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वक्फ कानून में संशोधन के सभी 14 प्रस्ताव पास, विपक्ष के सभी 44 सुझाव संसदीय समिति से खारिज

नया विचार – संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने वक्फ अधिनियम में संशोधनों पर विपक्षी सांसदों के सभी प्रस्ताव खारिज कर दिए। इसके साथ ही, जेपीसी ने सोमवार दोपहर वक्फ संशोधन विधेयक को 14 बदलावों के साथ मंजूरी दे दी। यह विधेयक पिछले साल अगस्त में सदन में पेश किया गया था। समिति में सत्तारूढ़ हिंदुस्तानीय जनता पार्टी (BJP) के जगदम्बिका पाल के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने 44 संशोधनों का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सभी को अस्वीकार कर दिया गया। न्यूज वेबसाइट NDTV ने सूत्रों के हवाले से समाचार दी है कि 14 प्रस्तावित बदलावों पर 29 जनवरी को मतदान होगा और अंतिम रिपोर्ट 31 जनवरी तक जमा की जाएगी। समिति को मूल रूप से 29 नवंबर तक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, लेकिन इस समय सीमा को बजट सत्र के अंतिम दिन 13 फरवरी तक बढ़ा दिया गया। बैठकें खत्म, जोरदार हंगामा संशोधनों का अध्ययन करने के लिए गठित समिति की कई बैठकें हुईं, लेकिन कई बैठकें हंगामे के बीच खत्म हो गईं। विपक्षी सांसदों ने अध्यक्ष पर सत्ताधारी पार्टी के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया। पिछले हफ्ते विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जगदंबिका पाल 5 फरवरी के दिल्ली चुनाव को ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक को जल्दबाजी में पारित कराने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष का जोरदार विरोध यह अपील 10 विपक्षी सांसदों के निलंबन के बाद आई। उनकी और उनके सहयोगियों की शिकायत थी कि उन्हें सुझाए गए बदलावों का अध्ययन करने का समय नहीं दिया जा रहा है। निलंबित सांसदों में तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी शामिल थे। दोनों ही वक्फ संशोधन विधेयक के कट्टर आलोचक हैं। उदाहरण के लिए, अक्टूबर में बनर्जी का रौद्र रूप देखने को मिला, जब उन्होंने मेज पर एक कांच की बोतल तोड़ दी और उसे पाल पर फेंक दिया। बाद में उन्होंने अपने कृत्य के बारे में बताया कि एक अन्य बीजेपी सांसद, कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने उनके परिवार के बारे में अपशब्द कहे और इसी से उन्हें इतना गुस्सा आया।

अपराध, ताजा ख़बर, पटना

पटना के मनेर में फायरिंग, मोकामा के FCI कर्मी की गोली मार कर हत्या

नया विचार पटना- बिहार की राजधानी पटना में सनसनीखेज मर्डर की वारदात को अंजाम दिया गया है. पटना सेसटे दानापुर में अपराधियों ने एफसीआई कर्मी को गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया है. मनेर थाना क्षेत्र के छितनांवा बधार में रविवार को देर रात एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या की गई है. हत्या के पीछे कारण का पता नहीं मृतक शाहपुर के दाउदपुर बगीचा निवासी बुधन राय के 47 वर्ष रामदेव राय हैं. रामदेव राय के बारे में बताया जा रहा है कि मोकामा में एफसीआई कर्मी और जमीन कारोबारी थे. रामदेव राय को क्यों गोली मारी गई और किसने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. अभी इसके बारे में पता नहीं चल सका है. घटना के बाद पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है.

