बोकारो, न्यायालय परिसर में गुरुवार को अधिवक्ताओं ने केंद्र प्रशासन की ओर से प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 का विरोध किया. संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की है. इंडियन एसोएसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल कौंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि ने कहा कि केंद्र प्रशासन अधिवक्ता पर होने वाले हमले रोक नहीं पा रही है. ऐसी स्थिति में अधिवक्ताओं को ही रोकने की कोशिश शुरू कर दी है. इस विधेयक में वकीलों द्वारा न्यायालयों के बहिष्कार व हड़ताल पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है. साथ ही वकीलों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही व निलंबन का प्रावधान किया गया है. श्री गिरि ने कहा कि वकीलों को तुरंत निलंबित करने का प्रावधान किया गया है. न्याय प्रणाली में वकीलों की भूमिका को कमजोर किया जा रहा है. अनुशासनात्मक कार्यवाही का डर दिखाकर आजादी छीनने की साजिश की जा रही है. कानून के शासन व संविधान के रक्षक वकीलों के लिए जरूरी है कि एकजुट होकर विरोध करें.
ये थे मौजूद
मौके पर अतुल कुमार, सुनील कुमार, दीपक कुमार, मोहन लाल ओझा, उमाकांत पाठक, राजेश कुमार, सुनील राजहंस, श्याम कुमार चौबे, फटीक चंद्र सिंह, करुणा कुमारी, दीप्ति कुमारी, मोहम्मद अंसार, गोपाल सिंह, डीपी मंडल, संतोष सिंह, खुर्शीद आलम, अनंत पांडेय, विष्णु प्रसाद नायक, रंजन कुमार मिश्रा, नीतीश नंदी, राज श्री, वंशिका सहाय, दीप्ति सिंह, रीना कुमारी आदि मौजूद थे.
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