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Bihar Election 2025: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह निर्वाचन आयोग से अपेक्षा करता है कि वह बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद तैयार की अंतिम मतदाता सूची में टाइपिंग संबंधी त्रुटियों और अन्य गलतियों की एक जिम्मेदार प्राधिकारी के रूप में जांच करे और सुधारात्मक उपाय पेश करे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बागची की पीठ ने कहा कि वह बिहार एसआईआर प्रक्रिया से संबंधित कानूनी मुद्दों पर 4 नवंबर को सुनवाई करेगी.
चुनाव आयोग ने कहा था- किसी मतदाता ने अपील दायर नहीं की
निर्वाचन आयोग ने कहा कि 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशित होने के बाद से किसी भी मतदाता द्वारा नाम हटाये जाने के खिलाफ एक भी अपील दायर नहीं की गयी है. गैर प्रशासनी संगठन ‘एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि एक मतदाता ने दावा किया था कि उसका नाम अंतिम सूची में नहीं जोड़ा गया है, जिसके विवरण को निर्वाचन आयोग ने 7 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई में फर्जी बताया था, जबकि मतदाता का दावा सच है.
17 अक्टूबर को ‘फ्रीज’ हुई थी पहले चरण की मतदाता सूची
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कितने मतदाताओं के नाम हटाये गये और किस संशोधन के लिए उन्हें हटाया गया. पीठ ने कहा था कि पहले चरण में मतदान वाले कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची 17 अक्टूबर को ‘फ्रीज’ कर दी जायेगी, जबकि दूसरे चरण में मतदान वाले निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची 20 अक्टूबर को ‘फ्रीज’ कर दी जायेगी.
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Bihar Election 2025: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा था 3.66 लाख वोटर्स का विवरण
शीर्ष अदालत ने 7 अक्टूबर को निर्वाचन आयोग से उन 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा था, जो मसौदा मतदाता सूची का हिस्सा थे, लेकिन बिहार की एसआईआर प्रक्रिया के बाद बनी अंतिम मतदाता सूची से बाहर कर दिये गये. अदालत ने कहा था कि इस मामले में ‘भ्रम’ है.
30 सितंबर को जारी हुई थी बिहार की अंतिम मतदाता सूची
निर्वाचन आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि इसमें मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गयी है, जो निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले 7.89 करोड़ थी.
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मूल सूची से हटा दिये गये 65 लाख मतदाताओं के नाम
हालांकि, अंतिम संख्या एक अगस्त को जारी की गयी मसौदा सूची में दर्ज 7.24 करोड़ मतदाताओं से 17.87 लाख अधिक है. इस सूची में मृत्यु, प्रवास और मतदाताओं के दोहराव सहित विभिन्न कारणों से 65 लाख मतदाताओं के नाम मूल सूची से हटा दिये गये थे.
बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को
मसौदा सूची में 21.53 लाख नये मतदाता जोड़े गये हैं, जबकि 3.66 लाख मतदाताओं के नाम हटाये गये हैं. इससे कुल मतदाताओं की संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है. बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीट पर 6 नवंबर को चुनाव होंगे, जबकि शेष 122 सीट पर 11 नवंबर को मतदान होगा. मतगणना 14 नवंबर को होगी.
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