीक्षा में हुई धांधली और अनियमितताओं के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को समर्थन देते हुए प्रशांत किशोर सबसे पहले 29 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान में छात्र संसद में शामिल हुए थे। छात्र संसद में ये निर्णय हुआ कि मार्च निकाला जाए। पुलिस ने छात्रों के मार्च को जेपी गोलंबर पर रोक दिया था। प्रशांत किशोर जी छात्रों के प्रतिनिधिमंडल और हजारों छात्रों के साथ इस मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। अधिकारियों ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को बिहार के मुख्य सचिव से मिलवाने का वादा किया और सभी छात्रों से मार्च को खत्म करने की अपील की। प्रशांत जी ने भी ये बात मीडिया और छात्रों के साथ साझा किया। इसके प्रशांत जी और ज्यादातर छात्र वहां से लौट गए। इसके बाद पुलिस ने कायरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए कुछ बचे हुए सैकड़ों छात्र पर लाठियां बरसाई, पानी की बौछार की और उन्हें बेरहमी से पीटा। इस घटना से प्रशांत किशोर जी बेहद आहत हुए। हालांकि अगले दिन छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य सचिव से मुलाकात की और अपनी बातों को रखा। प्रशांत किशोर जी ने 30 दिसंबर को कहा कि अगर प्रशासन 2 दिनों में छात्रों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो वो खुद 2 जनवरी से BPSC के छात्रों के साथ सत्याग्रह करेंगे।   प्रशासन ने BPSC छात्रों की मांगें नहीं मानी। इसके बाद 2 जनवरी से प्रशांत किशोर जी छात्रों के साथ पटना में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गए। उन्हें लगातार छात्रों का समर्थन मिलता रहा और बिहार के सभी ज़िलों के युवा, छात्र और उनके माता-पिता इस अभियान से जुड़ते चले गए और बड़ी संख्या में लोग पटना के गांधी मैदान पहुंच कर प्रशांत जी को अपना समर्थन देने लगे। प्रशांत जी को पूरे बिहार से मिल रहे इस व्यापक समर्थन से घबरा कर नीतीश और भाजपा की प्रशासन ने एक बार फिर कायरता दिखाई और 6 जनवरी के अहले सुबह करीब 4 बजे प्रशांत किशोर जी समेत सभी अनशनकारियों को जबरन उठाकर ले गई और गिरफ्तार कर उनके ऊपर FIR कर दिया। प्रशांत जी को पुलिस 5 घंटे से अधिक एंबुलेंस और फिर अन्य वाहन में पटना और उसके आसपास के इलाके में घुमाती रही। फिर उन्हें कोर्ट लेकर गई, जहां से उन्हें जमानत मिल गया।   *प्रशांत किशोर का आमरण अनशन अस्पताल में भी जारी, छात्रों के साथ न्याय करने की मांग पर कायम है जन सुराज* छात्रों और आमलोगों ने इस पुलिसिया कार्रवाई का भारी विरोध किया। हजारों की संख्या में लोगों ने पटना में सड़क पर उतरकर प्रशांत किशोर और अन्य लोगों की गिरफ्तारी का विरोध किया। पुलिस ने प्रशांत किशोर जी को सिविल कोर्ट में पेश किया, जहां उन्होंने सशर्त बेल लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया। उनके बेऊर जेल पहुंचने के कुछ घंटों के भीतर ही कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी। इस बीच प्रशांत किशोर जी ने अपना आमरण अनशन जारी रखा है। 7 जनवरी की सुबह प्रशांत जी की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें ICU में शिफ्ट किया गया। उन्होंने कुछ खाने से इनकार कर दिया है और अस्पताल में भी अनशन जारी रखा है। जन सुराज पार्टी प्रशांत किशोर जी और BPSC छात्रों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन की इस कायरतापूर्ण कार्रवाई की कड़ी निंदा करती है। हमारी मांग है कि प्रशासन छात्र सत्याग्रह समिति की सभी 5 मांगों को मान कर अविलंब छात्र हित में निर्णय लें अन्यथा ये आंदोलन और तीव्र होगा। मौके पर जनसुराज जिला अध्यक्ष चंद्रमणि सिंह, निरंजन ठाकुर संयोजक, रिंकी पासवान स्त्री अध्यक्ष,  राम बालक पासवान प्रदेश कोर कमेटी राज कपूर सिंह प्रदेश कार्य समिति सदस्य,  गोविंद कुमार,  मनीष हिंदुस्तानी,  महेश ठाकुर, अमरेंद्र कुमार, विजय वात्स्यायन उपस्थित रहें।

