Bihar Teacher: बिहार के सीतामढ़ी जिले के सुप्पी प्रखंड में मिड-डे मील (MDM) योजना में हुए फंड घोटाले की परतें अब भी खुल रही हैं. करीब तीन साल पुराने इस मामले में ज़िले की प्रशासनिक सख्ती के बावजूद सात प्रधान शिक्षक आज तक अवैध निकासी की रकम लौटाने से बचते आ रहे हैं. अब जिलाधिकारी रिची पांडेय ने ऐसे सभी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.
2022 में सामने आया था 17.86 लाख रुपये का घोटाला
यह मामला साल 2022 में सामने आया था जब सुप्पी प्रखंड के 29 स्कूलों के प्रधान शिक्षकों पर मिड-डे मील के परिवर्तन मूल्य के तहत 17 लाख 86 हजार 574 रुपये की अवैध निकासी का आरोप लगा था. जांच के बाद 22 प्रधान शिक्षकों ने दबाव में आकर राशि लौटा दी थी, लेकिन सात शिक्षक अब तक न तो राशि लौटाने को तैयार हैं और न ही कोई संतोषजनक जवाब दे रहे हैं.
किसे कितनी राशि लौटानी है?
इन सात स्कूलों को कुल 7 लाख 63 हजार 546 रुपये प्रशासन को लौटाने हैं.
- मध्य विद्यालय सोनाखान – विजेन्द्र राय: 1,81,735 रुपये
- मध्य विद्यालय नरकटिया – संजय कुमार: 79,209 रुपये
- मध्य विद्यालय हरपुर पिपरा – अनुज कुमार: 1,24,348 रुपये
- मध्य विद्यालय कोठिया राय – अनिल कुमार: 1,77,754 रुपये
- मध्य विद्यालय नरहा – अजय कुमार: 95,706 रुपये
- मध्य विद्यालय गमहरिया – वीरेंद्र कुमार: 81,614 रुपये
- मध्य विद्यालय गोसाईपुर – शंभू राम: 23,180 रुपये
रिश्वतखोरी और बर्खास्तगी भी जुड़ी है मामले से
इस मामले में पहले ही एमडीएम के बीआरपी रितेश रंजन को बर्खास्त किया जा चुका है. वहीं, पूर्व DPO कन्हैया कुमार देव को निगरानी विभाग ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा था. वह एक आरोपी को बचाने के लिए यह रिश्वत ले रहे थे.
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जांच को लेकर नया आदेश
अब जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि जो शिक्षक राशि नहीं लौटा रहे हैं, उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा. साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियों को इन शिक्षकों से सख्ती से वसूली की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है.
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