Bihar News: पटना. नीतीश कुमार के सुशासन में शिक्षा विभाग के अंदर बड़ा स्पोर्ट्सा हो रहा है. बिहार के कई जिला शिक्षा पदाधिकारी खुद ठेकेदार बनकर भ्रष्टाचार में आकंठ डूब गए हैं. विभाग के अधिकारी भी इस पूरे स्पोर्ट्स में शामिल हैं. यही कारण है कि आज उनके अंदर प्रशासन का भी कोई डर नहीं रहा. जांच के आदेश तो होते हैं, पर फाइलें दबा दी जाती हैं. यह बात किसी और ने नहीं शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने महसूस की है. उन्होंने मोतिहारी के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी की कार्यशैली की जांच कर तीन हफ्ते में रिपोर्ट देने को कहा है. शिक्षा मंत्री की तरफ से भेजे गए पत्र के बाद उप विकास आयुक्त ने चार सदस्यीय जांच टीम बनाई है.
डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश
प्रशासनी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने के मामले में पूर्वी चंपारण के वर्तमान डीईओ के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का आदेश दिया गया है. जांच के उपरांत पूर्व डीईओ संजय कुमार साफ बच गए थे, जबकि पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यकाल में ही बड़ा स्पोर्ट्स हुआ था. पूर्व डीईओ संजय कुमार के कार्यकाल के दौरान हुए स्पोर्ट्स की जांच नहीं होने पर भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया था. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने पूर्व डीईओ संजय कुमार के खिलाफ लगे आरोपों की पूरी जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है.
पटना डीईओ के पद पर पदस्थापित हैं संजय कुमार
पूर्वी चंपारण के तत्कालीन डीईओ संजय कुमार, जिनके खिलाफ गंभीर आरोप है, ये वर्तमान में पटना जिले के डीईओ के पद पर पदस्थापित हैं. 17 फरवरी 2025 को मोतिहारी के उप विकास आयुक्त ने वरीय उप समाहर्ता यशवंत कुमार, वरीय कोषागार पदाधिकारी विजय कुमार सिंह, सहायक आयुक्त राज्य कर रविशंकर प्रसाद और कार्यपालक अभियंता मनरेगा को जांच टीम में रखा है. जांच वाले आदेश में मंत्री कोषांग के पत्र का हवाला दिया गया है. जांच टीम को एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया था. पत्र में कहा गया था कि जिला शिक्षा पदाधिकारी मोतिहारी से अभिलेख प्राप्त कर जांच करें और रिपोर्ट दें.
संजय कुमार पर कई गंभीर आरोप
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के प्रशासनी आप्त सचिव इश्तेयाक अजमल ने पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. 4 फरवरी, 2025 को लिखे पत्र में शिक्षा मंत्री सह प्रभारी मंत्री के 21 जुलाई 2024 के पत्र का उल्लेख किया गया है. मंत्री के निर्देश पर जारी इस पत्र में लिखा गया है कि 7 जुलाई 2024 को पूर्वी चंपारण में समीक्षा बैठक जो शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई थी. उक्त समीक्षा बैठक में कई विधायकों ने शिक्षा से संबंधित समस्याओं उठाया था. जिसमें कंडिका 22 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्वी चंपारण संजय कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
डीईओ संजय कुमार बन गए हैं ठेकेदार
शिक्षा मंत्री की तरफ से कहा गया है कि, ‘’ढाका विधानसभा सहित सभी प्रखंडों में प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में बेंच-डेस्क सप्लाई, विद्यालय मरम्मत, मतदान केंद्रों के रखरखाव, समरसेबल लगाने, स्पोर्ट्सकूद, किचन सेट, चाहरदीवारी एवं भवन निर्माण के कार्य में बिना टेंडर किए ही तकनीकी कर्मियों एवं पदाधिकारी की मिलीभगत से राशि की निकासी कर ली गई है.’’ सैकड़ों विद्यालयों के लिए वेंडर को राशि का भुगतान कर दिया गया है. लेकिन बेंच डेस्क विद्यालय में नहीं दिया. साथ ही तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ठेकेदार बन गए हैं. प्रत्येक विद्यालय में ₹2400 की कुर्सी बेंच आपूर्ति कर ₹5000 का भुगतान किया गया है.
जांच कर तीन हफ्ते में दें रिपोर्ट
शिक्षा मंत्री की तरफ से पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन आरोपों की जांच के लिए पूर्वी चंपारण के उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया गया था. जो जांच प्रतिवेदन भेजा गया है, उसके अनुसार वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार के खिलाफ विभाग द्वारा आरोप गठित की गई है. तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार,जिनके सेवा काल में विधायकों ने गंभीर आरोप लगाए थे, जांच रिपोर्ट में उसका उल्लेख नहीं किया गया है. ऐसे में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच 3 सप्ताह के अंदर उप विकास आयुक्त से कराते हुए आवश्यक कार्रवाई करें.
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