बिहार

BPSC की परीक्षा रद्द हो सकती है अगर…, अभ्यर्थियों की मांग पर नीतीश के मंत्री का बड़ा बयान; विपक्ष को भी घेरा

नया विचार पटना– बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं पीटी परीक्षा को लेकर बिहार में घमासान जारी है। इस बीच नीतीश प्रशासन के एक मंत्री ने साफ किया है कि परीक्षा को लेकर चल रही जांच में अगर कुछ गड़बड़ी मिलती है तो परीक्षा रद्द भी हो सकती है। मीडिया से बातचीत में बिहार प्रशासन के मंत्री और बीजेपी नेता दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘यह अलग बात है कि परीक्षा हुई है। जांच अभी चल रही है। अगर जांच में गड़बड़ियां सामने आती हैं तो पूरी परीक्षा रद्द हो सकती है। प्रशासन ने अब तक ना नहीं कहा है।’ BPSC परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में कई अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर लगातार आमरण अनशन पर हैं। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार प्रशासन पर हमलावर हैं। इधर पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव भी इस मुद्दे पर काफी सक्रिय हैं। पप्पू यादव ने पहले बिहार में चक्का जाम का ऐलान भी किया था और इसके बाद 12 जनवरी को बिहार बंद का भी ऐलान किया गया है। इन तमाम विरोध प्रदर्शनों और अभ्यर्थियों की मांगों के बीच प्रशासन की तरफ से बीपीएससी की पूरी परीक्षा रद्द करने को लेकर यह पहला स्पष्ट बयान आया है। बता दें कि इस मुद्दे पर कांग्रेस और लेफ्ट के सदस्यों ने राज्यपाल से मिल कर एक ज्ञापन सौंपा था और यह आग्रह किया था कि हाई कोर्ट के जज की निगरानी में इसकी जांच करवाई जाए। बिहार प्रशासन के मंत्री के तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया था। दिलीप जायसवाल ने इस मसले पर विपक्षी पार्टियों को भी घेरा औऱ आरोप लगाया कि वो छात्रों के आंदोलन का नेतृत्वक फायदा लेना चाहते हैं। दिलीप जायसवाल ने कहा, ‘विपक्ष विकास, रोजगार और अन्य किसी भी मुद्दे पर बातचीत नहीं कर सकता है। इसलिए वो छात्रों के आंदोलन का इस्तेमाल खुद को स्थापित करने के लिए कर रहे हैं।’ इसी के साथ दिलीप जायसवाल ने छात्रों से अपील करते हुए कहा, ‘मैं बीपीएससी अभ्यर्थियों से आग्रह करता हूं कि वो प्रशासन औऱ BPSC पर भरोसा रखें और भटके नहीं।’

बिहार, शिक्षा

नालंदा खुला विवि : दो यूजी और आठ पीजी कोर्स में नामांकन की मिली मान्यता , इस वर्ष 26 यूजी-पीजी कोर्स में होगा नामांकन

