Bihar: शिवहर जिले में एक बार फिर बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है. बापूधाम शिवहर से होकर गुजरने वाली नई रेलवे लाइन परियोजना के मुआवजा वितरण में घूसखोरी का खुलासा हुआ है. निगरानी विभाग ने रिश्वत लेते हुए एक लिपिक को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.
अन्य अफसरों के शामिल होने की आशंका
डीएसपी सागर का कहना है कि इतनी बड़ी रकम की रिश्वत केवल एक लिपिक के स्तर पर ली जा रही हो, यह मानना मुश्किल है. शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि इस घोटाले में कई अन्य अफसर भी शामिल हो सकते हैं. गिरफ्तार लिपिक से जिला अतिथि गृह में घंटों पूछताछ की गई, जिसमें कई नाम सामने आए हैं. अब आगे और भी लोगों की गिरफ्तारी संभव है.
क्या है पूरा मामला?
बताया जा रहा है कि रेलवे परियोजना के लिए शहर और आसपास के इलाकों की जमीन अधिग्रहित की गई थी. अब मुआवजे की राशि जारी की जा रही है. पप्पू तिवारी नामक एक लाभार्थी की 25 डिसमिल जमीन ली गई थी, जिसके बदले उन्हें करीब 35 लाख रुपये मिलना था लेकिन यह रकम पास कराने के बदले लिपिक ने लगातार रिश्वत मांगी. थक-हारकर पप्पू तिवारी ने निगरानी विभाग में शिकायत दर्ज कराई. उनका कहना है कि सिर्फ उनसे ही नहीं, बल्कि इस योजना में शामिल 15 से ज्यादा लोगों से भी 2% तक की रिश्वत मांगी गई है. कई लोगों ने पैसे दिए, तभी उनकी राशि जारी हुई.
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शिवहर में सातवीं बड़ी कार्रवाई
यह शिवहर जिले में निगरानी विभाग की अब तक की सातवीं कार्रवाई है. साल 2008 में पहली बार तत्कालीन सिविल सर्जन पंचानंद प्रसाद को घूस लेते पकड़ा गया था. इसके बाद कई अन्य अधिकारियों को भी समय-समय पर रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लिपिक से मिली जानकारी के आधार पर अब अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है.
(मानसी सिंह की रिपोर्ट)
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