नया विचार पटना- BPSC 70वीं PT पर रोक लगाने से पटना हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने 30 जनवरी से पहले BPSC को एफिडेविट देने को कहा है। इस मामले में अब 31 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।
BPSC 70वीं PT री-एग्जाम को लेकर आज यानी गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में सुबह करीब एक घंटे बहस हुई। इस दौरान प्रशासनी वकील पीके शाही और जनसुराज के वकील वाईबी गिरी के बीच तीखी बहस हुई। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता ने परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाया है। जबकि प्रशासनी वकील ने इसे नेतृत्व से प्रेरित बताया है।
दरअसल, प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज की ओर से BPSC 70वीं PT री-एग्जाम को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। प्रशांत किशोर ने 14 दिन बाद अपना आमरण अनशन खत्म करते हुए कहा कि ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हाईकोर्ट हमारी नहीं सुनेगा तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।’
परीक्षा रद्द करने और रिजल्ट पर रोक की मांग
जनसुराज के वकील प्रणव कुमार ने आर्टिकल 226 के तहत याचिका दायर की है। साथ ही ये अपील की है कि जब तक री-एग्जाम न हो जाए, तब तक रिजल्ट जारी नहीं किया जाए।
जनसुराज के अलावा पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और खान सर की ओर से भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें री-एग्जाम कराने और प्रदर्शनकारी अभ्यथियों के खिलाफ दर्ज FIR को वापस लेने की मांग की गई है।
पप्पू यादव ने 11 जनवरी को री-एग्जाम की मांग को लेकर हाईकोर्ट में 150 पेज की याचिका दायर की है। उन्होंने कहा था, ‘अभ्यर्थियों पर जो केस हुए हैं। इसको लेकर अलग से पिटीशन फाइल हुआ है। लाठीचार्ज के लिए भी अलग से पिटीशन फाइल किया गया है। BPSC के खिलाफ आंदोलन को खत्म करने में कोचिंग माफियाओं का हाथ है।’
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार
इससे पहले बिहार की आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन SC ने इसपर सुनवाई से इनकार कर दिया था। CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार, जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा था- ‘आपको आर्टिकल 226 के तहत पटना हाईकोर्ट जाना चाहिए।’