Bihar BJP : दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नजर इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर है. दिल्ली फतह करने के बाद भाजपा के नेता और कार्यकर्त्ता एक ओर जहां पूरे आत्मविश्वास में दिखाई दे रहे हैं, वहीं विपक्ष सहमा हुआ है. भाजपा बिहार में एनडीए के लक्ष्य 225 को हासिल करने को लेकर बनी रणनीति पर आगे बढ़ रही है. हालांकि विपक्ष दिल्ली चुनाव परिणाम का बिहार में कोई प्रभाव नहीं पड़ने की बात भी कर रहा है.
सीट शेयरिंग पर क्या होगा?
बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है. अगले महीने इलेक्शन कमीशन की टीम बिहार आएगी और मौजूदा स्थितियों का जाएजा लेगी. भाजपा सहित एनडीए के सभी दल नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव में उतरने को लेकर एकजुट है. सभी सहयोगी पार्टियां अपनी रणनीतियों को मजबूत कर रही हैं. लेकिन दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद यह तय माना जा रहा है कि भाजपा से अब कोई भी सहयोगी पार्टी मोल-भाव करने की स्थिति में नहीं रहेगी. एनडीए के अन्य सहयोगी दलों पर भी भाजपा ने बढ़त बना ली है.
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विपक्षी एकता में लगा बड़ा डेंट
दिल्ली चुनाव में विपक्षी एकता तार-तार हो गई है. ऐसे में बिहार में भी महागठबंधन सहमा हुआ है. जिस तरह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने हाल में बिहार दौरे के क्रम में जाति गणना को लेकर सवाल उठाए हैं, उससे राजद के कान खड़े हो गए हैं. हालांकि कांग्रेस को दिल्ली में एक भी सीट नहीं मिली है, फिर भी कई सीटों पर उसने आम आदमी पार्टी के गणित को गड़बड़ कर दिया है.
कांग्रेस नेता का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने हमारी पार्टी को हल्के में लिए और परिणाम सबके सामने है. यह बिहार समेत अन्य राज्यों में आगामी चुनावों में भाजपा को हराने की रणनीतियों में महागठबंधन के घटक दलों के लिए एक बड़ा सबक भी है. राजद हालांकि दिल्ली चुनाव के परिणाम का असर बिहार में पड़ने को नकार रही है.
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