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Aduvic School Management Software & App: शिक्षा जगत में क्रांति लाने को तैयार!

नया विचार, समस्तीपुर: शिक्षा जगत में तकनीकी विकास के साथ, स्कूल प्रशासन को आसान और प्रभावी बनाने के लिए Aduvic School Management Software & Mobile App को लॉन्च किया गया है। यह सॉफ़्टवेयर स्कूलों के एडमिनिस्ट्रेटर, शिक्षक, छात्रों और अभिभावकों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगा। Aduvic: एक एफर्टलेस स्कूल मैनेजमेंट सॉल्यूशन Aduvic का उद्देश्य स्कूल मैनेजमेंट को पूरी तरह से डिजिटल बनाना और सभी प्रशासनिक प्रक्रियाओं को आसान करना है। इसमें एडमिनिस्ट्रेटर के लिए क्लास मैनेजमेंट, स्टूडेंट ट्रैकिंग, फीस कलेक्शन, परीक्षा प्रबंधन, स्टाफ मैनेजमेंट जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। Aduvic के अनोखे फीचर्स Aduvic को कई उन्नत विशेषताओं के साथ लॉन्च किया गया है, जो इसे अन्य स्कूल मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर से अलग बनाते हैं: सेशन मैनेजमेंट: नए सेशन बनाएं और पुराने सेशन्स का रिकॉर्ड रखें। स्टूडेंट मैनेजमेंट: स्टूडेंट्स का नामांकन, क्लास असाइनमेंट और रोल नंबर जेनरेशन ऑटोमेटिक होता है। इनक्वायरी मैनेजमेंट: स्कूल-वाइज इनक्वायरी रिकॉर्ड कर सकते हैं। होमवर्क एवं स्टडी मटेरियल: शिक्षक डिजिटल रूप से स्टडी मटेरियल और होमवर्क असाइन कर सकते हैं। Aduvic सॉफ्टवेयर के डेमो स्कूल डैशबोर्ड का छायाचित्र। स्वचालित नोटिफिकेशन सिस्टम: ईमेल, SMS के माध्यम से आवश्यक जानकारी छात्रों और अभिभावकों तक पहुँचाई जाती है। परीक्षा और अटेंडेंस प्रबंधन: अटेंडेंस ट्रैकिंग, परीक्षा समय सारणी, एडमिट कार्ड जनरेशन और परिणाम घोषित करना आसान हुआ। एकाउंटिंग और फीस मैनेजमेंट: ऑटोमेटेड फीस कलेक्शन, इनवॉइस जनरेशन, ऑनलाइन भुगतान की सुविधा। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आधारित सुरक्षा: छात्रों और शिक्षकों का डेटा अत्यंत सुरक्षित रखा जाता है।   Aduvic की कीमत और प्लान्स Aduvic वर्तमान में एक वार्षिक सब्सक्रिप्शन मॉडल के तहत उपलब्ध है। इसकी कीमत ₹4999 प्रति वर्ष है। फिलहाल कोई फ्री ट्रायल उपलब्ध नहीं है, लेकिन किफायती मूल्य इसे अन्य महंगे सॉफ़्टवेयर से बेहतर विकल्प बनाता है। संस्थापक की प्रेरणादायक कहानी Aduvic के संस्थापक प्रकाश झा की कहानी संघर्ष और सफलता का बेहतरीन उदाहरण है। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले प्रकाश झा के पिता एक शिक्षक हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत RO वाटर प्यूरीफायर मैकेनिक के रूप में की थी। 2022 में उन्होंने “जंगल सफारी रेस्टोरेंट” नामक एक अनोखा रेस्टोरेंट खोला, जिसे उन्होंने 12 लाख की लागत से स्थापित किया था। लेकिन व्यापारिक मतभेदों और धोखे के कारण यह 9 जनवरी 2023 को बंद हो गया। इस असफलता के कारण उन्हें समाज में कई आलोचनाओं और तानों का सामना करना पड़ा। लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने एक बड़ी योजना बनाई। उन्होंने लगातार दो वर्षों तक संघर्ष किया, कई बार आर्थिक संकटों का सामना किया और अपने टैलेंट को आगे बढ़ाते हुए वेब डेवलपमेंट सर्विसेज में कदम रखा। अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से उन्होंने 15 मार्च 2025 को Aduvic School Management Software लॉन्च किया। संस्थापक प्रकाश झा एवं उनके पूर्व संस्थान जंगल सफारी फॅमिली रेस्टोरेंट की छायाचित्र। प्रकाश झा कहते हैं: “मेरा सपना था कि स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन को टेक्नोलॉजी से जोड़कर इसे आसान बनाया जाए। Aduvic एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो स्कूलों को डिजिटल क्रांति की ओर ले जाएगा।” ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और सुरक्षा Aduvic को अत्याधुनिक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बनाया गया है, जिससे डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहता है। यह तकनीक धोखाधड़ी और डेटा ब्रेक से बचाव करती है, जिससे स्कूलों के प्रशासन को सुरक्षित बनाया जा सकता है। मार्केट इम्पैक्ट और लॉन्चिंग Aduvic के लॉन्च के बाद से अब तक 500+ स्कूलों ने इसे अपनाने की इच्छा जताई है। संस्थापक को विश्वास है कि अगले एक वर्ष में 5000 से अधिक स्कूल इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करेंगे। संस्थापक प्रकाश झा के शब्द Aduvic School Management Software न केवल शिक्षा प्रणाली को डिजिटाइज़ कर रहा है, बल्कि इसे अधिक सुगम, प्रभावी और किफायती भी बना रहा है। इसके संस्थापक प्रकाश झा की संघर्षपूर्ण यात्रा इसे और भी प्रेरणादायक बनाती है। यह सॉफ़्टवेयर आने वाले वर्षों में शिक्षा जगत में बड़ा बदलाव लाने की क्षमता रखता है। अधिक जानकारी के लिए: www.aduvic.com

