नया विचार – बिहार के समस्तीपुर जिला में मंगलवार को ठंड के कहर के कारण लोग अपने घरों में ही कैद रहे. शहर का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस पर था. जबकि अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस पर था. इसके कारण ठंड की स्थिति काफी गंभीर थी. कुहासा चरम पर था. सोमवार की रात्रि से ही आसमान कुहासों से पटा रहा. स्थिति यह थी कि मंगलवार की सुबह 10 :00 बजे तक कुहासे के कारण सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा था. दृश्यता महज तीन से चार फुट तक ही थी.
इससे एक तरफ वाहनों की रफ्तार ठहर सी गयी थी. वहीं, पैदल यात्रियों के लिए भी चलन काफी मुश्किल हो रहा था. ठंड की स्थिति ऐसी थी. मानो हवा नहीं पानी बह रहा हो. लोगों को जीने में परेशानी हो रही है. चरम पर पड़ रही ठंड के कारण गलन एवं कनकनी से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. घरों से बाहर निकलते ही लोगों को हवा के रूप में पानी का सामना करना पड़ रहा है.
हिमालय के बर्फ की तरह वातावरण में ठंडक महसूस हो रहा है. लोग थरथर कांप रहे हैं.कई गर्म कपड़े पहनने के बाद भी ठंड को सहन कर पाना मुश्किल हो रहा है. इतना ही नहीं बाहर तो रहना मुश्किल हो नहीं रहा है घर में रहना भी मुश्किल हो रहा है. हालात ऐसी रही सुबह नौ बजे के पहले कोई भी अपने घरों से नहीं निकल पाया. ठंड से पूरा जिला कांप उठा. अधिकांश लोग घरों में ही पूरे दिन दुबके रहे.
दोपहर में ही घरों को लौटने लगे शहर आये लोग :
वहीं जो लोग काम से बाहर निकले थे उनमें अधिकांश लोग दोपहर बाद ही अपने घरों को वापस लौट गये. ठंड के कारण बाजार में शाम में ही सन्नाटा पसर जा रहा है. आम तौर पर रात नौ बजे तक खुला रहनेवाला बाजार शाम में बंद हो जा रहा है. शाम तक सड़कों पर काफी कम संख्या में लोग दिखाई दे रहे थे. सड़कें सुनसान लग रही थीं. जिले में आद्रता 85 % रही. वहीं, 5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पछुआ हवा बह रही थी.
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मुलताई में कुछ बैंक, कुछ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बिना पार्किंग के संचालित हो रहे हैं, तथा कुछ लोगों ने पार्किंग के लिए जगह बहुत कम दी है। जो वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त नहीं है। इससे ग्राहको को वाहन खड़े करने में बहुत परेशानी होती है। आखिर बिना पार्किंग के बैंक कैसे संचालित हो रहे हैं। ये तो नियमों का उल्लघंन हो रहा है। सड़क किनारे वाहन खड़े करने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। कई बार दुर्घटना तक हो जाती है। सरकारी जमीन पर वाहन खड़े हो रहे हैं । जबकि जिस भवन मे बैंक संचालित होती है उसकी स्वयं की पार्किंग होना जरूरी है। मुलताई में संचालित सभी बैंकों की पार्किंग व्यवस्था की जांच होना चाहिए।
कुछ बेसमेंट बिना अनुमति के बने हैं। कुछ व्यावसायिक भवनों के नक्शे बिना पार्किंग दिए पास हुए हैं। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन पर पक्का अतिक्रमण कर लिया है। जांच होना चाहिए।
रवि खवसे, मुलताई (मध्यप्रदेश)