बिहार पुल निर्माण निगम के इंजीनियर पर विजिलेंस का एक्शन, 4 ठिकानों पर की छापेमारी
नया विचार पटना- बिहार पुल निर्माण निगम के प्रोजेक्ट इंजीनियर जंग बहादुर सिंह के ठिकानों पर आय से अधिक संपत्ति मामले में गुरुवार देर रात निगरानी ब्यूरो ने दबिश दी. छापेमारी की कार्रवाई शुक्रवार सुबह 4 बजे खत्म हुई है. विजिलेंस की टीम मे जंग बहादुर सिंह के चार ठिकानों पर छापेमारी की. पुनाईचक स्थित फ्लैट, पटना के रूपसपुर थाना क्षेत्र के वेद नगर मोहल्ला, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड स्थित कार्यालय और बक्सर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के दुधानी गांव में यह छापा मारा गया है. इंजीनियर पर आरोप है कि अपने और परिवार के सदस्यों के नाम से पटना एवं बक्सर शहर में करोड़ों की फ्लैट के साथ जमीन खरीदी है. गोपनीय जांच में निगरानी ने इंजीनियर के खिलाफ लगाए गए आरोप को प्रथम दृष्ट्या सही पाया है. जांच के क्रम में आय से अधिक संपत्ति का साक्ष्य पाए जाने के आधार पर निगरानी थाना काण्ड सं0-03/25, 16 जनवरी 2025 धारा-13 (2) सहपठित धारा 13 (1) (बी) भ्र०नि०अधि० 1988 (संशोधित 2018) दर्ज कर लिया गया है. न्यायालय से सर्च वारंट मिलने के बाद गुरुवार को विजिलेंस की टीम ने इंजीनियर जंगबहादुर सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की. विजिलेंस की ओर से बताया गया है कि तलाशी के दौरान बरामद नकद, निवेश से संबंधित कागजात, आभूषण एवं अभिलेख आदि का ब्यौरा पूर्ण रूप से प्राप्त होने पर अलग से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी जाएगी. विजिलेंस की टीम को मिले कई महत्वपूर्ण दस्तावेज इंजीनियर जंग बहादुर सिंह को विजिलेंस की टीम ने लोहिया पथचक्र पुल के नीचे बने कार्यालय से पकड़ा. यहां विजिलेंस की टीम के साथ इंजीनियर की काफी कहासुनी हुई. इंजीनियर कार्यालय के अंदर जाने को तैयार नहीं था. लेकिन जब विजिलेंस टीम ने उनपर दवाब बनाया तो इंजीनियर ने कार्यालय का कमरा खोला. कार्यालय से विजिलेंस की टीम को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले, जिसे जब्त कर लिया गया. इंजीनियर ने लगाए ये आरोप वहीं इंजीनियर जंग बहादुर सिंह का कहना है कि पूर्व डीजीपी योगेश्वर नाथ श्रीवास्तव से जमीन का विवाद था. जिसको लेकर उन्होंने निगरानी विभाग में शिकायत की थी. ये मामला कोर्ट में चल रहा है इसी को लेकर छापेमारी की गई है.