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गुड मॉर्निंग इंडिया! अंतरिक्ष में गले मिली ISRO की 2 सैटेलाइट्स, SpaDeX मिशन सफल, दुनिया का चौथा देश बना भारत

नया विचार – हिंदुस्तान अंतरिक्ष में दो स्पेसक्राफ्ट को सक्सेसफुली डॉक करने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ही ऐसा करने में सफल रहे हैं। इसरो ने बताया कि 16 जनवरी को सुबह डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को पूरा किया गया। हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने गुरुवार को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (SpaDex) के तहत सेटेलाइट्स की ‘डॉकिंग’ सफलतापूर्वक की. इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,’हिंदुस्तान ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया है. गुड मॉर्निंग हिंदुस्तान, इसरो के स्पेडेक्स मिशन ने ‘डॉकिंग’ में ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है. इस लम्हे का गवाह बनकर गर्व महसूस हो रहा है.’ इससे पहले 12 जनवरी को इसरो ने उपग्रहों को ‘डॉक’ करने के परीक्षण के तहत दो अंतरिक्ष यान को तीन मीटर की दूरी पर लाकर और फिर सुरक्षित दूरी पर वापस भेजा था. इसरो ने 30 दिसंबर 2024 को ‘स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट’ (स्पेडेक्स) मिशन को कामयाबी के साथ शुरू किया था. दो छोटी सेटेलाइट्स, एसडीएक्स01 (चेजर) और एसडीएक्स02 (टारगेट) को 24 पेलोड के साथ ले जाने वाले पीएसएलवी सी60 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले ‘लॉन्चपैड’ से उड़ान भरी थी. उड़ान भरने के करीब 15 मिनट बाद लगभग 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान के टार्गेटेड तरीके से 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था. इसरो के मुताबिक स्पेडेक्स मिशन दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग कर अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ के लिए एक किफायती टेक्नोलॉजी मिशन है जिसे पीएसएलवी के जरिये लॉन्च किया गया था. क्यों जरूरी है यह टेक्नोलॉजी ? अंतरिक्ष में ‘डॉकिंग’ तकनीक तब जरूरी होती है जब सामान्य मिशन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कई रॉकेट लॉन्च की जरूरत होती है. यह टेक्नोलॉजी हिंदुस्तान की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं जैसे चंद्रमा पर हिंदुस्तानीय मिशन, चंद्रमा से नमूने वापस लाना, हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) बनाने और चलाने वगैरह के लिए बेहद जरूरी है. इस मिशन के ज़रिए हिंदुस्तान अंतरिक्ष डॉकिंग टेक्नोलॉजी रखने वाला दुनिया का चौथा देश बनने की बन गया है.

