Bihar Teacher: बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग ने एक अहम और अनोखी पहल शुरू की है. विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के निर्देश पर अब राज्य के सभी प्रशासनी स्कूलों में होमवर्क की समीक्षा को अनिवार्य कर दिया गया है. इस फैसले का उद्देश्य छात्रों की पढ़ाई में गहराई लाना और उन्हें ज्यादा जिम्मेदार बनाना है.
नई व्यवस्था के तहत अब शिक्षक केवल होमवर्क देने तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि हर दिन छात्रों के द्वारा किए गए होमवर्क की बारीकी से जांच करेंगे. शब्द चयन, लिखावट की स्पष्टता, उत्तरों की सटीकता और समझ की गहराई के आधार पर त्रुटियों की सूची बनाई जाएगी. इसके आधार पर छात्रों को विशेष मार्गदर्शन भी दिया जाएगा.
छात्रों के माता-पिता से भी मिलेंगे शिक्षक
अगर कोई छात्र होमवर्क नहीं करता है, तो शिक्षक उससे कारण पूछेंगे और आवश्यकता पड़ने पर उसके माता-पिता से मिलकर समस्या का समाधान निकालेंगे. इसका मकसद केवल होमवर्क पूरा कराना नहीं, बल्कि छात्रों में नियमितता, अनुशासन और आत्म-जवाबदेही की भावना विकसित करना है.
शिक्षकों को दिया जा रहा स्पेशल ट्रेनिंग
शिक्षकों को इस पहल की प्रभावी क्रियान्वयन के लिए छह दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसमें शिक्षण कौशल, संवाद तकनीक और मूल्यांकन पद्धति शामिल है. इसके अलावा स्कूलों की समय-सारणी में भी बदलाव किया गया है. अब स्कूल सुबह 6:30 से दोपहर 12:30 बजे तक संचालित होंगे, और अंतिम 10 मिनट शिक्षण कार्य और होमवर्क समीक्षा के लिए निर्धारित किए गए हैं.
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने क्या कहा?
डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि “इस नई व्यवस्था से न केवल छात्रों का बौद्धिक विकास होगा, बल्कि स्कूलों में पढ़ाई का माहौल और अधिक सक्रिय, प्रभावी और सकारात्मक बनेगा.”
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