अपराध, ताजा ख़बर, बिहार

नवादा में व्यवसायी से करीब 19 लाख की लूट:नवादा में गोलीबारी करते भागे बदमाश, घटनास्थल से एक कारतूस और 8 खोखे बरामद

नया विचार – नवादा के शाहपुर थाना क्षेत्र में पशु व्यवसायी पर अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर करीब 19 लाख रुपए की लूट की वारदात को अंजाम दिया। घटना में व्यवसायी को भी गोली लगी है, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें पावापुरी स्थित मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़ित की पहचान सरवर मास्टर के रूप में हुई है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू कर दी। करीब 19 लाख रुपए की हुई लूट घटना की सूचना पर डीएसपी महेश चौधरी ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि मौके से एक जिंदा कारतूस और आठ खोखे बरामद किए गए हैं। हालांकि, लूट की गई राशि की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अपराधी लगभग 19 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। अपराधियों की धमक से इलाके में दहशत का माहौल है। गोलीबारी की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग भी वहां से भाग गए। पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम गठित की है और आसपास के इलाकों में छापेमारी की जा रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रहे हैं।  

ताजा ख़बर, शिक्षा

अब सॉफ्टवेयर से ही सभी शिक्षकों का तबादला, कोई भी ट्रांसफर नहीं होगा मैनुअल

नया विचार पटना– बिहार प्रशासन ने शिक्षकों के तबादले का तरीका बदल दिया है। अब सब कुछ ऑनलाइन होगा। यह बदलाव पारदर्शिता लाने और काम जल्दी करने के लिए किया गया है। 30 जनवरी तक पहली लिस्ट आने की उम्मीद है। मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के बाद ही शिक्षकों की नई जगहों पर पोस्टिंग होगी। इसका मतलब ये हुआ कि अब शिक्षकों का तबादला पूरी तरह डिजिटल हो गया है। इससे तबादले में होने वाली गड़बड़ी और देरी से छुटकारा मिलेगा। शिक्षा विभाग ने कहा है कि अब कोई मैनुअल तबादला नहीं होगा। सॉफ्टवेयर के जरिए तबादले से पारदर्शिता आएगी और काम तेजी से होगा। इससे शिक्षकों को उनकी योग्यता के हिसाब से जगह मिलेगी। बिहार में मैनुअल नहीं होगा टीचर ट्रांसफर बिहार शिक्षा विभाग 30 जनवरी तक पहले चरण के तबादलों की सूची जारी करेगा। सभी जिलों से ऑनलाइन रिक्त पदों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है। ट्रांसफर का पूरा कार्यक्रम जल्द ही जारी होगा। पूरी प्रक्रिया चार चरणों में होगी। पहला चरण जनवरी में पूरा होगा। बाकी तीन चरण फरवरी में पूरे होंगे। हर चरण की नई तारीखों का ऐलान बाद में होगा। शिक्षकों को उनके नए स्कूल की जानकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से दी जाएगी। मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के बाद ही शिक्षकों की पोस्टिंग होगी। इस बारे में शिक्षा विभाग में एक अहम बैठक हुई। इसमें सॉफ्टवेयर में डेटा डालने और खाली पदों की जानकारी अपडेट करने पर बात हुई। बैठक के बाद नई तारीखों का ऐलान किया जाएगा। कैंसर पीड़ित 35 शिक्षकों का तबादला अभी तक 35 कैंसर पीड़ित शिक्षकों का तबादला किया जा चुका है। शिक्षा विभाग का कहना है कि यह कदम तबादले में होने वाले भ्रष्टाचार और पक्षपात को रोकने के लिए उठाया गया है। सॉफ्टवेयर से सभी शिक्षकों को उनकी योग्यता और खाली पदों के हिसाब से सही जगह पर पोस्टिंग मिलेगी। फरवरी में शिक्षकों को उनके नए स्कूल के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को भरोसा दिलाया है कि नई प्रणाली से देरी और गड़बड़ी नहीं होगी। इससे पहले तबादले में बहुत समय लगता था और कई बार धांधली की शिकायतें भी आती थीं। नई व्यवस्था से इन समस्याओं का समाधान होगा। इससे शिक्षकों को भी राहत मिलेगी और वे अपने काम पर ध्यान दे सकेंगे। इस नए सिस्टम से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की उम्मीद है। अब साहब की चक्कर लगाने की जरूरत नहीं इस डिजिटल बदलाव से शिक्षा विभाग के कामकाज में भी तेजी आएगी। अधिकारी अब कागजी कार्रवाई में कम समय लगाएंगे और ज्यादा ध्यान नीतिगत मामलों पर दे पाएंगे। यह बदलाव शिक्षा विभाग के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। प्रशासन का मानना है कि यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांति लाएगा। इस नए सिस्टम से शिक्षकों को भी फायदा होगा। उन्हें अब तबादले के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इससे उनकी समय और ऊर्जा की बचत होगी। वे अपना पूरा ध्यान बच्चों की पढ़ाई पर लगा सकेंगे। यह व्यवस्था शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार लाएगी।  