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इसरो रचेगा इतिहास, आज अंतरिक्ष में करेगा डॉकिंग का प्रयोग; इन देशों में हो जाएगा शामिल

इसरो नौ जनवरी को इतिहास रचेगा। इसरो कक्षा में दो उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग का अपना महत्वाकांक्षी प्रयोग करेगा। यह प्रयोग सात जनवरी को निर्धारित था लेकिन इसे गुरुवार सुबह के लिए स्थगित कर दिया गया। अगर इसरो अपने इस मिशन में सफल रहा तो हिंदुस्तान अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। नया विचार बेंगलुरु। हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) नौ जनवरी को कक्षा में दो उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग का अपना महत्वाकांक्षी प्रयोग करेगा। यह प्रयोग सात जनवरी को निर्धारित था, लेकिन इसे गुरुवार सुबह के लिए स्थगित कर दिया गया। अगर इसरो अपने इस मिशन में सफल रहा तो हिंदुस्तान अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। स्पैडेक्स एक महत्वपूर्ण परियोजना है इसरो के अनुसार, स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (स्पैडेक्स) मिशन दोनों उपग्रहों का उपयोग करके अंतरिक्ष में डॉकिंग की किफायती प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन का मिशन है। यह तकनीक हिंदुस्तान की अंतरिक्ष योजनाओं के लिए आवश्यक है। जैसे हिंदुस्तानीय को चंद्रमा पर भेजना, चंद्रमा से नमूने लाना, हिंदुस्तानीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) का निर्माण और संचालन आदि। इसरो ने कहा कि स्पैडेक्स एक महत्वपूर्ण परियोजना है, इसे दो छोटे उपग्रहों के इस्तेमाल से अंतरिक्ष यानों को जोड़ने, डॉकिंग व अनडॉकिंग के लिए आवश्यक तकनीक विकसित व प्रदर्शित करने के लिए डिजाइन किया गया है। 30 दिसंबर को इसरो ने मिशन किया था लॉन्च इसरो ने 30 दिसंबर को स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। PSLV C60 रॉकेट ने दो छोटे उपग्रहों SDX01 और SDX02 व 24 पेलोड के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्च पैड से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के लगभग 15 मिनट बाद करीब 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे अंतरिक्ष यान को 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था। क्यों अहम है स्पैडेक्स मिशन? मिशन के तहत इसरो अंतरिक्ष में दो छोटे अंतरिक्ष यान के साथ डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक का प्रदर्शन करेगा। इस मिशन के सफल होने पर हिंदुस्तान को कई अन्य अभियान में मदद मिलेगी। चंद्रयान-4 के मिशन के तहत हिंदुस्तान चंद्रमा से मिट्टी के नमूने लाने की तैयारी कर रहा है। अगर डॉकिंग मिशन सफल रहा तो चंद्रमा से नमूने लाना आसान होगा। हिंदुस्तान अंतरिक्ष में अपना स्टेशन बनाने की तैयारी में है। मगर स्टेशन के लिए डॉकिंग तकनीक का होना आवश्यक है।