नया विचार पटना।  नालंदा खुला विश्वविद्यालय को 10 और कोर्स में नामांकन के लिए डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो से मान्यता मिल गई है। इनमें दो यूजी और आठ पीजी कोर्स हैं। इससे पहले 16 कोर्स में नामांकन की स्वीकृति मिली थी, जिसका पिछले सत्र में नामांकन लिया गया था। इस वर्ष 26 कोर्स में नामांकन होंगे। हालांकि अभी बचे हुए 33 यूजी-पीजी कोर्स में नामांकन के लिए मान्यता प्राप्त करने की जद्दोजहद चल रही है। विवि में पहले 59 यूजी-पीजी कोर्स चल रहे थे। विवि को नैक की मान्यता मिलने के बाद अब कोर्स की मान्यता मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस वर्ष बचे कोर्स में मान्यता मिल जाने की उम्मीद की जा रही है। विवि प्रशासन ने कहा कि पहले से चल रहे सभी कोर्स में नामांकन शुरू होने के बाद नए कोर्स के प्रयास होंगे। यूजी पीजी के जो कोर्स अभी शुरू नहीं हुए हैं, उनके अतिरिक्त स्किल डेवलपमेंट कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। इनमें कारपेंटरी, फ्लाई एंड ब्रिक्स, डिस्पोजेबल डाइपर व सैनेटरी नैपकिंस, हैंड मेड पेपर्स, पॉल्ट्री, बेकरी, पीवीसी फुटवेयर, एल्युमुनियम फर्नीचर, गेट ग्रिल फैबरिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, मोबाइल एप डेवलपमेंट आदि कोर्स शुरू होंगे। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी में 46 सर्टिफिकेट व डिप्लोमा और इंटर के तीन (आर्ट्स, साइंस एंड कॉमर्स) मिलाकर 49 कोर्स में नामांकन भी पहले से चल रहा है। इस प्रकार अब 72 कोर्स हो चुके हैं, जिनमें नामांकन होंगे। इंटर, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा के 49 कोर्स चल रहे इस बार इन कोर्स की मिली स्वीकृति बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशंस, एमए उर्दू, एमए संस्कृत, एमए इतिहास, एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार, एमए नेतृत्वशास्त्र, एमए समाजशास्त्र, एमए पर्यावरण विज्ञान, एमएससी जूलॉजी इन कोर्स में पिछले वर्ष मिली थी स्वीकृति • साइंस स्ट्रीम भूगोल, गृह विज्ञान, रसायनशास्त्र,पर्यावरण विज्ञान, गणित,बॉटनी, फिजिक्स • आर्ट्स स्ट्रीम अर्थशास्त्र,गृह विज्ञान, हिंदी,मनोविज्ञान, शिक्षा, भूगोल, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन •कॉमर्स स्ट्रीम : कॉमर्स “ज्यादातर पीजी कोर्स में नामांकन की अनुमति मिल गई है। अब स्नातक में भी नामांकन की अनुमति जल्द ही मिल जाएगी। उनका अपडेटेड सिलेबस और स्टडी मेटेरियल तैयार किया जा रहा है। इसके साथ सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स तैयार कर डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो को भेजने को लेकर प्रक्रिया तेजी से चल रही है।”-  प्रो. संजय कुमार, कुलपति, नालंदा खुला विश्वविद्यालय

खेल

पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास 100 करोड़ से बनेगा इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट

• बनने के बाद बिहार का पहला इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट सह मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम होगा। प्रोजेक्ट सबमिट, कैबिनेट से अप्रूवल के बाद होगा कार्यारंभ, मार्च 2026 तक काम पूरा करने का है लक्ष्य है।   नया विचार पटना–  बिहार का पहला इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट सह मल्टीपर्पस इंडोर कॉम्प्लेक्स पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के सटे रेनबो मैदान में 100 करोड़ की लागत से बनेगा। प्रोजेक्ट सबमिट हो चुका है। कैबिनेट से अप्रूवल मिलने के बाद वर्क आर्डर होगा। इसके बाद कार्यारंभ होगा। मार्च 2026 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को इसी महीने कैबिनेट से अप्रूवल मिल जाएगा। पिछले दिनों बिहार राज्य स्पोर्ट्स प्राधिकरण और स्पोर्ट्स विभाग समेत संबंधित अधिकारियों ने इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट का प्रेजेंटेशन देखा था। इंडोर स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में इन स्पोर्ट्सों की व्यवस्था बैडमिंटन, टेबल टेनिस, स्क्वैश, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, शूटिंग रेंज (10 मीटर), फेसिंग, बॉक्सिंग, जिमनास्टिक्स, रेहेथिमिक, ट्रंपोलाइन, एक्रोबेटिक, हैंडबॉल, जूडो कराटे, कबड्डी, नेटबॉल, ताईक्वांडो, वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग और कबड्डी। यह बिहार का पहला इंडोर स्पोट्र्स इंस्टीट्यूट होगा, जहां एक ही कैंपस के अंदर 20 तरह के इंडोर स्पोर्ट्सों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यवस्था होगी। उनकी पूरी कोशिश है कि इसका निर्माण मार्च 2026 तक पूरा हो जाए। बनने के बाद यहां 20 प्रकार के इंडोर गेम्स की ट्रेनिंग और नेशनल इंटरनेशनल लेवल के आयोजन होंगे। यहां दो मल्टीपर्पस स्पोर्ट्स हॉल बनेंगे। हॉल के अंदर ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के खानपान की सुविधा वाले कैफेटेरिया, खिलाड़ियों के लिए ड्रेसिंग रूम, जिम, फिजियोथेरेपी सेंटर आदि की सुविधा भी होगी।

