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Car Buying Tips : नब्बे प्रतिशत लोग नहीं जानते है कार खरीदने का फार्मूला, जान जाएगा तो खरीद लेगा सस्ता कार

Car Buying Tips: अगर आप पहली बार कार खरीदने की सोच रहे हैं या पुरानी गाड़ी को बदलना चाहते हैं, तो सबसे बड़ा सवाल यही आता है—कितनी कीमत की कार लें? EMI कितना हो? डाऊन पेमेंट कितना रखना सही रहेगा? नई कार लें या सेकेंड हैंड? पेट्रोल, डीजल, CNG या इलेक्ट्रिक, कौन सा ऑप्शन चुनें? इन सब सवालों का जवाब आसान फार्मूलों से मिल सकता है. यहां हम आपको कुछ ऐसे सिंपल रूल्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपनी सैलरी के हिसाब से सही कार खरीदने का फैसला ले सकते हैं, वो भी बिना जेब पर ज्यादा बोझ…

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Car Buying Tips: अगर आप पहली बार कार खरीदने की सोच रहे हैं या पुरानी गाड़ी को बदलना चाहते हैं, तो सबसे बड़ा सवाल यही आता है—कितनी कीमत की कार लें? EMI कितना हो? डाऊन पेमेंट कितना रखना सही रहेगा? नई कार लें या सेकेंड हैंड? पेट्रोल, डीजल, CNG या इलेक्ट्रिक, कौन सा ऑप्शन चुनें? इन सब सवालों का जवाब आसान फार्मूलों से मिल सकता है. यहां हम आपको कुछ ऐसे सिंपल रूल्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपनी सैलरी के हिसाब से सही कार खरीदने का फैसला ले सकते हैं, वो भी बिना जेब पर ज्यादा बोझ डाले.

कार खरीदने का आसान फॉर्मूला : ‘50% रूल’

कार खरीदने के लिए सबसे आसान और कारगर तरीका है “50% रूल”. इसका मतलब है कि आपकी सालाना सैलरी का 50% से ज्यादा कार पर खर्च न करें. उदाहरण के लिए मान लीजिए रघु की मासिक सैलरी ₹80,000 है. तो सालाना सैलरी हुई ₹80,000 × 12 = ₹9.6 लाख. अब इसका 50% = ₹4.8 लाख. इसका मतलब रघु ₹4.8 लाख से लेकर ₹5 लाख तक की कार खरीद सकते हैं. इससे ज्यादा खर्च करने पर बजट गड़बड़ा सकता है. अब सवाल आता है कि कार खरीदने के बाद डाऊन पेमेंट, EMI और मेंटिनेंस का खर्च कैसे तय करें? इसके लिए “20/4/10 रूल” को अपनाएं.

  • 20% डाऊन पेमेंट: कार के ऑन-रोड प्राइस का कम से कम 20% डाऊन पेमेंट करें. जैसे ₹5 लाख की कार पर ₹1 लाख डाऊन पेमेंट बनता है.
  • 4 साल की EMI: बाकी ₹4 लाख पर अगर 10% ब्याज दर से लोन लिया जाए, तो EMI करीब ₹10,200 प्रति माह होगी.
  • 10% सैलरी मेंटिनेंस/फ्यूल: आपकी मासिक सैलरी का 10% तक फ्यूल और मेंटिनेंस पर खर्च होना चाहिए. रघु के केस में यह ₹6,000–₹8,000 होगा.
  • कुल खर्च: ₹16,000–₹18,000 हर माह, जो रघु की सैलरी के अनुसार मैनेज हो सकता है.

नई या सेकेंड हैंड कार: कौन सही?

  • अगर आप कार को 10 साल या उससे ज्यादा चलाना चाहते हैं तो नई कार लेना बेहतर रहेगा.
  • अगर 5 साल में गाड़ी बदलने का इरादा है तो अच्छी कंडीशन में सेकेंड हैंड कार लेना फायदे का सौदा होगा.
  • सेकेंड हैंड कार के फायदे:
    • कम कीमत में ज्यादा फीचर्स
    • कम डिप्रीसिएशन
    • रीसेल पर कम नुकसान

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विनोद झा
संपादक नया विचार

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