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बंद हो सकता है आपका Youtube चैनल, भूल से भी न करें ये 5 गलतियां

 लोग सालों से मेहनत करते हैं तो जाकर यूट्यूब पर व्यूज आने और सब्सक्राइबर्स बढ़ने शुरू होते हैं. ऐसे में सालों की मेहनत को आपकी एक गलती बर्बाद कर सकती है, आप भी अगर यूट्यूबर हैं तो आपको उन गलतियों की जानकारी होनी चाहिए जिनकी वजह से अकाउंट पर ताला लग सकता है.   नया विचार-  Youtube लोगों की कमाई का जरिया बन चुका है, आज हर दूसरा व्यक्ति इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक जैसे कई सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है. नए-नए वीडियो देखने के शौकीन लोग यूट्यूब पर काफी वक्त बिताते हैं. यूट्यूब पर वीडियो बनाने वालों को कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए नहीं तो आपकी सालों की मेहनत पर पानी फिर सकता है. नौबत तो यहां तक आ सकती है कि एक छोटी सी गलती की वजह से Youtube Channel बंद भी किया जा सकता है. आप भी अगर यूट्यूबर हैं और यूट्यूब से कमाई करते हैं तो आपको उन गलतियों के बारे में पता होना चाहिए जिन्हें करने से आप मुश्किल में पड़ सकते हैं.   पहली गलती यूट्यूब अकाउंट से कुछ भी ऐसा पोस्ट न करें जो आपत्तिजनक हो या फिर समाज में नफरत फैलाने का काम करें. पहली गलती पर तो यूट्यूब आपको नोटिस देगा, दूसरी गलती पर आपके अकाउंट पर स्ट्राइक पड़ेगी. गौर करने वाली बात यह है कि 3 स्ट्राइक पड़ते ही अकाउंट बंद कर दिया जाएगा. दूसरी गलती यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करने से पहले कंपनी के सभी नियमों को सही से पढ़ लें क्योंकि अगर आपने यूट्यूब नियमों का उल्लंघन किया तो आपका अकाउंट बंद हो सकता है. नियमों में साफ-साफ लिखा हुआ है कि आप क्या कर सकते और क्या नहीं कर सकते हैं. नियमों की अनदेखी आपके अकाउंट पर भारी पड़ सकती है.   तीसरी गलती यूट्यूब पर गाने, कॉमेडी और भी कई तरह के वीडियो अपलोड होते हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना है कि यूट्यूब पर कोई भी अश्लील कंटेंट को पोस्ट नहीं करना है. ऐसा करने पर आपका अकाउंट तत्काल प्रभाव से बंद हो सकता है. चौथी गलती बिना परमिशन अगर आप अपने वीडियो में किसी गाने या वीडियो क्लिप का इस्तेमाल करते हैं तो इसका मतलब यह है कि आप कॉपीराइट नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे में आपका चैनल बंद किया जा सकता है.   पांचवी गलती यूट्यूब चैनल के लिए कोई भी ऐसी वीडियो न बनाए जो धार्मिक भावनाओं को आहत करे, ऐसा करने पर भी यूट्यूब आपके अकाउंट पर ताला लगा सकता है.

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ऐप्पल सिरी पर यूजर्स की बातें सुनने का आरोप, देना पड़ सकता है 814 करोड़ का मुआवजा

