अनुज शर्मा, पटना: नीट पेपर लीक के कई राज बाहर आ रहे हैं. सरगना संजीव मुखिया गिरफ्तार हुआ तो जांच एजेंसी के सामने वह पूछताछ में कई राज उगल रहा है. इस पेपर लीक कांड की हकीकत अब परत-दर-परत खुल रही है. नया विचार विशेष सीरीज की दूसरी कड़ी में आज पूरी साजिश का पर्दाफाश कर रहा है. किस तरह संजीव मुखिया ने प्रशासनी नौकरी को बोली पर चढ़ाया और परीक्षाओं को बाजार बना दिया. यह उसने खुद ही कबूला है.
सैकड़ों लोगों का गिरोह बनाया, बेटा-भतीजा भी शामिल
संजीव मुखिया ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसने एक संगठित गिरोह तैयार किया जिसमें सैंकड़ों लोगों को जोड़ा. उसने स्वीकार किया कि पैसे लेकर अभ्यर्थियों को वह नौकरी दिलवाता है. उसका बेटा पेपर के पीछे होता था और वो खुद सामने. संजीव मुखिया ने दावा किया कि परीक्षा कहीं भी हो तो प्रश्नपत्र उसके पास पहले आता था.
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BPSC TRE-2 परीक्षा का पेपर किया था लीक
संजीव मुखिया ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी सेंधमारी के बारे में बताया. उसने बताया है कि BPSC TRE-2 को भी उसने निशाना बनाया. 2023 में आयोजित इस परीक्षा के प्रश्न-पत्र को उसके गिरोह ने परीक्षा से पहले ही चुरा लिया था. बेहद सुनियोजित तरीके से इसकी साजिश रची गयी थी.
पेपर लीक कैसे किया, संजीव मुखिया ने कबूला
संजीव मुखिया ने अपने बेटे डॉ. शिव कुमार और भतीजे प्रदीप और साथियों विक्की, संदीप, पंकज उर्फ साहिल और मुकेश उर्फ मुकेश सर के साथ मिलकर प्रश्नपत्र लेकर जा रही गाड़ी को रास्ते में ही रोक लिया था. नालंदा जिले के चंडी थाना क्षेत्र के रामघाट में बुद्धा फैमिली रेस्टोरेंट इस गिरोह का अड्डा बना था. उसी जगह प्रश्नपत्र के बॉक्स उतारे गए थे.
बॉक्स को हूबहू सील किया, नहीं लगी किसी को भनक
प्रश्नपत्र बॉक्स की कुंडी को उखाड़ा गया था. हर विषय का प्रश्नपत्र उसके बाद उस बॉक्स से निकाला गया. उन सभी प्रश्नपत्र का फिर फोटो लिया और फिर से उन सभी प्रश्नपत्रों को उसी बॉक्स में रखकर फिर सील कर दिया गया. संजीव मुखिया ने कबूला है कि बॉक्स को हूबहू वैसे ही सील कर दिया गया था. किसी को भनक तक नहीं लगी और उसकी कमाई हो गयी थी.
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