Bihar Teacher News: पश्चिम चंपारण के प्रशासनी स्कूलों में कार्यरत सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को अब हर वर्ष दो बार अनिवार्य प्रशिक्षण दिया जाएगा. कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता का और विस्तार करना है. विभागीय स्तर पर लिए गए निर्णय के हवाले से जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) मनीष कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत जिला भर के प्रशासनी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं को एक एक सप्ताह का आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
डीइओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना पर योजनाबद्ध तरीके से अमल की जिम्मेदारी विभाग के द्वारा राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) को सौंपी गई है. विभाग के स्तर से इसको लेकर विहित प्रारूप में एससीईआरटी को विस्तृत कार्य योजना भेज दी है.
प्रत्येक शिक्षक-शिक्षिका की अपनी बारी पर भागीदारी होगी अनिवार्य
डीईओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नियमित रूप से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में किया जाएगा.जिसमें प्रत्येक शिक्षक शिक्षिका की अपनी बारी के अनुसार भागीदारी अनिवार्य होगी. इस दौरान उन्हें नवीनतम शिक्षण तकनीकों और शैक्षिक दृष्टिकोणों से अवगत कराया जाएगा.ताकि, वे अपने -अपने विद्यार्थियों को अधिक प्रभावी ढंग से पढ़ा सकें.
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प्रशिक्षण में भाग नहीं लेने पर वेतन रोक के साथ होगी विभागीय कार्रवाई
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ.एस. सिद्धार्थ ने इस योजना को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिया है,ताकि स्कूली शिक्षा और बच्चों के भविष्य को और बेहतर बनाया जा सके. निर्देश यह भी है कि शिक्षक शिक्षिकाओं के शैक्षणिक कार्यों का मूल्यांकन इस प्रशिक्षण की उपलब्धियों के आधार पर किया जाएगा.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन डायट के साथ पटना और गया जी के बिपार्ड और एससीईआरटी और अन्य प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण आयोजित किए जाने की योजना निर्धारित की गई है.
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