  Apple ने एक मुकदमे का निपटारा करने के लिए 95 मिलियन डॉलर (करीब 814 करोड़) का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है। कंपनी पर आईफोन और अन्य ऐप्पल डिवाइसेस यूजर्स की नया विचार – Apple ने एक मुकदमे का निपटारा करने के लिए 95 मिलियन डॉलर (करीब 814 करोड़) का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें कंपनी पर अपने आईफोन और अन्य ट्रेंडी डिवाइसेस का उपयोग करने वाले लोगों की बातचीत सुनने के लिए अपने वर्चुअल असिस्टेंट सिरी का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है।   ऐप्पल पर चुपके से यूजर्स की बातचीत सुनने का आरोप एपीन्यूज के मुताबिक, ओकलैंड, कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में मंगलवार को दायर प्रस्तावित समझौते से पांच साल पुराने मुकदमे का समाधान हो जाएगा, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ऐप्पल ने एक दशक से अधिक समय तक आईफोन और वर्चुअल असिस्टेंट से लैस अन्य डिवाइसेस के माध्यम से बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए सिरी को चुपके से एक्टिवेट किया।   रिकॉर्ड की गई कुछ बातचीत विज्ञापनदाताओं को दी   यह कथित रिकॉर्डिंग तब भी हुई जब लोगों ने ट्रिगर शब्दों, “अरे, सिरी” के साथ वर्चुअल असिस्टेंट को एक्टिवेट करने की कोशिश नहीं की। मुकदमे में दावा किया गया कि रिकॉर्ड की गई कुछ बातचीत को विज्ञापनदाताओं के साथ शेयर किया गया ताकि वे अपने प्रोडक्ट्स को उन लोगों को बेच सकें जिनकी उन प्रोडक्ट्स और सर्विसेस में अधिक रुचि होने की संभावना है।   अक्सर प्राइवेसी की रक्षा का दावा करती है कंपनी   सिरी की जासूसी करने के आरोप ऐप्पल की अपने ग्राहकों की प्राइवेसी की सुरक्षा करने की प्रतिबद्धता के विपरीत हैं। ऐप्पल इस समझौते में किसी भी तरह की गलती को स्वीकार नहीं कर रहा है, जिसे अभी भी यू.एस. डिस्ट्रिक्ट जज जेफरी व्हाइट द्वारा अप्रूव किया जाना है। मामले में वकीलों ने शर्तों की समीक्षा के लिए 14 फरवरी को ओकलैंड में कोर्ट की सुनवाई निर्धारित करने का प्रस्ताव रखा है।   मुआवजे में यूजर्स को मिलेंगे इतने पैसे   यदि समझौते को मंजूरी मिल जाती है, तो 17 सितंबर, 2014 से लेकर पिछले साल के अंत तक iPhone और अन्य Apple डिवाइस रखने वाले लाखों उपभोक्ता क्लेम फाइल कर सकते हैं। हर उपभोक्ता को समझौते के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक सिरी-इनेबल्ड डिवाइस के लिए $20 (करीब 1700 रुपये) तक मिल सकते हैं, हालांकि क्लेम के वॉल्यूम के आधार पर भुगतान कम या अधिक किया जा सकता है। कोर्ट के डॉक्यूमेंट्स में अनुमान के अनुसार, केवल 3% से 5% पात्र उपभोक्ताओं द्वारा दावे दायर करने की उम्मीद है। पात्र उपभोक्ता अधिकतम पांच डिवाइसेस पर मुआवजा मांगने तक सीमित रहेंगे।   यह समझौता ऐप्पल द्वारा सितंबर 2014 से अर्जित 705 बिलियन डॉलर (करीब 60 लाख करोड़) के मुनाफे का एक छोटा सा हिस्सा है। यह उस लगभग 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 12,800 करोड़) का एक अंश भी है, जिसका उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने अनुमान लगाया था कि यदि कंपनी वायरटैपिंग और अन्य गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो ऐप्पल को यह भुगतान करना पड़ सकता है, यदि मामला सुनवाई के लिए जाता है। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, मुकदमा दायर करने वाले वकील अपनी फीस और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए सेटलमेंट फंड से 29.6 मिलियन डॉलर (253 करोड़) तक की राशि की मांग कर सकते हैं।

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अब फाइनेंशियल स्कैम पर लगेगी लगाम, गूगल 15 जनवरी को अपडेट विज्ञापन पॉलिसी

