Bokaro News : गॉड इज वन पब्लिक स्कूल संडे बाजार का नौवांं स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया. उद्घाटन जिप सदस्य टीनू सिंह, सीसीएल खासमहल कोनार परियोजना के मैनेजर सुमेधानंदन, अखिल हिंदुस्तानीय अग्रवाल कल्याण महासभा के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, संरक्षक विवेक कुमार सिन्हा सहित अन्य अतिथियों ने किया. कार्यक्रम में संस्था के संस्थापक स्व. उदय शंकर सिन्हा के जन्मदिन को लेकर केक भी काटा गया. नन्हे-मुन्ने बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से समां बांध दिया. फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में झांसी की रानी बनी सत्यविका प्रथम, मराठी मुलगी बनी अद्विका द्वितीय व श्रवण कुमार बने अविज्ञ तृतीय स्थान पर रहे. अतिथियों ने वार्षिक परीक्षा में विभिन्न कक्षाओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया. मैनेजर सुमेधानंदन ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों द्वारा की गई प्रस्तुति से अपना बचपन याद आता है.अनिल अग्रवाल ने कहा कि यह विद्यालय बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दे रहा है. पत्रकार राकेश वर्मा ने कहा कि आज हम सभी सोशल मीडिया की गिरफ्त में आकर रिश्ते-नाते, आपसी मेल मिलाप से दूर होते जा रहे हैं. अभिभावक बच्चों को इससे दूर रखें. कार्यक्रम को संस्था के संरक्षक विवेक कुमार सिन्हा, आंबेडकर विचार विकास मंच के संरक्षक श्याम नारायण सतनामी, राजद नेता मो सरफुद्दीन ने भी संबोधित किया.
मौके पर पत्रकार मनोज शर्मा, दीपक कुमार सिंह, अखिलेश सिंह, रवि शंकर सिन्हा, शिबू डे, शिवप्रकाश पांडे, सनी नायर, ज्योति लाला, मनीद्र पाल सिंह, राणा रणधीर सिंह, अल्फ्रेड जोसेफ, जमील, विद्यालय के सचिव विमल तालापात्रो, प्रधानाचार्या रति रंजना सिन्हा, सुषमा सिन्हा, आरती सिंह, शिखा मित्रा, रुपाली कुमारी, अंकुश कुमार, राकेश शर्मा, लीला देवी, मंजू देवी सहित कई लोग उपस्थित थे. संचालन शिक्षिका जूही कुमारी एवं किरण कुमारी ने किया.
बच्चों के नाटक के मंचन को सराहा :
कार्यक्रम के दौरान कक्षा प्रथम से चतुर्थ तक के बच्चों ने ‘सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव’ पर नाटक का मंचन किया, जिसकी अभिभावकों व अतिथियों ने खूब सराहना की. बच्चों ने प्रदर्शित किया कि कैसे हम शिशु धीरे-धीरे सोशल मीडिया की गिरफ्त में आते जाते हैं. इसके कारण माता-पिता भी अपने बच्चों पर समुचित ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसका परिणाम कभी-कभी बहुत ही घातक होता है. नाटक के माध्यम से बच्चों को सोशल मीडिया से दूरी बनाने और पारंपरिक स्पोर्ट्सों को अपनाने तथा पढ़ाई पर ध्यान देने की नसीहत दी गयी. विमल ताला पात्रों ने “पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाये…’ गीत की सुंदर प्रस्तुति दी.
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