ताजा ख़बर

रेलवे में 1036 पदों पर बहाली होगी, आवेदन 6 फरवरी तक

टीचर समेत कई पदों पर होगी भर्ती नया विचार पटना- हिंदुस्तानीय रेलवे में 1036 पदों पर बहाली होगी। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया वेबसाइट rbapply.gov.in के माध्यम से शुरू हो गई है। आवेदन की अंतिम लिधि 6 फरवरी है। इसके तहत पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी), साइंटिफिक सुपरवाइजर (इकोनॉमिक्स एंड ट्रेनिंग), टीजीटी, चीफ लॉ असिस्टेंट, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर, फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर, साइंटिफिक असिस्टेंट ट्रेनिंग, जूनियर ट्रांसलेटर (हिंदी), सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर, स्टाफ एवं वेलफेयर इंस्पेक्टर, लाइब्रेरियन, म्यूजिक टीचर (फीमेल), प्राइमरी रेलवे टीचर, असिस्टेंट टीचर (फीमेल) (जूनियर स्कूल), लाइब्रेरी असिस्टेंट/स्कूल और लैब असिस्टेंट ब्रेड III (केमिस्ट एवं मेटलजिस्ट) के पदों पर भर्ती होगी। सामान्य वर्ग, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपए, वहीं एससी-एसटी, पीडब्ल्यूडी, स्त्री और पूर्व सैनिक उम्मीदवारों के लिए 250 रुपए है। चयन प्रक्रिया चार स्टेज की होगी। स्नातक शिक्षक के 338 पदों पर होगी बहाली इसमें विभिन्न विषयों के स्नातकोत्तर शिक्षक के 187, वैज्ञानिक पर्यवेक्षक के 3, विभित्र विषयों के प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक के 338, मुख्य विधि सहायक के 54, लोक अभियोजक के 20, शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक के 18 और वैज्ञानिक सहायक के 2 पद हैं। इसके अलावा कनिष्ठ अनुवादक के 130, वरिष्ठ प्रचारक निरीक्षक के 3, कर्मचारी एवं कल्याण निरीक्षक के 59, लाइब्रेरियन के 10, संगीत अध्यापिका के 3. विभिन्न विषयों के प्राथमिक रेलवे शिक्षक के 188, सहायक अध्यापिका के 2, प्रयोगशाला सहायक के 7 और लैब सहायक ग्रेड तृतीय के 12 पद हैं। अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु पदों के अनुसार 48 वर्ष तक रखी गई है। इसमें आयु की गणना नोटिफिकेशन के अनुसार की जाएगी। आरक्षित वगों को प्रशासन के नियमानुसार अधिकतम आयु सीमा में छूट दी गई है।

बिहार, राजनीति

चुनाव याचिका खारिज

नया विचार पटना– हाईकोर्ट ने बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के पराजित उम्मीदवार गजानंद शाही की ओर से दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है। शाही ने जदयू विधायक सुदर्शन कुमार के निर्वाचन की वैधता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। मंगलवार को न्यायमूर्ति नवनीत कुमार पांडे की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई की और याचिका को खारिज कर दिया। वर्ष 2020 में बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से जदयू के उम्मीदवार सुदर्शन कुमार को 113 मतों से निर्वाचित घोषित किया गया था। कांग्रेस प्रत्याशी गज्जानंद शाही ने नामांकन पत्र और मतगणना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए यह चुनाव याचिका दायर की थी।

राजनीति

केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के लिए निचली अदालत से मांगा रिकॉर्ड

मामला प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द के प्रयोग का नया विचार- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करने के आरोप में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जारी सम्मन के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए पटना सिविल कोर्ट की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को निचली अदालत से अभिलेख मांगा। सांसदों और विधायकों के आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश अक्षय कुमार सिंह की अदालत ने केजरीवाल की ओर से दाखिल की गई पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए निचली अदालत से मामले के अभिलेख की मांग करते हुए 27 जनवरी की अगली तिथि निश्चित की है। इस बीच मामले के शिकायतकर्ता रविभूषण प्रसाद वर्मा भी अदालत में उपस्थित हुए जिन्हें पुनरीक्षण याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता रविभूषण प्रसाद वर्मा ने हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 332, 500 और 505 के तहत शिकायती मुकदमा दायर किया था। अदालत ने शिकापती मुकदमा संख्या 4908/2023 दर्ज करते हुए जांच के लिए विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत को सौंपा था। जांच के बाद विशेष न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ हिंदुस्तानीय दंड विधान की धारा 500 और 505 के तहत मामला प्रथमदृष्टया सही पाते हुए उनकी उपस्थिति के लिए सम्मन जारी करने का आदेश दिया था।

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