घटनाएँ, ताजा ख़बर

DMCH के हॉस्टल में वैशाली के युवक ने लगाई फांसी, कमरे को सील कर जांच में जुटी पुलिस

नया विचार दरभंगा – डीएमसीएच के राजीव गांधी 2 छात्रावास में एक युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतक रूपेश कुमार, वैशाली जिले के सलेमपुर गांव का रहने वाला था। वह अपने बहनोई से मिलने आया था, जो डीएमसीएच में इंटर्नशिप कर रहे हैं। रूपेश पर पूर्व में कुछ गंभीर आरोप भी लगा था, जिसके बाद से वह मानसिक रूप से परेशान था। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। हॉस्टल में लगाई फांसी रूपेश कुमार 26 जनवरी को छात्रावास आया था। उसका बहनोई डीएमसीएच में इंटर्नशिप कर रहा है। रूपेश उनसे मिलने आया था। आने के बाद, रूपेश अपने बहनोई से मिलने डीएमसीएच गया। इसी दौरान यह दुखद घटना घटी। रूपेश ने छात्रावास के कमरा नंबर 544 में फांसी लगा ली। घटना की जानकारी मिलते ही बेंता थाना पुलिस मौके पर पहुंची। अन्य थानों की पुलिस भी वहां पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और बाद में परिजनों को सौंप दिया। मृतक पर गंभीर आरोप पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस इसकी जांच कर रही है। डीएमसीएच के कई डॉक्टर भी घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने FSL टीम को बुलाकर नमूने भी लिए हैं। छात्रावास के कमरे की भी जांच की जा रही है। कुछ लोग इसे हत्या मान रहे हैं, तो कुछ आत्महत्या। कुछ महीने पहले मृतक रूपेश ने अपने एक दोस्त को होटल से खाना लाने भेजा था। रास्ते में उस दोस्त का एक्सीडेंट हो गया और उसकी मौत हो गई। रूपेश पर उसका शव गायब करने का आरोप लगा था। पुलिस ने शुरू की जांच बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने बताया कि मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है। सुसाइड नोट की जांच की जा रही है। पुलिस सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रही है। सुसाइड नोट से कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या रूपेश ने वाकई आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई। जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।

ताजा ख़बर, बिहार

बिहार के सरकारी दफ्तर होंगे पेपरलेस, ई-ऑफिस सिस्टम लागू से बढ़ेगी पारदर्शिता; खत्म होगा भ्रष्टाचार

