राकेश वर्मा, बेरमो : सीसीएल सीएमडी निलेंदू कुमार सिंह ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में सीसीएल का कोयला उत्पादन लक्ष्य 100 मिलियन टन निर्धारित है. इसमें 90-92 मिलियन टन उत्पादन किये जाने की संभावना है. सीसीएल की चंद्रगुप्त एवं कोरते-बसंतपुर का लक्ष्य 100 मिलियन टन में शामिल किया गया था. इसके अलावा अन्य दो माइंस का इसी इनहासमेंट करके लक्ष्य निर्धारित किया गया था. अब दो माइन खुलने की स्थिति में आ चुकी है. इसका इसी इनहासमेंट कार्य प्रगति पर है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में धरातल पर कई चीजें दिखायी पड़ने लगेगी तथा उत्पादन के मामले में बदलाव दिखेगा. सीसीएल में अगले वित्तीय वर्ष में सब्सटेंशियल ग्रोथ दिखेगा. इसको लेकर सारा होमवर्क कर लिया गया है.
श्री सिंह शुक्रवार को ढोरी एरिया के अमलो परियोजना परिसर में नया विचार से विशेष बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कंपनी में उत्पादन के क्षेत्र में समस्या कुछ नहीं है. सिर्फ जरूरत है नये सिरे से सकारात्मक सोच की तथा कॉम्प्रिहेंसिव मिलकर काम करने की. फोरेस्ट क्लीयरेंस व इनवायरमेंटल क्लीयरेंस मेरे हाथ में नहीं है. यह केंद्र व राज्य प्रशासन से जुड़ा मामला है. हम प्रशासन व रैयत की जमीन ले रहे हो तो उनका कॉन्फिडेंस गेन करना होगा. रैयत विस्थापित को यह समझाना होगा कि हमसे उनको क्या मिलेगा. इसमें कहीं न कहीं हम चूक जाते हैं. मुख्यालय में जो भी रैयत व विस्थापित हमसे मिलने आते हैं, उनको यह मालूम ही नहीं रहता है कि जमीन के बदले उनको क्या मिलेगा?
डीआरएंडआरडी परियोजना को चालू करने को लेकर मंथन नहीं
सीएमडी ने कहा कि चीर लंबित डीआरएंडआरडी परियोजना को चालू करने को लेकर फिलहाल कंपनी किसी तरह की मंथन नहीं कर रही है. इस वर्ष की कार्ययोजना में भी यह शामिल नहीं है. अभी पूरा फोकस कोतरे बसंतपुर परियोजना पर है. ढोरी एरिया की बंद पिछरी खदान को खोलने की दिशा में अभी थोड़ा समय लगेगा. यहांं लैंड ऑथेंटिकेशन का बड़ा मामला है. इसके लिए राज्य प्रशासन से मदद लेना पड़ेगी कई बार हमलोगों ने इसको लेकर बात की है. इस खदान से जुड़े बहुत सारे लैंड रिकाॅर्ड मिसिंग है. नये सिरे से इस खदान को चालू करने के लिए लैंड ऑथेंटिकेशन की जरूरत पड़ेगी. लैंड ऑथेंटिकेशन नहीं रहने के कारण हमलोग इसी व एफसी अप्लाई नहीं कर पाते हैं. यहां के जिन रैयतों के पास जमीन के कागजात है, वो जिला प्रशासन से सत्यापन कराये. जमीन है तो निश्चित रूप से इसका रिकाॅर्ड होना चाहिए.
अमलो (एएओडीसीएम) परियोजना काे मॉडल माइन बनाने की है योजना
सीएमडी ने कहा कि ढोरी एरिया की अमलो (एएओडीसीएम) परियोजना का मॉडल माइन बनाने की योजना है. इसके मद्देनजर ही आज फेस घंटों अमलो माइंस का निरीक्षण किया गया है. इसमें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन इसके लिए टॉप टू बॉटम उसी लाइन में चलना होगा. मिट्टी कहा है, कोयला कहां है, इसकी बारीकी से जानकारी होनी चाहिए. अमलो में बहुत जल्द हाइवॉल माइनिंग होगी, सिर्फ डीजीएमएस से परमिशन मिलने का इंतजार है. इसके अलावा इसका इसी एमेनडेमेंट जरूरी है. क्योंकि हाइवाल माइनिंग मूलत: यूजी माइनिंग है, इसलिए अब यूजी व ओसी दोनों का इसी (इनवायरमेंटल क्लीयरेंस) लेना होगा. कहा कि उत्पादन के मामले में ढोरी एरिया बेहतर कर रहा है. एसडीक्यू थ्री परियोजना ठीक-ठाक है. अमलो भी ठीक हो जायेगी. बीएंडके एरिया की कारो परियोजना का फोरेस्ट क्लीयरेंस स्टेज दो मिल गया है. एकेके माइंस का भी विस्तार जल्द होगा.
