Bihar News: बिहार कैबिनेट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला लेते हुए पंचायत सचिवों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दे दिया है. अब पंचायत सचिव संबंधित ग्राम पंचायत क्षेत्र के लिए रजिस्ट्रार (जन्म और मृत्यु) के रूप में कार्य करेंगे. इससे ग्रामीण स्तर पर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया और अधिक सरल, पारदर्शी और सुलभ हो जाएगी. 30 दिन के भीतर किए गए आवेदनों का निष्पादन पंचायत सचिव द्वारा किया जाएगा. यदि आवेदन 1 माह से 1 साल के बीच का है तो प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी की अनुशंसा पर प्रमाण पत्र जारी होगा. वहीं, 1 साल से पुराने मामलों में बीडीओ की अनुशंसा जरूरी होगी.
पंचायत भवन में खोले जाएंगे अलग काउंटर
प्रत्येक पंचायत प्रशासन भवन में प्रमाण पत्र निर्गत के लिए अलग से काउंटर खोले जाएंगे जहां आवेदक सीधे आवेदन जमा कर सकेंगे. सत्यापन के बाद वहीं से प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा. अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है और राज्य प्रशासन को अंतिम मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है. साथ ही कैबिनेट ने बोधगया में बौद्ध ध्यान एवं अनुभव केन्द्र निर्माण हेतु ₹1,65,44,30,000 तथा बिपार्ड परिसर में नए एटीआई भवन के लिए ₹1,26,05,33,000 की प्रशासनिक स्वीकृति दी है.
ग्रामीणों को होगी बड़ी सहूलियत
अब तक ग्रामीणों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी के पास जाना पड़ता था. वहां सीमित स्टाफ और एक ही काउंटर होने के कारण लंबी लाइनें लगती थीं और दलाल सक्रिय रहते थे. इन समस्याओं को देखते हुए निदेशालय ने पंचायत स्तर पर प्रमाणपत्र निर्गत करने का निर्णय लिया है. वर्तमान में राज्य में हर साल औसतन 30 लाख बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र बनाए जाते हैं, जिनमें शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी कम है.
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