नया विचार पटना– बिहार प्रशासन एक बड़ा बदलाव लाने जा रही है। 1 फरवरी 2025 से सभी प्रशासनी दफ्तरों में कागज़ों का काम ख़त्म होगा। इसके बदले ई-ऑफिस सिस्टम शुरू होगा। इससे फाइलों का काम जल्दी होगा और पारदर्शिता भी बढ़ेगी। शिवहर ज़िले के सभी प्रशासनी दफ्तरों में, समाहरणालय से लेकर अंचल तक, यह नया सिस्टम लागू होगा। कर्मचारियों को इसके लिए ट्रेनिंग भी दी जा रही है। कामकाज में तेजी और पारदर्शी व्यवस्था के लिए ई-ऑफिस सिस्टम राज्य प्रशासन ने प्रशासनी कामकाज को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने का फ़ैसला किया है। इससे अब फाइलें कंप्यूटर पर चलेंगी, कागज़ों की ज़रूरत नहीं होगी। इस बदलाव से समय की बचत होगी और काम जल्दी निपटेगा। साथ ही, काम में पारदर्शिता भी आएगी। इसके लिए सभी कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि उन्हें नए सिस्टम में काम करने में कोई दिक्कत न हो। शिवहर ज़िले में भी तीन दिन की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। शिवहर जिले के सभी कर्मचारियों को मिला यूजर आईडी शिवहर के सभी प्रशासनी दफ्तरों, जैसे समाहरणालय, अनुमंडल कार्यालय, प्रखंड और अंचल, में यह नया सिस्टम लागू होगा। सभी कर्मचारियों को यूजर आईडी भी दे दी गई है। पटना से आये विशेषज्ञ आनंद प्रकाश मिश्रा मंजय और आशुतोष कुमार भास्कर ने कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी। यह ट्रेनिंग तीन चरणों में पूरी हुई। ट्रेनिंग समाहरणालय सभागार और डायट में हुई। इसमें सभी दफ्तरों के प्रभारी अधिकारी और उनके नीचे काम करने वाले कर्मचारी शामिल हुए। फाइलें अब इधर-उधर नहीं घूमेंगी, काम जल्दी होगा बताया गया है कि इस नए सिस्टम से प्रशासनी कामकाज में बड़ा बदलाव आएगा और लोगों को इसका फ़ायदा मिलेगा। अब फाइलें इधर-उधर नहीं घूमेंगी और काम जल्दी होगा। इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। लोगों को प्रशासनी दफ्तरों के चक्कर कम लगाने पड़ेंगे। यह सिस्टम पूरी तरह डिजिटल होगा। इससे कागज़ की बचत होगी और पर्यावरण को भी फ़ायदा होगा। प्रशासन का यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्रशासन को और भी बेहतर और कुशल बनाएगा। आने वाले समय में इसके और भी अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे। यह व्यवस्था सभी प्रशासनी विभागों में लागू होगी।

ताजा ख़बर, पटना

गांधी सेतु पर हादसा, आपस में टकराई 3 बड़ी गाड़ियां:दूसरे दिन भी 7-8 घंटे से लगा हुआ है जाम, रूट बदलकर निकल रही हैं छोटी गाड़ियां

नया विचार पटना- पटना में दूसरे दिन भी बाईपास जाम है। गांधी सेतु पुल पर भीषण रोड एक्सीडेंट हुआ है। कोहरे के कारण आपस में 3 बड़ी गाड़ियां टक्करा गई। हाजीपुर के तरफ पाया नंबर 7 के पास यह हादसा हुआ है। घटना देर रात की है। हाजीपुर से आने और जाने वाला लेन पूरी तरह से ठप है। इधर, दुर्घटना के चलते जीरोमाइल, बड़ी पहाड़ी, छोटी पहाड़ी, बैरिया बस स्टैंड के पास भी भीषण जाम की स्थिति है। बाईपास होकर पटना सिटी की ओर जाने वाली छोटे वाहन ऑटो, ई रिक्शा भी प्रभावित हैं। रविवार के दिन भी इस इलाके में भीषण जाम लगा रहा। दोपहर में कुछ देर के लिए जाम हटा, लेकिन शाम होते दोबारा से जाम लगना शुरू हो गया। 7-8 घंटे से लगा हुआ है जाम : पुलिस ट्रैफिक इंस्पेक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि हाजीपुर के तरफ एक्सीडेंट हुआ है। जाम की स्थिति तो बनी ही रहती है। इसी में धीरे-धीरे गाड़ी निकल रही है। जबकि सुबह से एक भी बड़ी गाड़ी नहीं निकल पाई है। पिछले 7-8 घंटे से जाम लगा हुआ है। बैरिया बस स्टैंड से खुलने वाली बसें भी जाम के चलते समय से नहीं खुल पा रही हैं। राहगीर पैदल या निजी छोटे वाहनों से रूट बदलकर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल मौके पर ट्रैफिक पुलिस पहुंचकर गाड़ियों को हटाने की कोशिश में जुट गई है।