टर्मिनेट होंगे आउटसोर्स के छह कांट्रेक्ट
सीएमडी ने कहा कि कंपनी आउटसोर्स दो कारणों से करती है. एक तो जो माइन का पीआर बनता है, दूसरा जो पुरानी माइंस है वहां से उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से. आजकल होता क्या है आउटसोर्स कंपनियां जो एल-1 होती है, वह एक साथ चार-पांच जगहों पर कम ले लेती है, इसके बाद अपने प्लान के तहत काम शुरू करती है. फिलहाल कंपनी में छह आउटसोर्स कांट्रेक्ट ऐसे हैं, जिनसे दिक्कतें आ रही है. कंपनी ने सुधारने के लिए छह माह का समय दिया. मार्च तक और समय देंगे. इसके बाद भी सुधार नहीं हुआ तो इन कंपनियों को टर्मिनेट किया जायेगा. उनका जो भी पैसा कंपनी के पास जमा है, वो फोर फिट हो जायेगा तथा अगले एक साल तक कंपनी में काम करने पर प्रतिबंध रहेगा. काम लिये है तो काम किजिए अन्यथा दूसरे को मौका दिजिए. दिल्ली से दौलताबाद तक की पैरवी इसमें नहीं सुनी जायेगी. एक-दो दिनों के अंदर इसका कुछ रिजल्ट दिखायी पड़ेगा.
ढोरी और बीएंडके एरिया की खदानों का किया निरीक्षण
सीसीएल के सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह ने शुक्रवार को सीसीएल ढोरी व बीएंडके एरिया की कई खदानों का निरीक्षण कर चल रहे उत्पादन-उत्पादकता की जानकारी ली. सबसे पहले अमलो माइंस पहुंचे तथा डिपार्टमेंटल उत्पादन कार्य देखा. विभागीय उत्पादन कार्य में लगे ड्रिल ऑपरेटर से बात की. पूछा कि कितना होल कर रहे हो. कोयला के ऊपर कितना ओबी है. बाद में आउटसोर्सिंग पैच का नीचे साइड का निरीक्षण कर चल रहे काम को देखा. इसके बाद ढोरी रेलवे साइडिंग गये तथा साइडिंग के प्लेटफार्म में हो रही रैक लोडिंग की जानकारी ली. संबंधित अधिकारियों को हर हाल में चालू वित्तीय वर्ष में दिये गये उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया. मौके पर ढोरी के जीएम रंजय कुमार सिन्हा, अमलो के पीओ राजीव कुमारह सिंह, एसओ इएंडएम गौतम मोहंती, एसओसी मनोज कुमार, साइडिंग इंचार्ज प्रदीप कुमार,उमेश पासवान, संतोष कुमार राय, सीताराम उइके आदि मौजूद थे. इधर, बीएंडके एरिया की खासमहल कोनार व कारो परियोजना का भी सीएमडी ने निरीक्षण किया. परियोजना के व्यू प्वाइंट से माइंस का अवलोकन किया और उत्पादन व उत्पादकता की स्थिति से अवगत हुए. सीएमडी ने जीएम चितरंजन कुमार एवं खान प्रबंधक सुमेधानंदन सहित अन्य अधिकारियों को उत्पादन का ग्राफ बढ़ाने का निर्देश दिया. कहा कि बचे हुए लगभग दो माह में लक्ष्य के करीब पहुंचने का प्रयास करें. उन्होंने बरवाबेड़ा गांव के शिफ्टिंग के बारे में भी जानकारी ली और कहा कि प्रक्रिया तीव्र गति से जारी रखें. सीएमडी ने आउटसोर्सिंग कंपनी केएसएमएल के अधिकारियों से भी मशीनों की संख्या बढ़ाने और उत्पादन बढ़ाने की बात कही. मौके पर कई अधिकारी उपस्थित थे.
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