Ayushman Bharat Yojana : आयुष्मान हिंदुस्तान-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) से यदि आप भी इलाज करवाते हैं तो यह समाचार आपके लिए खास है. जी हां…देशभर में 600 से अधिक प्राइवेट हॉस्पिटल ने योजना से अपनी भागीदारी समाप्त कर दी है. इनमें गुजरात के 233 हॉस्पिटल का नाम शामिल है. इसके अलावा केरल के 146 और महाराष्ट्र के 83 हॉस्पिटल ने भी योजना से अपना नाम वापस ले लिया है. इस हॉस्पिटल का कहना है कि कम भुगतान दरें और भुगतान में देरी के कारण उनके लिए इस योजना के तहत काम करना मुश्किल हो रहा है.
आयुष्मान हिंदुस्तान योजना के तहत सेवाएं बंद क्यों?
हरियाणा में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राज्य इकाई ने फरवरी में ऐलान किया था कि 600 प्राइवेट हॉस्पिटल ने आयुष्मान हिंदुस्तान योजना के तहत सेवाएं बंद करने का फैसला लिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें 400 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान नहीं मिला था. पंजाब और जम्मू-कश्मीर में भी प्राइवेट हॉस्पिटलों और नर्सिंग होम एसोसिएशनों ने इसी तरह की शिकायतें की हैं.
आयुष्मान हिंदुस्तान योजना का उद्देश्य क्या है?
आयुष्मान हिंदुस्तान योजना को 23 सितंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था. योजना को लागू करने के लिए झारखंड की राजधानी रांची को चुना गया. योजना गरीब और कमजोर परिवारों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा देती है. योजना में शुरू में करीब 10.74 करोड़ गरीब और कमजोर परिवार को शामिल किया गया था.
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इसके बाद जनवरी 2022 में लाभार्थी आधार को संशोधित कर 55.0 करोड़ लोगों या 12.34 करोड़ परिवारों तक इसे पहुंचाया गया था. केवल 2024 में, इस योजना का विस्तार करके 37 लाख आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को इसमें जोड़ा गया. इनके परिवार को को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा लाभ के लिए प्रशासन ने कवर किया गया.
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