ताजा ख़बर, बिहार

बिहार की तरह मध्य प्रदेश में भी जाम छलकाने वालों पर अब कानून की नजर, इन जगहों से हो रही शुरुआत, जानें

नया विचार पटना- शराब के मामले में मध्य प्रदेश अब बिहार की राह चलने को तैयार है। 1 अप्रैल 2025 से 19 जगहों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लागू किया जाएगा। हालांकि, एमपी प्रशासन थोड़ी राहत दे रही, कहा गया है कि प्रतिबंध लागू होने के बावजूद कोई भी व्यक्ति बाहर से शराब लाकर पी सकेगा। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस प्रतिबंध से प्रशासन को लगभग 450 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा। एमपी के 17 धार्मिक शहरों में शराब पर प्रतिबंध मध्य प्रदेश में 17 ‘धार्मिक नगरों’ सहित 19 स्थानों पर 47 ‘संयुक्त शराब की दुकानें’ (जहां ‘हिंदुस्तान में निर्मित विदेशी शराब और देशी शराब दोनों बेची जाती हैं) 1 अप्रैल से बंद कर दी जाएंगी। नाम न बताने की शर्त पर आबकारी विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इन स्थानों पर शराब पीना अपराध नहीं होगा और इसके लिए कोई दंड नहीं दिया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को इस निर्णय की घोषणा की। अधिकारियों ने बताया कि इन स्थानों पर शराब ले जाने और पीने पर रोक लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम, 2016 जैसा कानून आवश्यक है। मध्य प्रदेश में ऐसा कोई कानून नहीं है। हालांकि, हिंदुस्तानीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा हिंदुस्तानी इसके लिए अभियान चला रही हैं। बिहार की तरह नहीं लागू होगा पूर्ण शराबबंदी एक अधिकारी ने कहा, ‘विशुद्ध कानूनी दृष्टि से यह प्रतिबंध शराब की बिक्री और बार में बैठकर शराब पीने पर रोक लगाता है। व्यक्तियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। लोग व्यक्तिगत रूप से शराब रख सकते हैं और उसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन समूह में नहीं।’ पूरे मध्य प्रदेश में 3,600 शराब दुकानें हैं, जिनसे हर साल लगभग 15,200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व प्राप्त होता है। मध्य प्रदेश के आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की और कहा कि 47 दुकानें बंद करने से राज्य को 450 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। जिन स्थानों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा उनमें एक नगर निगम, छह नगर पालिका, छह नगर परिषद और छह ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इन क्षेत्रों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, चित्रकूट और अमरकंटक जैसे धार्मिक केंद्र शामिल हैं। हालांकि, बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है।

ताजा ख़बर, समस्तीपुर

ट्रक में बना रखा था तहखानाः समस्तीपुर में करीब 15 लाख रुपए की शराब बरामद, एक तस्कर भी गिरफ्तार