  नया विचार –  फाइनेंशियल स्कैम्स, खास तौर पर क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर में प्रचलित घोटालों से निपटने के लिए गूगल 15 जनवरी को अपनी एडवरटाइजिंग पॉलिसी को अपडेट करने जा रहा है। यह कदम क्रिप्टो प्रामोशन्स से जुड़ी अनियमितताओं के बारे में यूके के अधिकारियों को मिली कई शिकायतों के जवाब में उठाया जा रहा है। इन बदलावों को लागू करके, गूगल का लक्ष्य क्रिप्टोकरेंसी विज्ञापन पर यूके के नियमों का पालन करना है। 15 जनवरी को पॉलिसी अपडेट करेगा गूगल इंडिया टूडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, 15 जनवरी को गूगल लाइसेंसिंग को बनाए रखने के लिए यूके के फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी (FCA) को क्रिप्टो प्लेटफॉर्म विज्ञापन दिखाना शुरू कर देगा। कंपनी ने अपने सपोर्ट पेज पर इस पॉलिसी अपडेट के बारे में विस्तार से बताया है, जिसमें कहा गया है कि यह NFT और अन्य क्रिप्टो एसेट्स समेत क्रिप्टोकरेंसी के लिए प्राइवेट-की रखने के लिए डिजाइन किए गए हार्डवेयर वॉलेट के प्रचार की अनुमति देगा। हालांकि, गूगल उन सर्विसेस के लिए विज्ञापन की अनुमति नहीं देगा जिनमें क्रिप्टोकरेंसी खरीदना, बेचना, एक्सचेंज करना या ट्रेडिंग करना शामिल है। पॉलिसी अपडेट क्रिप्टो को बढ़ावा देने वाली फर्म्स के लिए क्रिप्टो को बढ़ावा देने वाली फर्म्स को गूगल के आगामी बदलावों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी। कंपनी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इन पॉलिसीज का उल्लंघन करने वाले अकाउंट्स को तुरंत सस्पेंड नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, यदि कोई क्रिप्टो कंपनी यूके FCA रेजिस्ट्रेशन के बिना विज्ञापन करती है, तो उन्हें एक नोटिफिकेशन मिलेगा और उसका पालन करने के लिए सात दिन की छूट दी जाएगी। यदि वे उस समय सीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन करने में विफल रहते हैं, तो उनके अकाउंट सस्पेंशन के अधीन होंगे।   2023 में, यूके के अधिकारी, निवेशकों को अनवेरिफाइड क्रिप्टोकरेंसी सर्विसेस के कारण संभावित नुकसान और धोखाधड़ी से बचाने के उद्देश्य से पॉलिसीज पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। उस वर्ष जून में, FCA ने क्रिप्टो विज्ञापनों को मंजूरी दे दी, लेकिन अनिवार्य किया कि जोखिमों और झूठे वादों के बारे में चेतावनियां शामिल की जाएं। इसके अलावा, यूके के रेगुलेटर्स ने क्रिप्टो प्लेटफॉर्म से ऐसे प्रमोशन ऑफर करने से परहेज करने का आग्रह किया है जिसमें रेफरल बोनस शामिल हों।   गूगल ने कई पदों में कटौती की बता दें कि, बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल ने ऑपरेशनल एफिशियंसी में सुधार के लिए चल रही पहल के तहत अपने टॉप मैनेजमेंट पदों में 10 प्रतिशत की कटौती की है। सीईओ सुंदर पिचाई ने 18 दिसंबर को हुई एक सर्व-सम्मत बैठक के दौरान इस बारे में जानकारी दी। कटौती ने विशेष रूप से मैनेजर्स, डायरेक्टर्स और वाइस प्रेसिडेंट्स सहित भूमिकाओं को प्रभावित किया। रिपोर्ट में गूगल के प्रवक्ता द्वारा कहा गया है कि कुछ पदों को नॉन-मैनेजरियल भूमिकाओं में बदल दिया गया है, जबकि अन्य को समाप्त कर दिया गया है।

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