बोकारो, का लेके शिव के मनायब हो, शिव मानत नाही, पूरी कचौड़ी शिव के मनहू ना भावे, भांग धतूरा कहा पाइब हो शिव मानत नाही, का लेके शिव के…देवाधिदेव महादेव का विवाहोत्सव पर्व महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है. इस दिन औघड़दानी दूल्हा बनकर निकलेंगे. भूत-प्रेत बन बराती नाचेंगे. शिव बरात में सांस्कृतिक परंपरा जीवंत होगी. भोले बाबा की बरात में भूत-प्रेत के वेश में निकले बरातियों की झलक पाने के लिए श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. रोडलाइट के साथ बैंडबाजे से बरात शोभायात्रा के महोत्सव को यादगार बनाया जायेगा. शहर से लेकर गांव तक के शिवालयों में इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. शिव भक्ति में गोता लगाने को श्रद्धालु आतुर है.
बाजे-गाजे के साथ निकलेगी झांकियां, होगी पुष्प वर्षा
बोकारो-चास सहित ग्रामीण क्षेत्र के कई शिव मंदिरों की ओर से निकलने वाली बरात में तरह-तरह के बैंड व लाइट के साथ रथों पर चौकियां सजेगी. कई शिवालयों में गाजे-बाजे के साथ निकली बरात में काली, दुर्गा, सरस्वती समेत हनुमान, गणेश व अन्य देवी-देवताओं की झांकियां आकर्षण का केंद्र होगी. बरात के रास्ते भर पुष्प वर्षा होगी. इसकी तैयारी मंदिर प्रबंधन की ओर से पूरी कर ली गयी है. बाजे – गाजे के साथ झांकियां सजाकर बराती निकलेंगे. बग्घी, रथों को फूलों से सजाकर बरात को और भी आकर्षक बनाया जायेगा. मंदिर प्रबंधन की ओर से बैंड-बाजा, बग्धी आदि की एडवांस बुकिंग हो चुकी है. फूलवालों को सजावट का आर्डर दिया गया है. भगवान शिव-पार्वती के जीवन पर आधारित कई झांकियां निकाली जायेंगी.
भक्तों में उत्साह
शिव बरात में हजारों की संख्या में शिवभक्त शामिल होंगे. वह चाहें सेक्टर 12 से निकलने वाली बरात हो या फिर को-ऑपरेटिव कॉलोनी से निकलने वाली. शिवभक्त महाशिवरात्रि पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर उत्साहित हैं. शिव मंदिरों को सजाने-संवारने का काम अंतिम चरण में है. एक ओर जहां भगवान शिव की बरात को मुख्य बाजारों से निकालने की तैयारियां चल रही हैं, वहीं इसे आकर्षक बनाने के लिए धार्मिक व सामाजिक संगठन भी जुटे हैं. शिवरात्रि के दिन ही शिव व पार्वती का विवाह हुआ था. ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है.
शिव की अराधना इच्छा-शक्ति को करती है मजबूत
शिव की अराधना इच्छा-शक्ति को मजबूत करती है. अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है. शिवभक्तों का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है. इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जायेगा. शास्त्र के दृष्टिकोण से शिवरात्रि पर्व चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं. इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है. सबसे महत्वपूर्ण फाल्गुन कृष्ण पक्ष की महाशिवरात्रि होती है.
पंडित शिव कुमार शास्त्री,
ज्योतिषाचार्य, श्रीराम मंदिर सेक्टर एक
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