नया विचार समस्तीपुर – समस्तीपुर में उत्पाद विभाग की पुलिस ने रोसड़ा थाना क्षेत्र के कल्याणपुर चौक के पास छापेमारी कर एक ट्रक में तहखाना बनाकर छुपाई गई करीब 15 लाख रुपए मूल्य की शराब बरामद की है। इस दौरान पुलिस ने ट्रक चालक को भी गिरफ्तार कर लिया है। ट्रक चालक झारखंड के जामताड़ा थाना क्षेत्र के जामताड़ा गांव निवासी दिनेश साह का पुत्र बृजेश साह बताया गया है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उत्पाद अधीक्षक एसके चौधरी ने बताया कि उत्पाद पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ट्रक में तहखाना बनाकर झारखंड से शराब की बड़ी खेप रोसड़ा थाना क्षेत्र में उतारा जाना है। सूत्रों से मिल रही इनपुट के आधार पर कल्याणपुर चौक के पास झारखंड से अआ रही ट्रक को रोका गया। ट्रक ऊपर से खाली था लेकिन सूचना कंफर्म थी। जिसके बाद ट्रक की ऊपरी परत को कटर मशीन से काटा गया तो नीचे विभिन्न कार्टन में सजाकर रखी गई 1416 बोतल विदेशी शराब बरामद की गई। शराब की बाजार मूल्य करीब 15 लाख रुपए बताई जा रही है। इस दौरान पुलिस ने उक्त ट्रक को भी जब्त कर लिया वहीं चालक को भी गिरफ्तार कर लिया है। बता दे कि इस जिले में इन दिनों तहखाना से शराब बरामद होने का सिलसिला जा रही है। हाल ही में जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में भी घर के अंदर तहखाना बनाकर छुपाई गई शराब पुलिस ने बरामद की थी। एक स्त्री को भी गिरफ्तार किया था। उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि इस मामले में वाहन चालक बृजेश शाह पर प्राथमिक की दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया गया है।

अपराध, ताजा ख़बर, बिहार

जिले में एक्टिव हुआ UPI फ्रॉड गिरोह, अब सीधे दुकान पर पहुंचकर करते हैं ठगी

नया विचार मुजफ्फरपुर – साइबर ठग अब एक कदम आगे आ कर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. अब फिजिकल मोड में छोटे और फुटपाथी दुकानदारों को चूना लगाया जा रहा है. शातिर अलग-अलग तरीके से दुकानदारों से ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. यह गिरोह दिनभर शहरी क्षेत्र में घूमकर ऐसे दुकानदारों को चिह्नित करता है, जिसे आसानी से ठगी का शिकार बनाया जा सके. ये शातिर ग्रुप में दुकान पर पहुंचते हैं. सामान खरीदारी के बाद भुगतान के क्रम में दुकानदार को बातों में उलझा देते हैं. इसी क्रम में मोबाइल पर फर्जी एप के माध्यम से क्यूआर कोड को स्कैन कर उसकी मदद से फर्जी ट्रांजेक्शन आइडी क्रिएट कर सक्सेशफुल भुगतान का मैसेज दुकानदार को दिखाकर चलते बनते हैं. अपने साथ स्पीकर लेकर चलते हैं ठग इनसे बचने के लिए यूपीआइ की सुविधा देने वाली कंपनियों ने स्पीकर का विकल्प दे दिया. ताकि दुकानदार ठगें न जाएं. अब शातिरों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. ये अपने साथ अलग-अलग कंपनियों का स्पीकर भी लेकर चलते हैं. ये अपने ही स्पीकर को स्कैन कर रखते हैं. भुगतान करते समय दुकानदार को उलझाकर अपने ही स्पीकर पर भुगतान कर देते हैं. भुगतान का कन्फर्मेशन स्पीकर पर होते ही ये वहां से निकल जाते हैं. जिले में साइबर ठगी का दूसरा मामला पढ़ें जिल में साइबर ठगी का दूसरा मामला सकरा थाना क्षेत्र के मीरापुर इलाके का है, जहां एक स्त्री को रिव्यू के ट्रैप में फंसाकर 7.10 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. साइबर अपराधी स्त्री को और पैसे देने के लिए दबाव बना रहे थे, लेकिन स्त्री के पास पैसा नहीं था. इस कारण उसने ठगी को लेकर साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत की. प्रियंका ने पुलिस को बताया कि उनके टेलीग्राम और वाट्सएप पर एक मैसेज आया. उसे बताया गया कि व्यापारियों के प्रोडक्ट के लिए अच्छी रेटिंग देनी है. इसके बदले उन्हें पैसे दिये जाएंगे. किसी प्रकार का कोई प्रोडक्ट भी नहीं खरीदने की जरूरत होगी. प्रतिदिन महज 33 रिव्यु देना है. इसके बदले 300 से 400 रुपये मिलेंगे. इसे खाते में सीधे ट्रांसफर कर सकते हैं.

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