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Bihar News: बिहार में घोड़पड़ास को मारने के लिए हैदाराबाद से आयेंगे स्पेशल शूटर, वन विभाग ने तैयारी की अपनी कार्ययोजना

Bihar News: बिहार के मोतिहारी में घोड़पड़ास के आतंक से परेशान किसानों के लिए राहत भरी समाचार है. खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले घोड़पड़ासों व सुअरों की अब खैर नहीं है. उन्हें मार गिराने के लिए हैदराबाद के स्पेशल शूटर चंदन रेड्डी को बुलाया जाएगा. आतंक फैलाने वाले सभी इन जानरों को चिन्हित कर लिया गया है. किसानों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर तमाम तरह की प्रक्रियाएं की जा रही हैं. इनके आतंक से परेशान करीब 1800 किसानों ने आवेदन दिया है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है. वन विभाग से मिली जानकारी…

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Bihar News: बिहार के मोतिहारी में घोड़पड़ास के आतंक से परेशान किसानों के लिए राहत भरी समाचार है. खेतों में लगी फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले घोड़पड़ासों व सुअरों की अब खैर नहीं है. उन्हें मार गिराने के लिए हैदराबाद के स्पेशल शूटर चंदन रेड्डी को बुलाया जाएगा. आतंक फैलाने वाले सभी इन जानरों को चिन्हित कर लिया गया है. किसानों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर तमाम तरह की प्रक्रियाएं की जा रही हैं. इनके आतंक से परेशान करीब 1800 किसानों ने आवेदन दिया है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, उन्हें मार गिराने के लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है. शूटर उन्हें मारकर सुरक्षित स्थान पर दफानायेंगे. किसी तरह की समस्या न हो, इसके लिए वे अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे.

15 से 20 प्रतिशत फसलें होती हैं बर्बाद

इन घोड़पड़ासों के आतंक के कारण किसानों को भारी क्षति होती है. एक अनुमान के अनुसार, प्रतिवर्ष 15 से 20 प्रतिशत फसलें नुकसान होती हैं. उनके आतंक से जान को भी क्षति पहुंचती है. वे झूंड के साथ चलते हैं और किसी आदमी के अकेले पड़ जाने पर उनपर हमला भी कर देते हैं. जानकारों की मानें तो कई तरह की परेशानियां भी इनसे होती है. जिले के तुरकौलिया, कोटवा, सदर, सहित कई प्रखंडों में इस तरह की सूचनाएं समय समय पर मिलती रहती है. लेकिन अब किसानों को इन जानवरों के आतंक से राहत मिलने की उम्मीद है.

मुखियों की स्वीकृति जरूरी

इन घोड़पड़ासों को मार गिराने के लिए मुखियों की सहमति जरूरी होती है. आवेदनों के आधार पर पंचायत के मुखियों से सहमति ली जाती है और उसके बाद शूटर को मारने के लिए बुलाया जाता है. किसी तरह समस्या इनके मारने को लेकर न हो, इसका भी पूरा ख्याल रखा जाता है.

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300-500 रुपये प्रतिघोड़पड़ास होता है भुगतान

इन घोड़पड़ासों को मारने वाले को राशि का भुगतान किया जाता है. पंचायती राज विभाग प्रति घोड़पड़ास तीन सौ या पांच सौ रुपये का भुगतान करती है. विभाग राशि सीधे शूटर के खाते में भेजती है. शूटर के रहने की भी व्यवस्था की जाती है.

कहते हैं अधिकारी

पूर्वी चंपारण जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी राजकुमार शर्मा ने बताया कि घोड़पड़ासों को मारने के लिए पूरी कार्ययोजना वन विभाग ने तैयार कर ली है. हैदराबाद से शूटर चन्दन रेड्डी को बुलाया जाएगा.

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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